सोनी लिव की सीरीज 'जहानाबाद - ऑफ लव एंड वॉर' में कस्तूरी मिश्रा का किरदार निभा रहीं हर्षिता गौर को लोग उनके नाम से कम, बल्कि उनके किरदार के नाम से ही पहचानते हैं। यही कलाकार की सबसे बड़ी जीत होती है कि लोग जब आपके किरदार से जानने लगे। हर्षिता गौर ने 'मिर्जापुर' सीरीज में डिंपी का किरदार निभाया था। वह किरदार इतना लोकप्रिय हुआ कि हर्षिता गौर को लोग डिंपी के किरदार से जानने लगे। हर्षिता गौर कहती हैं, 'मुझे खुशी होती है,जब लोग मुझे मेरे किरदार के नाम से जानते हैं। अभी लोग मुझे 'साडा हक' के संयोगिता के ही किरदार से जानते हैं। फिर लोगों ने 'मिर्जापुर' देखी तो, मुझे डिंपी के किरदार से जानने लगे। इन दोनों नाम से मुझे काफी जाना जाता है। मै चाहती हूं कि 'जहानाबाद ऑफ लव एंड वॉर' भी इतनी सफल हो कि लोग मुझे इसके किरदार कस्तूरी मिश्रा के नाम से जाने। कस्तूरी मिश्रा एक ऐसी लड़की है, जो अपने सपने की दुनिया में जीती है। वह समाज की सच्चाई से पूरी तरह से वाकिफ है। उसके अंदर प्यार भी है,गुस्सा भी है और नफरत भी है। उसको लगता है कि उसके लिए कोई भी काम असंभव नहीं है। आज भी हमारा समाज जाति पाती के भंवर में फसा हुआ है, कहीं ना कहीं इस पर भी कहानी का फोकस है।'
दिल्ली में पढ़ाई के दौरान ही हर्षिता गौर को 'साडा हक' में काम करने का मौका मिल गया था। हर्षिता गौर कहती हैं, 'एक्टिंग तो मुझे हमेशा से ही करनी थी। कॉलेज में पढ़ रही थी तभी स्टार प्लस की टीम हमारे कॉलेज में ऑडिशन के लिए आई थी। जिस शो के लिए ऑडिशन दिया, उसमे काम तो नहीं मिला,लेकिन उसी ऑडिशन की वजह से मुझे 'साडा हक' में काम करने का मौका मिला और यह शो ढाई साल तक चला। मैं मुंबई भी आने की सोच रही थी। मुंबई आते ही मेरे पास काम था। 'साडा हक' से मेरी जर्नी शुरू हुई। यह शो खत्म हुआ तो उसके बाद असली संघर्ष शुरू हुआ। मैने यह जानने की कोशिश की कि मुंबई में कैसे काम मिलता है।'
एक हिट शो करने के बाद हर कलाकार यही सोचता है कि अब इससे बेहतर क्या करें? हर्षिता गौर के सामने भी यही समस्या थी। वह कहती हैं, 'साडा हक' जैसे हिट शो करने के बाद मेरे पास एक साल तक काम नहीं था। इस बीच कुछ ऑफर्स आए भी, लेकिन बात नहीं बनी। फिर साल 2017 में ओटीटी की शुरुआत हो रही रही थी। 'मिर्जापुर' के लिए कास्टिंग फाइनल हो गई थी। कुछ समय के लिए यह शो शुरू नहीं हो पाया फिर एक दिन मेरे पास डिंपी के किरदार के लिए कॉल आया। मैने इसके तीनो सीजन में काम किया।'
हर्षिता गौर का बचपन से एक्टिंग की तरह झुकाव तो था,लेकिन इसमें काम कैसे मिलता है,यह उनको पता नहीं था। वह कहती हैं, 'जब मुझे यह समझ में आया कि जिंदगी में क्या बनाना है, तो जेहन में यही ख्याल आया कि परफॉर्म करना है। मैंने छह साल की उम्र से ही कथक करना शुरू कर दिया था। मैं स्टेज पर परफॉर्म करती थी। जब लोगों ने तारीफ करनी शुरू की तो, धीरे धीरे कला के प्रति झुकाव होने लगा और धीरे धीरे वह बढ़ता ही गया, तो इस तरह से लगता है कि वह मेरे जेहन में हमेशा से ही था। जब मैंने होश संभाला तो पहली बार माधुरी दीक्षित की फिल्म देखी थी,वह फिल्म कौन सी थी याद नहीं,लेकिन माधुरी दीक्षित का काम मुझे बहुत अच्छा लगा था।'
Sidharth-Kiara: सिद्धार्थ-कियारा को बॉलीवुड सितारों ने खास अंदाज में दी बधाई, करण ने कही दिल छू लेने वाली बात
माधुरी दीक्षित के अलावा हर्षिता गौर तब्बू, काजोल प्रियंका चोपड़ा की बहुत बड़ी प्रशंसक हैं। वह कहती हैं, 'माधुरी दीक्षित, तब्बू, काजोल और प्रियंका चोपड़ा की फिल्मों का असर मेरे करियर में बहुत रहा है। मुझे याद है जब मैंने होश संभाला तो शाहरुख खान की फिल्म 'दिल तो पागल है' देखी थी। यह फिल्म इतनी पसंद आई कि इतनी बार देखी कि गिनती याद नहीं, वह दौर ही ऐसा था कि शाहरुख खान की ही फिल्मों से सबकी शुरुआत होती है। वैसे सात साल की थी तो पहली बार माधुरी दीक्षित की फिल्म देखी थी,याद नहीं कि वह कौन सी फिल्म थी, उस फिल्म में मुझे माधुरी दीक्षित बहुत ही प्यारी लगी थी।'
Jagjit singh: 'कहां तुम चले गए'...मखमली आवाज के बादशाह जगजीत सिंह, जिन्होंने घर-घर पहुंचा दी गजल