90 का दशक लोगों को बेहद पसंद था। इस दशक में आए धारावाहिकों और फिल्मों के फैन लोग आज तक भी हैं। जिस तरह से इस दशक के कार्यक्रमों ने सभी को हंसाया, रुलाया, प्यार करना सिखाया, उसी तरह से लोगों को खूब डराया भी। उस समय के हॉरर शो आज भी लोगों को मुंह जुबानी याद हैं। इनके नाम, इनका म्यूजिक और इनका स्टोरी प्लॉट, सभी खूब डरावने थे। आज हम इस पैकेज में आपको एक बार फिर से डर की उन सच्ची कहानियों से रूबरू करवाएंगे। जिसने 90 के दशक में लोगों को खूब डराया।
जी हॉरर शो
1993 में इस धारावाहिक ने उस समय टेलीविजन पर दस्तक दी, जब दूरदर्शन अंधविश्वास या भूतप्रेत संबंधी कार्यक्रम का प्रसारण नहीं करता था। इस शो के साथ ही टेलीविजन पर खौफ की आहट सुनाई दी। इस शो ने 1997 तक लोगों को खूब डराया और डर की बदौलत ही खूब टीआरपी बटोरी।
आहट
1994 में खौफ की कहानियों की 'आहट' हुई। आहट का शीर्षक साउंड ट्रैक बेहद डरावना था। इसे सुनकर आज भी कई लोग डर जाते हैं। सोनी टीवी पर प्रसारित होने वाले इस धारावाहिक को लोगों ने खूब पसंद किया। ये पहला ऐसा भुतहा शो था जिसमें कंप्यूटर ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया। इस धारावहिक ने शुरुआती दो सालों में ही जी हॉरर शो को भरपूर टक्कर दी और पहले नंबर पर कब्जा जमा लिया।
वोह
साल 1998 में आया सीरियल 'वोह'। ये एक गुड्डे की कहानी थी, जो हूबहू जोकर की तरह दिखता था। लेकिन उसके अंदर बुरी आत्मा का प्रवेश था। हालांकि ये सीरियल लोगों को डराने में उतना कामयाब नहीं हुआ था। जिसके बाद जल्दी इसे बंद कर दिया गया। वैसे याद दिला दें कि गुड्डे- गुड़िया में बुरी आत्मा के रहने के कॉन्सेप्ट पर कई हॉलीवुड फिल्में भी हैं, जो बेहद डरावनी हैं।
एक्स जोन
टेलीविजन पर 'वोह' की जगह ली 'एक्स जोन' ने। ये धारावाहिक भी 1998 में ही आया। इस धारावाहिक में छोटी छोटी कहानियां दिखाई जाती थीं। आहट से प्रेरित होकर इसके निर्देशक ने भी धारावाहिक में ग्राफिक्स का इस्तेमाल शुरू किया। इस धारावाहिक की खासियत ये थी कि इसके हर एपिसोड में कोई नया फिल्मी कलाकार दिखाई देता था। जैसे मुकेश खन्ना, रजा मुराद, दीपक तिजोरी, केके मेनन आदि।