राजधानी में अक्तूबर की बारिश ने नया रिकॉर्ड बना दिया है। इस महीने के 11 दिनों में 128.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है। मौसम विभाग के पास उपलब्ध 2007 से लेकर अभी तक आंकड़ों में पहली बार इतनी अधिक बारिश दर्ज की गई है। मौसम विशेषज्ञों ने इसके लिए बंगाल की खाड़ी में बार-बार निम्न दाब का क्षेत्र बनने और पश्चिमी विक्षोभ एक साथ होने को जिम्मेदार बताया है। उधर, मंगलवार को चार दिन बाद मौसम साफ होने पर दिल्ली वासियों ने धूप देखी। विभाग का पूर्वानुमान है कि अब मौसम खुला रहने के साथ धूप निकलने से दिन का पारा चढ़ेगा।
मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बार-बार निम्न दाब का क्षेत्र बना है, जो कि मध्य भारत के कई राज्यों में सक्रिय रहा। वहीं, साथ में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो गया। इन दोनों परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड समेत दिल्ली-एनसीआर में अधिक बारिश दर्ज हुई है। अभी मानसून ने सिर्फ दिल्ली-एनसीआर से विदाई ली है, लेकिन मध्य भारत व नीचले हिस्सों में यह अभी भी बना हुआ है। वहीं, स्काईमेट वेदर के प्रमुख मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने कहा कि इस तरह की स्थिति कई बार मानसून की विदाई के बाद बन जाती हैं। हालांकि, अब आगामी दिनों में बारिश की संभावना नहीं है।
मौसम विभाग के पूर्व महानिदेशक डॉ. केजे रमेश ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बार-बार निम्न दाब का क्षेत्र बना है, जो कि मध्य भारत के कई राज्यों में सक्रिय रहा। वहीं, साथ में पश्चिमी विक्षोभ भी सक्रिय हो गया। इन दोनों परिस्थितियों की वजह से उत्तराखंड समेत दिल्ली-एनसीआर में अधिक बारिश दर्ज हुई है। अभी मानसून ने सिर्फ दिल्ली-एनसीआर से विदाई ली है, लेकिन मध्य भारत व नीचले हिस्सों में यह अभी भी बना हुआ है। वहीं, स्काईमेट वेदर के प्रमुख मौसम विज्ञानी महेश पलावत ने कहा कि इस तरह की स्थिति कई बार मानसून की विदाई के बाद बन जाती हैं। हालांकि, अब आगामी दिनों में बारिश की संभावना नहीं है।