हाइपोग्लाइसेमिया, एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की सलाह दी जाती है। हाइपोग्लाइसेमिया मतलब ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से कम हो जाना। लो ब्लड शुगर की यह समस्या डायबिटीज रोगियों में अधिक देखी जाती है, हालांकि बिना डायबिटीज के भी कुछ स्थितियों में इसका खतरा हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, शुगर लेवल का बढ़ना और कम होना दोनों ही खतरनाक है, यही कारण है कि जिन लोगों को डायबिटीज की दिक्कत होती है उन्हें शुगर को कंट्रोल में रखने की सलाह दी जाती है। हाइपोग्लाइसेमिया की लंबे समय तक बनी रहने वाली स्थिति जानलेवा भी हो सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ के मुताबिक 140 mg/dL का शुगर लेवल सामान्य माना जाता है। इसका 70mg/dL से कम होना लो ब्लड शुगर या हाइपोग्लाइसेमिया का संकेत होता है। लगातार बनी रहने वाली यह स्थिति स्वास्थ्य जटिलताओं को बढ़ाने वाली हो सकती है।
डॉक्टर्स कहते हैं, लो ब्लड शुगर में तुरंत डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता होती है, इसपर समय रहते ध्यान न देने की स्थिति जानलेवा भी हो सकती है। आइए इस समस्या के बारे में आगे विस्तार से जानते हैं।
क्यों कम हो जाता है शुगर लेवल?
डॉक्टर्स बताते हैं जिन लोगों को डायबिटीज की दिक्कत होती है, उन्हें शुगर के स्तर की समय-समय पर जांच करते रहना चाहिए। हाइपोग्लाइसीमिया में रक्त शर्करा (ग्लूकोज) का स्तर शारीरिक कार्यों को जारी रखने के लिए बहुत कम हो जाता है। ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण मधुमेह के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का दुष्प्रभाव है। यदि आप इंसुलन पर हैं तो इस खतरे को लेकर और भी सावधानी बरतनी जरूरी हो जाती है।
ब्लड शुगर कम होने के ऐसे हो सकते हैं लक्षण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, डायबिटीज के रोगियों को ब्लड शुगर की जांच करते रहना चाहिए, कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर इसकी आसानी से पहचान की जा सकती है। शुरुआती स्तर पर इसमें कमजोरी होने, चक्कर आने, भूख कम लगने और थकान की समस्या हो सकती है। अगर समय रहते इन लक्षणों पर गंभीरता से ध्यान न दिया जाए तो लक्षणों के गंभीर रूप लेने का भी खतरा हो सकता है जो आपकी परेशानियों को बढ़ाने वाली हो सकती है।
ऐसे लक्षण हो सकते हैं गंभीर
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, हाइपोग्लाइसेमिया के लक्षणों पर समय रहते ध्यान न देने पर इसके गंभीर रूप लेने का खतरा हो सकता है। इसमें भ्रम होना, व्यवहार में परिवर्तन और नियमित कार्यों को करने में असमर्थता हो सकती है। कुछ लोगों को ब्लड शुगर कम होने के कारण समन्वय की समस्या या भी सुनने-देखने में भी परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति, कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं में भी हो सकती है, ऐसे में समय रहते लक्षणों की पहचान और इसे ठीक करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
हाइपोग्लाइसेमिया से बचाव के लिए क्या किया जाना चाहिए?
डॉक्टर्स कहते हैं, जिन लोगों को डायबिटीज की दिक्कत है उन्हें नियमित रूप से शुगर लेवल की जांच करते रहना चाहिए। दिन में ज्यादा देर तक खाली पेट नहीं रहना चाहिए। नियमित अंतराल पर कुछ न कुछ खाते रहें। ब्लड शुगर की स्थिति को कंट्रोल करने के लिए रोजाना व्यायाम की आदत बनाएं। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि अधिक तनाव लेने वाले लोगों में भी शुगर लेवल के अनियंत्रित रहने का जोखिम हो सकता है।
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नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्ट्स और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सुझाव के आधार पर तैयार किया गया है।
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