पिछले कुछ दिनों से ह्रदय रोग और हार्ट अटैक से जान गंवाने वाले कम उम्र लोगों की फेहरिस्त में लगातार इजाफा हुआ है। इनमें से अधिकांश लोग न केवल फिटनेस को लेकर सतर्क थे बल्कि नियमित व्यायाम आदि से भी जुड़े थे। तथ्य यह है कि ह्रदय या किसी भी अन्य रोग के मामले में कोई भी एक कारण न तो सुधार की वजह बनता है न ही स्थिति के बिगड़ने की। ह्रदय के मामले में भी कई सारे कारण सेहत बिगड़ने के पीछे हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल इनमें प्रमुख रूप से शामिल है।
जब भी दिल की सेहत की बात होती है कोलेस्ट्रॉल का नाम हमेशा आता है। कभी इसे लेकर खान पान को सुधारने की बात कही जाती है तो कुछ लोगों को इसके स्तर को संतुलित बनाये रखने के लिए बकायदा नियमित दवाइयां भी दी जाती हैं। आखिर क्यों कोलेस्ट्रॉल का स्तर इतना महत्वपूर्ण है? क्या कोलेस्ट्रॉल का होना केवल बुरा ही होता है? आखिर दिल की सेहत को कोलेस्ट्रॉल कैसे नुकसान पहुंचाता है? और क्या इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है? जानिए करीब से क्या है कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर और कैसे इसे बनाये रखा जा सकता है।
जब भी दिल की सेहत की बात होती है कोलेस्ट्रॉल का नाम हमेशा आता है। कभी इसे लेकर खान पान को सुधारने की बात कही जाती है तो कुछ लोगों को इसके स्तर को संतुलित बनाये रखने के लिए बकायदा नियमित दवाइयां भी दी जाती हैं। आखिर क्यों कोलेस्ट्रॉल का स्तर इतना महत्वपूर्ण है? क्या कोलेस्ट्रॉल का होना केवल बुरा ही होता है? आखिर दिल की सेहत को कोलेस्ट्रॉल कैसे नुकसान पहुंचाता है? और क्या इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल है? जानिए करीब से क्या है कोलेस्ट्रॉल का संतुलित स्तर और कैसे इसे बनाये रखा जा सकता है।