शनैश्चरी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा मैया में पुण्य एवं आस्था की डुबकी लगाई। स्नान कर श्रद्धालुओं ने गंगा का पूजा- अर्चना कर दुग्धाभिषेक किया। गरीब एवं निराश्रितों को अन्न, वस्त्र एवं धन दान किया।
शनैश्चरी अमावस्या पर धर्मनगरी में गंगा में स्नान के लिए शुक्रवार मध्यरात्रि से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। ब्रह्म मुहुर्त में सुबह चार बजे से हरकी पैड़ी एवं आसपास घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होने लगी।
हरकी पैड़ी, मालवीय दीप, ब्रह्मकुंड, शिवघाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, गोविंदघाट, अमरापुर घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ रही। वहीं, सूर्य ग्रहण होने के कारण भी गंगा घाटों पर भीड़ दिखी। ग्रहण खत्म होने के बाद लोग स्नान के लिए घाटों पर पहुंचे।
इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने मनसा देवी, चंडी देवी, श्री दक्षिण काली मंदिर, दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए। श्रद्धालुओं में कोरोना का खौफ नजर नहीं आया।
शनैश्चरी अमावस्या पर धर्मनगरी में गंगा में स्नान के लिए शुक्रवार मध्यरात्रि से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया था। ब्रह्म मुहुर्त में सुबह चार बजे से हरकी पैड़ी एवं आसपास घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ होने लगी।
हरकी पैड़ी, मालवीय दीप, ब्रह्मकुंड, शिवघाट, प्रेमनगर आश्रम घाट, गोविंदघाट, अमरापुर घाट समेत सभी घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़भाड़ रही। वहीं, सूर्य ग्रहण होने के कारण भी गंगा घाटों पर भीड़ दिखी। ग्रहण खत्म होने के बाद लोग स्नान के लिए घाटों पर पहुंचे।
इसके साथ ही श्रद्धालुओं ने मनसा देवी, चंडी देवी, श्री दक्षिण काली मंदिर, दक्षेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर भगवान के दर्शन किए। श्रद्धालुओं में कोरोना का खौफ नजर नहीं आया।