बॉलीवुड के मि. परफेक्शनिस्ट अभिनेता आमिर खान के पास आज दौलत और शोहरत की कमी नहीं है। वह इंडस्ट्री के रईस सितारों में शुमार हैं। मगर, एक वक्त था जब उनका परिवार आर्थिक तंगी से गुजरा। यह आमिर खान के बचपन का दौर था, तब उनके पिता ताहिर हुसैन इस कदर कर्ज के बोझ तले दबे कि दिवालिया हो गए। एक बातचीत के दौरान खुद आमिर खान ने इस बात का जिक्र किया था। आर्थिक हालात इस कदर बिगड़े कि ताहिर हुसैन लगभग सड़क पर आ गए। आज उन्हीं ताहिर हुसैन की पुण्यतिथि है। आइए जानते हैं उनके बारे में...
मोहम्मद ताहिर हुसैन फिल्म प्रोड्यूसर, स्क्रीनराइटर, एक्टर और डायरेक्टर थे। उनका जन्म 19 सितंबर 1938 को हुआ। ताहिर ने अपने बेटे आमिर खान की फिल्म 'तुम मेरे हो' का निर्देशन भी किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक ताहिर हुसैन के निर्देशन में बनी यह पहली और इकलौती फिल्म है। हालांकि, बतौर प्रोड्यूसर उन्होंने कई फिल्में बनाईं, जिनमें कारवां, अनामिका, मदहोश, जख्मी, खून की पुकार, लॉकेट, हम हैं राही प्यार के आदि शामिल हैं। इसके अलावा ताहिर हुसैन ने कई फिल्मों में अभिनय भी किया। मगर, एक दौर में वह बेहद तंगहाली से गुजरे। आमिर खान एक बार एक इंटरव्यू में पिता के बारे में बात करते हुए काफी भावुक हो गए थे।
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आमिर खान ने कहा था, 'मैं एक फिल्मी परिवार से आता हूं। मैंने अपने चाचा (नासिर हुसैन) को फिल्म बनाते देखा है। पिता को फिल्म बनाते देखा है। मेरे पिता बहुत ही उत्साही और अच्छे प्रोड्यूसर थे। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि बिजनेस कैसे किया जाता है। इसलिए उन्होंने कभी कोई पैसा नहीं बनाया। उन्हें एक ही समस्या थी। कोई फिल्म आठ साल में बनती थी तो कोई तीन साल में।' आमिर ने पिता के आर्थिक संकट के बारे में बताते हुए कहा था, 'वे बहुत ज्यादा कर्ज में दब गए थे। मैंने पिता को बेहद आर्थिक संकट से जूझते देखा। हम लगभग दिवालिया हो गए थे और उस वक्त लगभग सड़क पर आ गए थे।'
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रिपोर्ट्स के मुताबिक आमिर खान के पिता ने एक फिल्म के लिए कर्ज लिया था। लेकिन, वह फिल्म आठ वर्ष तक भी नहीं बन पाई थी। जिनका कर्ज था उन लोगों के फोन आया करते थे और झगड़ा होता था। ताहिर हुसैन अपनी मजबूरी बताते थे कि 'मेरी फिल्म अटकी हुई है। मेरे पास अभी पैसे नहीं है।' उस वक्त आमिर की उम्र महज दस वर्ष थी। आर्थिक हालात इतने बिगड़ चुके थे कि ताहिर हुसैन 40 की उम्र में नौकरी की तलाश में निकलने लगे। आमिर ने एक बातचीत के दौरान कहा कि यह बात उनकी मां ने उन्हें बताई थी कि पिता एक दिन अपनी स्नातक की डिग्री ढूंढने लगे, क्योंकि उन्हें जॉब की जरूरत महसूस हुई। ऐसी स्थिति आ गई थी कि एक 40 साल का आदमी अपने ग्रेजुएशन का सर्टिफिकेट तलाशने लगा था।' बता दें कि 2 फरवरी 2010 को हार्ट अटैक के कारण ताहिर हुसैन का निधन हो गया।
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