भारतीय कालगणना ज्योतिष विद्या पर आधारित है। मास, तिथि, पर्व को बेहद सूक्ष्म विचारों के आधार पर तय किया जाता है। जिसका आधार चंद्रमा है। चंद्रमा मन का द्योतक है। पृथ्वी के पास या दूर उसकी स्थिति और सूर्य का प्रकाश लेकर चमकने की उसकी नियति मनुष्य ही नहीं दूसरे प्राणियों को प्रभावित करती है। चंद्रमा जब जिन नक्षत्र के साथ कास संबंध यानी कि दूरी या कोण बनाता है तो उसे ज्योतिष की भाषा में उसे चंद्रमा का नक्षत्र कहते हैं।
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