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प्रेम चोपड़ा
सुन सिनेमा

Sun Cinema : प्रेम चोपड़ा इस शख्स की बात मान लेते तो खलनायक नहीं, बल्कि हीरो होते

5 December 2022

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5:26
दोस्तों जिस तरह से हिंदी सिनेमा में नायकों ने नाम कमाया है उसी तरह एक से बढ़कर एक दिग्गज खलनायकों ने भी दर्शकों के बीच पहचान बनाई है...प्रेम चोपड़ा उन्हीं में से एक हैं...वह भी बॉलीवुड के उन टॉप के कलाकारों में से एक हैं जिन्होंने विलेन के किरदार से खूब सुर्खियां बटोरीं...फिल्मों में उनके डायलॉग्स भी काफी मशहूर रहे हैं...दिग्गज अभिनेता प्रेम चोपड़ा का जन्म 23 सितंबर 1935 को लाहौर में हुआ था...ये तो आप सब जानते हैं कि उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में बंगाल-उड़ीसा में अखबार भी बेचा है...एक्टिंग का शौक था तो बंबई आ गए और फिल्मों में संघर्ष के साथ-साथ एक नामी अखबार में काम करने लगे...प्रेम चोपड़ा को पहला मौका 1960 में आई फिल्म मुड़-मुड़के ना देख में मिला...इसमें हीरो भारत भूषण थे...इसी साल उन्होंने एक पंजाबी फिल्म चौधरी करनैल सिंह भी की जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला था...लेकिन उनकी नजर हिंदी फिल्मों पर ही टिकी थी...उनके खलनायक बनने का किस्सा भी दिलचस्प है....

Sun Cinema : प्रेम चोपड़ा इस शख्स की बात मान लेते तो खलनायक नहीं, बल्कि हीरो होते

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दोस्तों आज बात होगी एक ऐसी मोहब्बत की जो शायद ही आपको पता हो...बॉलीवुड में रोमांटिक फिल्मों के एक नए दौर को शुरू करने वाले निर्माता-निर्देशक यश चोपड़ा और मुमताज की...क्यों उड़ गए न होश...जी हां...अपनी फिल्मों से प्रेम की नई परिभाषा गढ़ने वाले यश चोपड़ा भी मुमताज की मोहब्बत में गिरफ्त थे...चलिए सुनाते हैं ये किस्सा....60-70 के दशक की मशहूर हीरोइन मुमताज तो आप सभी को याद होंगी ही। उस दौर में उनकी अदा, स्टाइल और एक्टिंग के दौरान उनकी हल्की सी मुस्कान सभी को अपना दीवाना बना देती थी। लेकिन शायद ही आप जानते हों कि लाखों दिलों को घायल कर देने वाली मुमताज निर्देशक यश चोपड़ा के प्यार में पागल थीं। खुद यश चोपड़ा भी मुमताज को बेहद पसंद करते थे।

आज हम ऐसी लव स्टोरी के बारे में बताएंगे जिसमें प्यार हुआ, इकरार हुआ लेकिन ये प्यार करने वाले कभी एक ना हो सके। ये दास्तां है नरगिस और राज कपूर की बेइंतहा मोहब्बत की। तो चलिए शुरुआत करते हैं दोनों की पहली मुलाकात से... साल 1946... राज कपूर ने फिल्म 'आग' का निर्देशन शुरू कर दिया था। इस फिल्म के लिए राज कपूर स्टूडियो की तलाश में थे। उन्हें पता चला कि नरगिस की मां जद्दन बाई मुंबई के 'फेमस स्टूडियो' में रोमियो-जूलियट बना रही हैं। वो 'फेमस स्टूडियो' के बारे में जानना चाहते थे इसलिए राज कपूर जद्दन बाई के घर पहुंच गए। उस दिन जद्दन बाई घर पर नहीं थीं।

दोस्तों आज बात करेंगे 30 अप्रैल 1982 को रिलीज हुई फिल्म नमक हलाल की जिसे निर्देशित किया था प्रकाश मेहरा ने. मुख्य भूमिकाओं में थे. अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, स्मिता पाटिल, परवीन बाबी, वहीदा रहमान, ओम प्रकाश, रंजीत, सत्येन कप्पू। गीत अंजान ने लिखे थे और सुरों से सजाया था बप्पी लहरी ने। यह फिल्म 1982 की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर थी और उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी थी. फिल्म लावारिस की सफलता के बाद निर्देशक प्रकाश मेहरा ने अपनी अगली फिल्म नमक हलाल पर काम शुरू किया. नमक हलाल के हीरो के तौर पर अमिताभ बच्चन पहले से ही फाइनल थे. अमिताभ बच्चन ने अर्जुन सिंह की भूमिका निभाई है जो 1968 की हॉलीवुड फिल्म द पार्टी के नायक हृंडी बख्शी के चरित्र से प्रभावित है.. हृंडी बख्शी एक भारतीय किरदार है जिसे ब्रिटिश हास्य अभिनेता पीटर सेलर्स ने फिल्म द पार्टी में निभाया था। नमक हलाल का वो सीन जब पार्टी में अमिताभ बच्चन का एक जूता पानी में गिर जाता है वो हॉलीवुड फिल्म द पार्टी से ही कॉपी किया गया है...

दोस्तों आज हम कहानी लेकर आए हैं अपने जमाने की मशहूर अदाकारा ललिता पवार की...जी हां जिनका नाम सुनते ही जालिम सास का चेहरा सामने आ जाता है...फिल्मों की वो ऐसी खतरनाक सास थीं, जिनकी छाती पर आकर तो सांप भी रस्सी बन जाता था...ये मैं नहीं बोल रहा..ये डायलॉग उन्होंने 1970 में आई फिल्म सास भी कभी बहू थी में बोला था...वैसे तो उन्होंने हिंदी, मराठी और गुजराती मिलाकर करीब 700 फिल्मों में काम किया है लेकिन रामायण में निभाए गए मंथरा के किरदार ने उन्हें घर-घर मशहूर कर दिया था...उन्हें भारतीय सिनेमा की फर्स्ट लेडी भी कहा जाता था...

रोमांटिक किंग यश चोपड़ा ने साल 1997 में एक सुपर-डुपर हिट फिल्म बनाई थी जिसका नाम था 'दिल तो पागल है।' शायद अब आप समझ गए होंगे और यदि नहीं तो चलिए याद दिला देते हैं। फिल्म में शाहरुख खान, माधुरी दीक्षित और करिश्मा कपूर लीड रोल में नजर आए थे। वहीं अक्षय कुमार ने कैमियो किया था। डांस, म्यूजिक और रोमांस से लबरेज इस फिल्म ने दर्शकों को फिर से प्यार करना सिखा दिया था। उस साल फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। लेकिन कम ही लोग जानते होंगे कि करिश्मा से पहले इस फिल्म का ऑफर पांच अभिनेत्रियों को दिया गया था और पांचों ने ही रिजेक्ट कर दिया। उसके बाद करिश्मा को यह रोल मिला और रातों-रात उन्हें एक अलग ही पहचान मिल गई। ऐसे ही बहुत से किस्से और रोचक कहानियां इस फिल्म से जुड़े हैं जिन्हें सुनकर शायद आप भी हैरान हो जाएंगे। 

दोस्तों आज बात होगी मशहूर निर्माता निर्देशक जेपी दत्ता की...जेपी दत्ता को ज्यादातर पुलिस और सेना पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है। जब भी उनका जिक्र होता है तो लोगों के जेहन में सबसे पहले फिल्म आती है 'बॉर्डर'। लेकिन यही बात जेपी दत्ता को बहुत खटकती भी है। उनका मानना है कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कई बेहतरीन फिल्में की हैं लेकिन उनकी सिर्फ एक ही फिल्म की बातें होती हैं। आज हम आपको बताते हैं उनकी बारे में और कैसे उनकी सबसे ज्यादा फिल्मों में काम करने वाले धर्मेंद से अनबन की...जेपी दत्ता ने फिल्म निर्देशन में अपनी शुरुआत वर्ष 1985 में आई फिल्म 'गुलामी' से की है। वैसे उनकी शुरुआत तो पहले ही हो जाती अगर उनकी फिल्म 'सरहद' पूरी होकर सिनेमाघरों तक पहुंचती। 

इंसान में अगर हुनर हो तो वो क्या हासिल नहीं कर सकता ? लेकिन कई बार ये हुनर भी काम नहीं आता और फिर आपको किसी करिश्मे का इंतजार रहता है। कुछ ऐसा ही करिश्मा हुआ था जुबली कुमार यानि एक्टर राजेंद्र कुमार के साथ। अमर उजाला आवाज सुनने वालों को मेरा यानी आसिफ का प्यार भरा नमस्कार...लेकर हाजिर हो गया हूं आपका पसंदीदा शो सुन सिनेमा। 

अमर उजाला आवाज सुनने वालों को मेरा यानी आसिफ का प्यार भरा नमस्कार..हाजिर हो गया हूं आपका पसंदीदा शो सुन सिनेमा लेकर...दोस्तों आज बात होगी सुपरहिट फिल्म अमर अकबर एंथोनी की...27 मई 1977 को ‘अमर अकबर एंथोनी।’रिलीज हुई थी जिसे मनमोहन देसाई ने डायरेक्ट किया था। फिल्म अगर आज के समय में बनी होती तो शायद बेस्ट फिल्म फॉर नेशनल इंटीग्रेशन के लिए अवॉर्ड जीत जाती। लेकिन जिस दौर में आई थी तब भी खूब नाम कमाया। अमिताभ बच्चन को इसके लिए उनके करियर का पहला फिल्मफेयर और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल की जोड़ी को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड मिला था। इसके साथ ही उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी। इसके गाने और वन लाइनर्स ने इंडिया में मसाला फिल्मों के लिए एक नया ट्रेंड सेट कर दिया। इस फिल्म के बनने का प्रोसेस ऐसा था कि फिल्म पूरी भी हो गई लेकिन डायरेक्टर को पता ही नहीं चला। उनके बेटे ने बताया तब पता चला। ऐसे ही कुछ और भी मजेदार किस्से इस फिल्म की मेकिंग से जुड़े हैं जिन्हें सुनकर आपका दिन बन जाए। 

हेलन एक ऐसी अदाकारा रही हैं जिन्होंने फिल्मों में हर तरह के किरदार निभाए हैं। उन्हें हिंदी फिल्मों की आइटम नंबर क्वीन भी कहा जाता है। कहते हैं कि दर्शकों में जोश भरने के लिए उनके आइटम नंबर को फिल्म में जरूर रखा जाता था। उनके डांस के आगे बड़ी-बड़ी अभिनेत्रियां भी फीकी थीं। आइए जानते हैं उनकी जिंदगी के बारे में कुछ दिलचस्प बातें....

हाजिर हूं आपका पसंदीदा शो सुन सिनेमा लेकर...यहां मैं बात करता हूं सिनेमा और सिनेमा से जुड़ी हस्तियों के बारे में...कुछ किस्सों के बारे में....आज मेरे पास जो किस्सा है वो है अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्री मुमताज और बिग बी अमिताभ बच्चन से जुड़ा...कैसे मुमताज ने अपनी मर्सिडीज कार अमिताभ को तोहफे में दे दी थी...बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन कार के शुरू से शौकीन रहे हैं। आज भी उनके पास लगभग 25 कार हैं। अमिताभ शुरू से ही मर्सिडिज के फैन रहे हैं। आज वे कहीं भी जाते हैं तो ज्यादातर अपनी उसी कार का इस्तेमाल करते हैं।  अमिताभ के बारे में यह बात तो लगभग सभी जानते होंगे।

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