इसमें कोई दो राय नहीं है कि पिछले कुछ दशकों में मेडिकल साइंस ने जिस तरह से मनुष्यों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं दी हैं, उससे औसत आयु और सामान्य सेहत में इजाफा हुआ है। यही नहीं कई गंभीर बीमारियों से बचाव में भी लगभग चमत्कारी असर वाले इलाज, मेडिकल साइंस की बदौलत आज आसानी से उपलब्ध हैं।हालांकि मुश्किल तब पैदा होती है जब इंसान इस साइंस को अपने मन मुताबिक काम में लेने लगता है। सर्दी-जुकाम तक तो ठीक है लेकिन जब खुद से ही दवाई लेने का काम ऐसी चीजों के लिए किया जाने लगता है, जिनके लिए डॉक्टर की सलाह आवश्यक है, तो यह सेहत के लिए गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
ओवर द काउंटर गर्भनिरोधक गोलियां
एक शिशु का दुनिया में आना केवल महत्वपूर्ण ही नहीं बल्कि बहुत जिम्मेदारी भरी स्थिति भी होती है। ऐसे में कई बार आर्थिक, सामाजिक या अन्य कारणों से बच्चे को दुनिया में न लाने का निर्णय भी लिया जाता है। परिवार नियोजन का यह रास्ता मनुष्य द्वारा प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिहाज से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए मेडिकल साइंस में गर्भनिरोधक गोलियां भी एक विकल्प हैं जिसका सेवन डॉक्टर की सलाह से किया जाना चाहिए।
आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो दशकों में इन गोलियों के ओवर द काउंटर सेवन की वजह से होने वाली समस्याओं में तेजी से बढोतरी हुई है। केवल बड़े शहरों में ही नहीं बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी बिना प्रिस्क्रिप्शन, बिना सलाह धड़ल्ले से महिलाएं ये गोलियां ले रही हैं। यह अज्ञानता कई बार जान के लिए गम्भीर खतरा भी पैदा कर देती है, इसलिए इनके सेवन से पहले सलाह बहुत आवश्यक माना जाता है।
बिगड़ सकता है हार्मोन चक्र
मुंह से ली जाने वाली गोलियां यानी ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव, हार्मोन्स पर बेस्ड गोलियां होती हैं। परिवार नियोजन के साथ ही यह गोलियां असंतुलित और अनियमित पीरियड्स पर कंट्रोल करने और एंडोमेट्रियोसिस, कील मुहांसों एवं प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) जैसी स्थितियों के नियंत्रण के लिए भी इलाज के रूप में काम में ली जाती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के अगर इनका सेवन किया जाए तो इससे शरीर का पूरा हार्मोन चक्र गड़बड़ा सकता है। ऐसी स्थिति गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।
डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक
हम सभी का शरीर एक दूसरे से अलग होता है। इसलिए डॉक्टर, पूरी जांच के बाद ही आपको
किसी दवा की सलाह देते हैं। कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स कई तरह की होती हैं, इसलिए यह जानना जरूरी होता है कि आपको कौन सी गोली सूट करेगी? इन गोलियों में सिंथेटिक प्रकार के हार्मोन्स होते हैं जिनमें एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टोरॉन या फिर कई बार दोनों एक साथ भी शामिल हो सकते हैं। जिस गोली में ये दोनों साथ होते हैं उसे कॉम्बिनेशन पिल कहा जाता है। इन गोलियों को लेने का तरीका भी अलग होता है।
अगर डॉक्टर के बताए तरीके से इनका सेवन किया जाए तो प्रभाव भी सही होता है और डॉक्टर आपको इनके आम साइड इफेक्ट्स जैसे कि पीरियड्स के बीच में कभी होने वाली स्पॉटिंग (थोड़ा रक्तस्राव), घबराहट, चक्कर आना या जी घबराना, स्तनों में दर्द, सिरदर्द, पीरियड्स का आगे-पीछे होना, पेट दर्द, आंखों पर बुरा असर पड़ना, वजन बढ़ना, मूड स्विंग्स आदि के बारे में भी पूरी जानकारी दे सकते हैं।
बढ़ सकती है स्वास्थ्य समस्याएं
जिन गोलियों में दोनों हार्मोन्स एक साथ होते हैं मतलब कॉम्बिनेशन पिल्स, वे खून का थक्का बनने, डीप वेन थ्रोम्बोसिस, फेफड़ों पर क्लॉट बनने, स्ट्रोक या हार्ट अटैक जैसी आशंका को बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा गर्भनिरोधक गोलियों से हाई ब्लड प्रेशर, बिना कैंसर का लिवर ट्यूमर और कुछ प्रकार के कैंसर का भी खतरा पैदा हो सकता है।