श्रावण मास की कांवड़ यात्रा गुरुवार से शुरू हो गई। दो वर्ष बाद बिना किसी पाबंदी के शुरू हुई कांवड़ यात्रा के पहले ही दिन हरकी पैड़ी समेत गंगा के प्रमुख घाट बोल बम के जयकारों से गूंज उठे। पहले ही दिन लाखों कांवड़िए गंगाजल भरकर अपने प्रदेशों के लिए रवाना हुए। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि कांवड़ यात्रा को नशामुक्त बनाकर सद्भाव का प्रतीक बनाएं। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को धर्मनगरी में कांवड़ यात्रियों पर पुष्प वर्षा की जाएगी।
यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के साथ अन्य इंतजाम पुख्ता किए थे और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। पुलिस के अनुसार पहले दिन चार लाख कांवड़ियों ने गंगाजल भरकर वापसी की है। 26 जुलाई तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार करीब चार करोड़ शिवभक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है।
शासन और प्रशासन ने इसी आधार पर व्यवस्थाएं की हैं। बाहरी प्रदेशों से कांवड़ियों का यहां पहुंचना दो-तीन दिन पहले शुरू हो गया था। गुरुवार को भी बड़ी संख्या में कांवड़िए बसों और ट्रेनों से यहां पहुंचे। यात्रा के शुरुआती दौर में अभी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कांवड़िए ही गंगाजल लेने आ रहे हैं। गुरुवार को शिवभक्तों ने हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर स्नान करके नए कपड़े पहने। इसके बाद कांवड़ की पूजा करके बोल बम के नारों के साथ अपने प्रदेशों के लिए रवाना हुए।
यात्रा को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के साथ अन्य इंतजाम पुख्ता किए थे और किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। पुलिस के अनुसार पहले दिन चार लाख कांवड़ियों ने गंगाजल भरकर वापसी की है। 26 जुलाई तक चलने वाली कांवड़ यात्रा में इस बार करीब चार करोड़ शिवभक्तों के आने की संभावना जताई जा रही है।
शासन और प्रशासन ने इसी आधार पर व्यवस्थाएं की हैं। बाहरी प्रदेशों से कांवड़ियों का यहां पहुंचना दो-तीन दिन पहले शुरू हो गया था। गुरुवार को भी बड़ी संख्या में कांवड़िए बसों और ट्रेनों से यहां पहुंचे। यात्रा के शुरुआती दौर में अभी राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली एनसीआर और उत्तर प्रदेश के कांवड़िए ही गंगाजल लेने आ रहे हैं। गुरुवार को शिवभक्तों ने हरकी पैड़ी और आसपास के घाटों पर स्नान करके नए कपड़े पहने। इसके बाद कांवड़ की पूजा करके बोल बम के नारों के साथ अपने प्रदेशों के लिए रवाना हुए।