ज्योतिषशास्त्र में शनि ग्रह का विशेष महत्व होता है। फ़लित ज्योतिष के शास्त्रो में शनि को अनेक नामों से सम्बोधित किया गया है, जैसे मन्दगामी, सूर्य-पुत्र, शनिश्चर और छायापुत्र आदि। शनि सभी ग्रहों में सबसे मंद गति से चलने वाले ग्रह हैं, इसलिए मंदगामी कहलाते हैं। शनि के नक्षत्र पुष्य,अनुराधा, और उत्तराभाद्रपद हैं। शनि मकर, और कुंभ राशि के स्वामी ग्रह हैं। शनि अपनी राशि बदलने में ढाई साल का वक्त लेते हैं। शनि की मंद गति के कारण इनका असर राशियों पर भी काफी समय तक रहता है। शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या जिस राशि में होती है उस राशि का जातक काफी समय तक परेशान रहता है। वर्तमान में शनि मकर राशि में हैं। लेकिन साल 2022 में शनि अपना राशि परिवर्तन करेंगे। ऐसे में किस राशि के जातकों पर शनि भारी रहेंगे और किन राशि के जातकों को शनि से मुक्ति मिलेगी आइए जानते हैं विस्तार से-
क्या है शनि की वर्तमान स्थिति
वर्तमान समय में शनि मकर राशि में विराजमान हैं। शनि 24 जनवरी 2020 से मकर राशि में स्थित हैं। चूंकि शनि मकर राशि में हैं तो इस समय मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है और धनु, मकर और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।
साल 2022 में शनि की कैसी होगी स्थिति
अब जल्द ही हम नए वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं और उसकी के साथ ही शनि गृह भी मकर राशि से निकलकर अपना राशि परिवर्तन करेंगे। साल 2022 में 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकालकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि में शनि का प्रवेश होते ही मकर राशि के जातक साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे और मिथुन और तुला राशि से शनि की ढैय्या खत्म हो जाएगी।
जुलाई 2022 में पुनः उल्टी दिशा में चलेंगे शनि
ग्रह अक्सर मार्गी से वक्री और वक्री से मार्गी भी होते रहते हैं। सूर्य और चंद्र को छोड़कर सभी ग्रह वक्री होते हैं। वक्री अर्थात उल्टी दिशा में गति करने लगते हैं। जब यह वक्री होते हैं तब इनकी दृष्टि का प्रभाव अलग होता है। वक्री ग्रह अपनी उच्च राशिगत होने के समतुल्य फल प्रदान करता है। वक्री ग्रह से संयुक्त हो उसके प्रभाव मे मध्यम स्तर की वृद्धि होती है। उच्च राशिगत कोई ग्रह वक्री हो तो, नीच राशिगत होने का फल प्रदान करता है। इसी प्रकार से जब कोई नीच राशिगत ग्रह वक्री होता है तो अपनी उच्च राशि में स्थित होने का फल प्रदान करता है। शनि ग्रह भी 12 जुलाई 2022 को एक बार फिर से वक्री चाल चलेंगे। इस कारण वश मकर राशि पर पुनः शनि की साढ़ेसाती आ जाएगी। यह स्थिति 17 जनवरी 2023 तक रहेगी। इसके बाद शनि वापस मार्गी होकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे।
इस राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
2022 में जिन राशियों आठ राशियों पर शनि का प्रभाव पड़ेगा वो हैं धनु, मकर, कुंभ, मीन, मिथुन, तुला, कर्क और वृश्चिक।
इस राशियों पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
मेष, वृषभ, सिंह और कन्या राशि के जातकों पर साल 2022 में शनि के राशि परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।