Sensex Kya Hota Hai: हम में से अधिकतर लोगों ने सेंसेक्स शब्द को कहीं न कहीं जरूर सुना होगा। क्या आपको पता है कि आखिर सेंसेक्स होता क्या है? अगर नहीं, तो आज हम आपको इसी के बारे में बताने वाले हैं। अक्सर समाचार पत्रों और टीवी चैनलों की डिबेट में सेंसेक्स शब्द हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। सेंसेक्स में हो रहे उतार चढ़ाव पर सबकी नजर बनी रहती है। सेंसेक्स में होने वाले उतार चढ़ाव से शेयर बाजार का व्यवहार कैसा है? इस बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। बड़े बड़े निवेशकों की नजर हमेशा इस सूचकांक पर बनी रहती है। अक्सर जब सेंसक्स में एक बड़ी गिरावट देखने को मिलती है। उस दौरान निवेशकों को घाटे का सामना करना पड़ता है। इसी सिलसिले में आज हम आपको सेंसेक्स के बारे में बताने वाले हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से -
सेंसेक्स
सेंसेक्स BSE यानी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक है। सेंसेक्स के सूचकांक में मार्केट कैप के आधार पर देश के 13 अलग अलग सेक्टर से 30 सबसे बड़ी कंपनियों को इंडेक्स किया जाता है। इसमें रिलायंस, टीसीएस, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनीलिवर, भारती एयरटेल जैसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं।
सेंसेक्स की शुरुआत 1 जनवरी 1986 को की गई थी। इसमें कुल 30 कंपनियां शामिल हैं। इस कारण इसको BSE30 के नाम से भी जाना जाता है। सेंसेक्स के उतार चढ़ाव से ये पता चलता है कि देश की बड़ी कंपनियों और शेयर बाजार की क्या स्थिति है?
सेंसेक्स का फुल फॉर्म स्टॉक एक्सचेंज सेंसिटिव इंडेक्स (Stock Exchange Sensitive Index) है। सेंसेक्स में हो रहे उतार चढ़ाव का पता उसमें इंडेक्स की गईं 30 कंपनियों के शेयर प्राइस के गिरने और उठने से लगाया जाता है।
सेंसेक्स के बढ़ने से इस बात का पता चलता है कि देश की 30 बड़ी कंपनियों का विकास हो रहा है। इन कंपनियों के विकास से देश में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इस कारण देश की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि देखने को मिलती है।