अक्सर कहा जाता है कि देश में दिनोंदिन आपराधिक घटनाएं और बेरोजगारी बढ़ रही है। बेरोजगारी के मामले में सरकार और अपराध नियंत्रण के मामले में पुलिस प्रशासन को लाचार बताया जाता है। 130 करोड़ भारतीयों की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी महज 26 लाख पुलिसकर्मियों पर है। इन पुलिसकर्मियों में से भी करीब 05.31 लाख पद खाली पड़े हैं।
लेकिन सरकारें भर्ती प्रक्रिया और पदों की संख्या बढ़ाने को लेकर अक्सर उदासीन रहती हैं। अगर बात करें पुलिस की तो चाहे घटना दंगे, हत्याकांड या बलात्कार जैसी भयावह क्रूरता हो या झगड़ा, लूटपाट, चोरी-डकैती या अन्य कोई कानून व्यवस्था बहाली जैसे कार्य। सभी जगह पहले मोर्चे पर कोई संघर्ष करता है तो वह है खाकी वर्दी वाले पुलिसकर्मी। कुछ गलत हो जाए तो भी विफल और लचर कानून व्यवस्था को लेकर सबसे पहले दोष भी खाकी वर्दी को ही दिया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन खाकी वर्दी वालों के ऊपर काम का कितना दबाव है। उल्लेखनीय है कि देश की आबादी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा उस अनुपात में नहीं हो पा रहा है। देश में पुलिस जवानों की बड़ी तादाद में कमी है। आइए जानते हैं पुलिसकर्मियों के कहां-कितने पद हैं और कहां-कितने पद खाली पड़े हैं।
लेकिन सरकारें भर्ती प्रक्रिया और पदों की संख्या बढ़ाने को लेकर अक्सर उदासीन रहती हैं। अगर बात करें पुलिस की तो चाहे घटना दंगे, हत्याकांड या बलात्कार जैसी भयावह क्रूरता हो या झगड़ा, लूटपाट, चोरी-डकैती या अन्य कोई कानून व्यवस्था बहाली जैसे कार्य। सभी जगह पहले मोर्चे पर कोई संघर्ष करता है तो वह है खाकी वर्दी वाले पुलिसकर्मी। कुछ गलत हो जाए तो भी विफल और लचर कानून व्यवस्था को लेकर सबसे पहले दोष भी खाकी वर्दी को ही दिया जाता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन खाकी वर्दी वालों के ऊपर काम का कितना दबाव है। उल्लेखनीय है कि देश की आबादी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है, लेकिन पुलिसकर्मियों की संख्या में इजाफा उस अनुपात में नहीं हो पा रहा है। देश में पुलिस जवानों की बड़ी तादाद में कमी है। आइए जानते हैं पुलिसकर्मियों के कहां-कितने पद हैं और कहां-कितने पद खाली पड़े हैं।