चंद्रपुत्र बुध वक्री अवस्था में तुला राशि पर गोचर करते हुए 31 अक्टूबर शनिवार की रात्रि 11 बजकर 38 मिनट पर उदय हो रहे हैं। इस राशि पहले से ही सूर्यदेव विराजमान हैं इसलिए बुध के उदय होते ही फलित ज्योतिष में अति शुभफलदायक बुधादित्य योग का प्रभाव आरंभ हो जाएगा। जिन जातकों की जन्मकुंडलियों में ये शुभभाव में रहेंगे, उनके लिए अति शुभ फल कारक सिद्ध होंगे। जिनके लिए अशुभ भाव में रहेंगे उन्हें थोड़ा कम लाभ मिलेगा। इस समय ये अपने मित्र शुक्र की राशि में गोचर कर रहे हैं और शुक्र भी इन्हीं की राशि कन्या में गोचर कर रहे हैं इसलिए दोनों ग्रह परस्पर 'अन्योन्याश्रित' योग बनाए हुए हैं। इसी योग के प्रभावस्वरूप उदय हुए बुध की शुभता में और वृद्धि होगी तथा ये अपना पूर्णफल देने में सफल रहेंगे। मिथुन एवं कन्या राशि के स्वामी बुध मीन राशि में नीचराशिगत संज्ञक और कन्या राशि में उच्च राशिगत संज्ञक होते हैं। इनके उदय होकर सूर्य के साथ 'बुधादित्य' योग का निर्माण करने का प्रभाव सभी राशियों पर कैसा रहेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।