सेंसर बोर्ड अपनी तेज धार वाली कैंची लेकर फिल्मों की कटाई-छटाई करने में तो बेदर्दी है लेकिन फिल्मों को बैन करने में भी उसका कोई जवाब नहीं है। लगभग हर फिल्म में सेंसर बोर्ड की कैंची चल ही जाती है। कई बार ऐसा होता है फिल्म देखने के बाद सेंसर बोर्ड इसे तुरंत हरी झंडी दे देता है तो कई बार फिल्मों में लगने वाले कट इस बात का प्रमाण होते हैं कि हमारी ऑडियन्स फिल्म से कुछ अच्छा उम्मीद करती है। कई बार फिल्म मेकर्स फिल्मों के माध्यम से कुछ ऐसा परोस देते हैं जिसे सेंसर बोर्ड कतई पास नहीं कर सकता। हालांकि बाद में दर्शकों तक अपनी फिल्म पहुंचाने के लिए मेकर्स इसे Youtube पर रिलीज कर देते हैं। आइए आज बात करते हैं उन्हीं में से 5 फिल्मों की।
अनफ्रीडम
बॉलीवुड भले ही समलैंगिकता पर आधारित फिल्में बनाता रहा हो, लेकिन सेंसर ने हर फिल्म को तवज्जोह नहीं दी। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म पर इसलिए रोक लगा रखी है क्योंकि यह फिल्म दो लड़कियों के संबंधो पर आधारित फिल्म है। फिल्म में इतने संवेदनशील सीन्स हैं कि यह परिवार में बैठकर नहीं देखी जा सकती। लेकिन आप इस फिल्म को यूट्यूब पर आसानी से देख सकते हैं। इस फिल्म को राज अमित कुमार ने डायरेक्ट किया था। 2014 में बनीं अनफ्रीडम को भारत में बैन कर दिया गया था।
कामसूत्र 3डी
फिल्म 2013 में रिलीज होनी थी और इसे रुपेश पॉल ने डायरेक्ट किया था। फिल्म कामसूत्र 3डी में कामुक दृश्य की भरमार होने की वजह से सेंसर बोर्ड ने इस पर बैन लगा दिया था। फिल्म में काफी उत्तेजक सीन थे। सेंसर बोर्ड के अनुसार ये फिल्म अश्लील और अनैतिक थी। ये फिल्म भी यूट्यूब तक ही सिमट कर रह गई।
ऊर्फ प्रोफेसर
पंकज आडवाणी की ऊर्फ प्रोफेसर भी अपने वल्गर कंटेट और खराब लैंग्वेज की वजह से बैन हो चुकी है। फिल्म में मनोज पावहा, अंतरा माली और शर्मन जोशी ने काम किया था। फिल्म साल 2001 में रिलीज होनी थी।
पांच
अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित फिल्म पांच को भी सेंसर बोर्ड ने बैन किया हुआ है। यह फिल्म 21 सितंबर 2003 में ही रिलीज होनी थी। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को समाज के लिए खतरा करार दिया था। केके मेनन, आदित्य श्रीवास्तव, विजय मौर्या और तेजस्वनी कोल्हापुरी जैसे स्टार वाली यह एक क्राइम एडल्ट फिल्म है।