मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या ने 1400 का आंकड़ा पार कर लिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1407 पहुंच गई है। अबतक 72 लोगों की मौत हुई है, 131 ठीक हुए हैं। शनिवार को 59 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 890 और राजधानी भोपाल में 214 पहुंच गई है।
राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर में आंकड़ा करीब 890 पहुंच गया है। इंदौर सीएमओ डॉ. प्रवीन जदिया के मुताबिक जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमित एक मौत हुई है जबकि नौ नए मामलों की भी पुष्टि हुई।
राज्य में अब तक हुई 72 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। अकेले इंदौर में 48 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों के अनुसार, भोपाल और उज्जैन में छह, देवास में पांच, खरगोन में चार और छिंदवाड़ा में एक-एक व्यक्ति की मौत इस संक्रमण से हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार, भोपाल और इंदौर में कोई छूट नहीं मिलेगी। अन्य जिलों में आर्थिक गतिविधियो में छुट मिलेगी।
आउटसोर्स कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा और 10,000 रुपये प्रति माह दे सरकार-कमलनाथ
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना वायरस लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य में बिजली प्रबंधन कंपनियों के प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी के लिए 10,000 रुपये प्रति माह और 50 लाख रुपये के बीमा कवर की मांग की।
भोपाल में 12 दिन की बच्ची संक्रमित
भोपाल में 12 साल की एक बच्ची कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सामने आया यह मामला राज्य में कोरोना संक्रमण का सबसे कम उम्र का मामला है। भोपाल के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मां और नवजात की कोरोना जांच पॉजिटिव आई है।
इस बच्ची का जन्म सात अप्रैल को हुआ था। उसके पिता ने कहा कि यह हो सकता है कि बच्ची को एक महिला स्वास्थ्य कर्मी से संक्रमण हो गया हो जो बच्ची के जन्म के समय ड्यूटी पर थी और बाद में संक्रमित पाई गई थी। बच्ची का जन्म सरकारी सुल्तानिया जनाना अस्पताल में हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘इस स्वास्थ्यकर्मी के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद बच्ची और उसकी मां में संक्रमण आने के शक पर मैंने अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। तब मैंने बरखेड़ी इलाके में लगे स्वास्थ्य शिविर में बच्ची और उसकी मां की जांच कराई और डॉक्टरों ने उनके नमूने जांच के लिए भेज दिए, जिसकी रिपोर्ट रविवार को आने से दोनों कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं।’
मध्यप्रदेश के इंदौर की एक सरकारी प्रयोगशाला में कोविड-19 की जांच से जुड़े नमूनों का ब्योरा रख रहा डॉक्टर रविवार को खुद इस महामारी की चपेट में आ गया।
सरकारी महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की डीन ज्योति बिंदल ने को बताया, 'हमारी वायरोलॉजी लैब में मरीजों के नमूनों की कोविड-19 की जांच से जुड़े ब्योरे के प्रबंधन के लिए संस्थान के ही फिजियोलॉजी विभाग में डिमॉन्स्ट्रेटर के पद पर कार्यरत डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई थी। जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है।'
बिंदल ने हालांकि स्पष्ट किया कि वायरोलॉजी प्रयोगशाला में मरीजों के नमूनों की कोविड-19 की जांच के वैज्ञानिक काम से इस डॉक्टर का सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं था। डीन ने बताया कि कोविड-19 संक्रमित डॉक्टर की हालत ठीक है और उन्होंने उसे एक अस्पताल में भर्ती करने के निर्देश दिये हैं। उसके संपर्क में आये महाविद्यालय के कर्मचारियों और अन्य लोगों को पृथक किया जा रहा है।
गौतलब है कि महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय की वायरोलॉजी लैब में कोविड-19 की जांच के लिए इन दिनों बड़ी तादाद में मरीजों के नमूने जांचे जा रहे हैं। इनमें इंदौर के साथ ही पश्चिमी मध्यप्रदेश के अन्य जिलों के मरीजों के नमूने भी शामिल हैं।
सरकारी महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच), महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़ा है। पिछले दिनों में एमवायएच की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर, नर्स और कुछ अन्य कर्मचारियों में भी कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया था।
इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमण के बाद दम तोड़ने वाले 41 वर्षीय पुलिस निरीक्षक को भावुक माहौल के बीच रविवार को राजकीय सम्मान से अंतिम विदाई दी गई। पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी निजी सुरक्षा उपकरणों (पीपीई) की किट पहनकर अंत्येष्टि में शामिल हुए और अपने दिवंगत साथी की तस्वीर पर पुष्प चक्र चढ़ाकर उन्हें अंतिम सफर पर रवाना किया।
पुलिस निरीक्षक के निधन पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शोक जताते हुए घोषणा की है कि दिवगंत अफसर के शोक में डूबे परिवार को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा और उनकी पत्नी को उप निरीक्षक के पद पर सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। पुलिस अधीक्षक महेशचंद्र जैन ने बताया कि दिवंगत पुलिस निरीक्षक कोविड-19 से संक्रमित होने से पहले शहर के जूनी इंदौर पुलिस थाने के प्रभारी के रूप में ड्यूटी कर रहे थे। यह इलाका इस महामारी के फैलाव के लिहाज से शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में शामिल है।
इंदौर में हेल्पलाइन नंबर जारी
बता दें कि इंदौर जिला प्रशासन ने शनिवार को हेल्पलाइन नंबर 0731-2363009 जारी किया था। किसी भी बीमारी की स्थिति में शहर के लोगों को इस नंबर पर मदद मिलेगी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की पहल पर हेल्पलाइन बनी है।
मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या ने 1400 का आंकड़ा पार कर लिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मध्यप्रदेश में संक्रमितों की संख्या 1407 पहुंच गई है। अबतक 72 लोगों की मौत हुई है, 131 ठीक हुए हैं। शनिवार को 59 लोगों को अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया था। इंदौर में संक्रमितों की संख्या 890 और राजधानी भोपाल में 214 पहुंच गई है।
राज्य की आर्थिक राजधानी इंदौर में आंकड़ा करीब 890 पहुंच गया है। इंदौर सीएमओ डॉ. प्रवीन जदिया के मुताबिक जिले में शनिवार को कोरोना संक्रमित एक मौत हुई है जबकि नौ नए मामलों की भी पुष्टि हुई।
राज्य में अब तक हुई 72 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं। अकेले इंदौर में 48 लोगों की मौत हुई है। अधिकारियों के अनुसार, भोपाल और उज्जैन में छह, देवास में पांच, खरगोन में चार और छिंदवाड़ा में एक-एक व्यक्ति की मौत इस संक्रमण से हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री के आदेशानुसार, भोपाल और इंदौर में कोई छूट नहीं मिलेगी। अन्य जिलों में आर्थिक गतिविधियो में छुट मिलेगी।
आउटसोर्स कर्मचारियों का 50 लाख का बीमा और 10,000 रुपये प्रति माह दे सरकार-कमलनाथ
कांग्रेस नेता कमलनाथ ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कोरोना वायरस लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य में बिजली प्रबंधन कंपनियों के प्रत्येक आउटसोर्स कर्मचारी के लिए 10,000 रुपये प्रति माह और 50 लाख रुपये के बीमा कवर की मांग की।
भोपाल में 12 दिन की बच्ची संक्रमित
भोपाल में 12 साल की एक बच्ची कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रविवार को सामने आया यह मामला राज्य में कोरोना संक्रमण का सबसे कम उम्र का मामला है। भोपाल के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मां और नवजात की कोरोना जांच पॉजिटिव आई है।
इस बच्ची का जन्म सात अप्रैल को हुआ था। उसके पिता ने कहा कि यह हो सकता है कि बच्ची को एक महिला स्वास्थ्य कर्मी से संक्रमण हो गया हो जो बच्ची के जन्म के समय ड्यूटी पर थी और बाद में संक्रमित पाई गई थी। बच्ची का जन्म सरकारी सुल्तानिया जनाना अस्पताल में हुआ था।
उन्होंने कहा, ‘इस स्वास्थ्यकर्मी के कोरोना वायरस संक्रमित होने के बाद बच्ची और उसकी मां में संक्रमण आने के शक पर मैंने अस्पताल के डॉक्टरों से संपर्क किया लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। तब मैंने बरखेड़ी इलाके में लगे स्वास्थ्य शिविर में बच्ची और उसकी मां की जांच कराई और डॉक्टरों ने उनके नमूने जांच के लिए भेज दिए, जिसकी रिपोर्ट रविवार को आने से दोनों कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं।’