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अगर आप पुराना सामान खरीदने और बेचने के लिए ओएलएक्स का इस्तेेमाल कर रहे हैं तो बेहद चौकन्ना रहने की रहने की जरूरत है। इन दिनों ठगों ने ओएलएक्स पर भी अपना जाल बिछाया हुआ है, जिसके माध्यम से साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई ठग लेते हैं। राजधानी दून में बीते एक साल से इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
साइबर क्राइम : हर चौथे घंटे एक व्यक्ति हो रहा शिकार, देहरादून में तीन साल में कई गुना बढ़े मामले
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि ओएलएक्स पर ठगी भी लिंक या क्यूआर कोड के माध्यम से की जाती है। ऐसे में यदि लोग थोड़ा भी इस पर ध्यान दें तो ठगी से बचा जा सकता है।
इसके लिए साइबर थाने या साइबर सेल को तत्काल जानकारी दिए जाने पर ठगी में हुए नुकसान से भी थोड़ा बचा जा सकता है। साइबर थाने की ओर से लगातार जागरूकता के लिए फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर सामग्री अपलोड की जा रही है।
ओएलएक्स पर बीते कुछ दिनों से सेना का अधिकारी या सिपाही बनकर ठगी का चलन बढ़ा है। अक्सर किसी के विज्ञापन को देखकर साइबर ठग खुद को सैन्यकर्मी बताते हैं। इसके लिए वे अपना आईकार्ड आदि भी दिखाते हैं।
इसके बाद खुद को कहीं बाहर पोस्टेड होने की बात कहते हुए सौदा पक्का करते हैं। ठग यहां पर विज्ञापन अपलोड करने वाले को पैसे भेजने के लिए एक लिंक भेजते हैं, लेकिन यह लिंक पैसे देने का नहीं बल्कि पाने के लिए होता है। इसी तरह वे मनचाहा धन व्यक्ति के खाते से धन निकाल लेते हैं।
एक साल में 200 से अधिक मामले
राजधानी देहरादून में इस तरह के हर साल लगभग 200 से अधिक मामले आते हैं। इनमें साइबर सेल और साइबर थाना पुलिस कुछ मामलों में तो लोगों के पैसे वापस करा देते हैं, लेकिन कई मामलों में मुकदमा दर्ज किया जाता है। बीते साल ओएलएक्स से ठगी के विभिन्न थानों 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
- जिस फोन नंबर से आपका बैंक अकाउंट जुड़ा हो, उस पर आए किसी मैसेज के लिंक पर क्लिक न करें।
- पैसों के लेनदेन के लिए आए मैसेज को ध्यान से पढ़ें क्योंकि उसमें अंग्रेजी मेें पैसे डेबिट होने की बात होती है।
- अगर आप ओएलएक्स पर किसी सामान का विज्ञापन देते हैं तो अपने नंबर को हाइड रखें।
- अगर कोई बात करनी है तो व्हाट्सएप पर चैट करने के बजाय कोशिश करें कि ओएलएक्स एप पर ही चैट हो।
- अगर फोन बैंकिंग नंबर दें तो जरूर ध्यान रखें कि पैसे मंगाते समय रिक्वेस्ट मनी मैसेज की जरूरत ही नहीं होती है।
अगर आप पुराना सामान खरीदने और बेचने के लिए ओएलएक्स का इस्तेेमाल कर रहे हैं तो बेहद चौकन्ना रहने की रहने की जरूरत है। इन दिनों ठगों ने ओएलएक्स पर भी अपना जाल बिछाया हुआ है, जिसके माध्यम से साइबर ठग लोगों की गाढ़ी कमाई ठग लेते हैं। राजधानी दून में बीते एक साल से इस तरह के मामलों में बढ़ोतरी हुई है।
साइबर क्राइम : हर चौथे घंटे एक व्यक्ति हो रहा शिकार, देहरादून में तीन साल में कई गुना बढ़े मामले
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि ओएलएक्स पर ठगी भी लिंक या क्यूआर कोड के माध्यम से की जाती है। ऐसे में यदि लोग थोड़ा भी इस पर ध्यान दें तो ठगी से बचा जा सकता है।
इसके लिए साइबर थाने या साइबर सेल को तत्काल जानकारी दिए जाने पर ठगी में हुए नुकसान से भी थोड़ा बचा जा सकता है। साइबर थाने की ओर से लगातार जागरूकता के लिए फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया पर सामग्री अपलोड की जा रही है।
सेना का अधिकारी बन करते हैं ठगी
ओएलएक्स पर बीते कुछ दिनों से सेना का अधिकारी या सिपाही बनकर ठगी का चलन बढ़ा है। अक्सर किसी के विज्ञापन को देखकर साइबर ठग खुद को सैन्यकर्मी बताते हैं। इसके लिए वे अपना आईकार्ड आदि भी दिखाते हैं।
इसके बाद खुद को कहीं बाहर पोस्टेड होने की बात कहते हुए सौदा पक्का करते हैं। ठग यहां पर विज्ञापन अपलोड करने वाले को पैसे भेजने के लिए एक लिंक भेजते हैं, लेकिन यह लिंक पैसे देने का नहीं बल्कि पाने के लिए होता है। इसी तरह वे मनचाहा धन व्यक्ति के खाते से धन निकाल लेते हैं।
एक साल में 200 से अधिक मामले
राजधानी देहरादून में इस तरह के हर साल लगभग 200 से अधिक मामले आते हैं। इनमें साइबर सेल और साइबर थाना पुलिस कुछ मामलों में तो लोगों के पैसे वापस करा देते हैं, लेकिन कई मामलों में मुकदमा दर्ज किया जाता है। बीते साल ओएलएक्स से ठगी के विभिन्न थानों 10 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
ऐसे बरतें सावधानी
- जिस फोन नंबर से आपका बैंक अकाउंट जुड़ा हो, उस पर आए किसी मैसेज के लिंक पर क्लिक न करें।
- पैसों के लेनदेन के लिए आए मैसेज को ध्यान से पढ़ें क्योंकि उसमें अंग्रेजी मेें पैसे डेबिट होने की बात होती है।
- अगर आप ओएलएक्स पर किसी सामान का विज्ञापन देते हैं तो अपने नंबर को हाइड रखें।
- अगर कोई बात करनी है तो व्हाट्सएप पर चैट करने के बजाय कोशिश करें कि ओएलएक्स एप पर ही चैट हो।
- अगर फोन बैंकिंग नंबर दें तो जरूर ध्यान रखें कि पैसे मंगाते समय रिक्वेस्ट मनी मैसेज की जरूरत ही नहीं होती है।