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Shankaracharya of Dwarka and Sharda Peeth face to face regarding Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham
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बागेश्वर धाम पर बंटे शंकराचार्य: द्वारिका पीठ धीरेंद्र शास्त्री के साथ, शारदा पीठ ने चमत्कार को दी खुली चुनौती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जबलपुर
Published by: हिमांशु प्रियदर्शी
Updated Sun, 22 Jan 2023 09:55 PM IST
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि वेदों के अनुसार चमत्कार दिखाने वालो को मैं मान्यता देता हूं, लेकिन अपनी वाहवाही और चमत्कारी बनने की कोशिश करने वालों को मैं मान्यता नहीं देता। वहीं, शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि जो लोग हिंदू धर्म की निंदा कर रहे हैं वे नास्तिक हिंदू हैं।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद और स्वामी सदानंद सरस्वती
- फोटो : Amar Ujala
बिलासपुर पहुंचे जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बड़ा बयान दिया है। दिव्य दरबार दिखाने वालों चुनौती देते हुए शारदा पीठ के शंकराचार्य ने कहा कि चमत्कार दिखाने वाले जोशी मठ आकर धंसकती हुई जमीन को रोककर दिखाएं, तब मैं उनके चमत्कार को मान्यता दूंगा। शंकराचार्य ने यह भी कहा कि वेदों के अनुसार चमत्कार दिखाने वालो को मैं मान्यता देता हूं, लेकिन अपनी वाहवाही और चमत्कारी बनने की कोशिश करने वालों को मैं मान्यता नहीं देता।
पिछले दिनों जबलपुर में दिए अपने बयान को लेकर उन्होंने कहा था कि जब अंग्रेज भारत छोड़कर गए थे तो उस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा था कि मुसलमानों को अलग कर दिया जाए, क्योंकि वे अपनी धरती पर जाकर खुश रहेंगे। इसलिए भारत के टुकड़े किए गए थे और पाकिस्तान बनाया गया था। लेकिन उस समय भी कुछ मुसलमान भारत में ही रह गए यदि उन्हें यहां सुख और शांति की प्राप्ति हो रही है तो फिर पाकिस्तान बनाने की क्या आवश्यकता है। इसलिए एक बार इस मामले में पुनर्विचार किया जाए और फिर से अखंड भारत का निर्माण किया जाए।
उन्होंने कहा था कि इसी देश में रहना और हिंदुओं के बीच रहना हिंदू और मुसलमान दोनों की नियति है तो फिर अलग देश की आवश्यकता नहीं है। इसलिए एक बार फिर से पाकिस्तान पर पुनर्विचार कर दोनों देशों को एक कर दिया जाए। इसमें कोई बहुत ज्यादा तकलीफ की बात नहीं है। केवल कागज पर दोनों देशों को अपनी सहमति देनी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि धर्मांतरण के पक्ष में बोलने वाले या विरोध करने वालों के पीछे धार्मिक कारण नहीं हैं। इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं।
शंकराचार्य सदानंद सरस्वती बागेश्वर धाम के समर्थन में आए
दूसरी तरफ कटनी पहुंचे द्वारिका पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने बागेश्वर धाम का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि जो लोग बागेश्वर धाम पर प्रश्न उठा रहे हैं, क्या वे कभी बागेश्वर धाम गए हैं? क्या बागेश्वर धाम में आए हुए लोगों का भला करने के लिए कोई दक्षिणा ली है, या कोई एग्रीमेंट किया है? जब ऐसा कुछ हुआ ही नहीं है ये तो लोगों की उन पर श्रद्धा है, ये कहां से अंधविश्वास है?
उन्होंने कहा कि अगर कोई किसी हनुमान जी का दुर्गा जी का किसी भी शक्ति का आश्रय लेकर ठीक कर देता है तो ये कैसे अंधविश्वास है, ये कौन सी ठगी कहलाई। हजारों लोगों के सामने सब को बागेश्वर धाम से लाभ हो रहा है वहां आने वाले संतुष्ट हो कर जा रहे हैं, जिनको प्रमाण चाहिए वे खुद ही जिज्ञासु बनकर पहुंच जाएं। आरोप लगाना बहुत सरल है पर उसे सिद्ध करना कठिन है। जो लोग प्रश्न उठा रहे हैं वो सब हिंदू सनातन धर्म के विरोधी हैं।
शंकराचार्य ने कहा कि बागेश्वर धाम के महाराज का कहना है कि वो खुद कुछ नहीं करते हैं हनुमान जी की कृपा से सब लोगों का भला होता है। प्रश्न उठाने वाले लोग क्या हनुमान जी को जेल भेजेंगे क्या? हिंदू ही हिंदू धर्म की निंदा करते हैं, क्या कभी मुसलमान, ईसाई अपने धर्म की निंदा करते हैं। जो लोग ऐसा कर रहे हैं वे नास्तिक हिंदू हैं।
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