एक समय था जब कॉमेडी सिर्फ मौज मस्ती के लिए होती थी लेकिन आज यह एक पेशा बन गया है, जिसमें शामिल होकर कई कॉमेडियन लोगों को हंसाने का काम कर रहे हैं। इस लिस्ट में कपिल शर्मा, भारती सिंह, कृष्णा अभिषेक जैसे कई कलाकार शामिल हैं। हालांकि, यह लिस्ट मशहूर कॉमेडियन जसपाल भट्टी के नाम के बिना अधूरी है, जो बेशक हम लोगों के बीच अब नहीं हैं लेकिन उन्होंने अपने मजेदार जोक्स से लोगों को खूब हंसाया है। 25 अक्टूबर 2012 को एक कार एक्सीडेंट में जसपाल भट्टी ने इस दुनिया को हमेशा-हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था। लेकिन जाने से पहले उन्होंने अपनी शानदार कॉमेडी से लोगों के दिल में खास जगह बनाई। आज आपको उनके बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।
ऐसे की शुरुआत
3 मार्च 1955 में अमृतसर में जन्मे जसपाल भट्टी ने चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। उन्हें कॉमेडी करना शुरू से ही पसंद था लेकिन कॉलेज के दिनों में उनका मन कॉमेडी की तरफ बढ़ने लगा। इसी दौरान उन्होंने अपना एक क्लब बनाया था, जिसका नाम नॉनसेंस क्लब था। उन्होंने नुक्कड़ नाटक करना भी शुरू कर दिया था, जिसमें उन्हें सफलता मिली। लोगों ने उनके स्ट्रीट शो को खूब पसंद किया था। उन्होंने लंबे समय तक चंडीगढ़ में ट्रिब्यून अखबार में एक कार्टूनिस्ट के रूप में काम भी किया।
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टीवी में शानदार काम
जसपाल भट्टी को टीवी में सबसे पहला मौका सीरियल 'उलटा-पुलटा' से मिला और इसी से वह लोगों के बीच लोकप्रिय भी हुए। कार्टूनिस्ट होने के नाते ही उन्हें आम आदमी से जुड़ी समस्याओं और व्यवस्था पर व्यंग्य करने का मौका मिल था। लोगों ने उनके काम को खूब पसंद किया था। इसके बाद वह 90 के दशक में दूरदर्शन के लिए एक नया शो लेकर आए, जिसका नाम 'प्लॉप शो' था। इसी सीरियल्स से जसपाल भट्टी ने अपनी पहचान बतौर कॉमेडियन बनाई थी। इस शो में वह आम चीजों को आम बातों के साथ पेश करते थे।
फिल्मों में भी आए नजर
जसपाल भट्टी ने टीवी के लिए 'फुल टेंशन', 'हाय जिंदगी बाय जिंदगी' और 'थैंक्यू जीजाजी' जैसे कार्यक्रम किए। टीवी में झंडे गाड़ने के बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में भी हाथ आजमाया। उन्होंने फिल्म 'फना', 'कुछ मीठा हो जाए', 'कुछ ना कहो', 'कोई मेरे दिल से पूछे', 'हमारा दिल आपके पास है', 'आ अब लौट चलें', 'इकबाल', 'कारतूस' में काम किया था।