न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संजीव कुमार झा
Updated Wed, 08 Sep 2021 03:04 PM IST
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया है। जिन परीक्षाओं और भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई हैं सिर्फ उनमें रोक रहेगी। इसका मतलब यह है कि छह परीक्षाओं को छोड़ अन्य भर्तियों में ओबीसी के लिए 14 की बजाय अब 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
ओबीसी को लाभ तो सामान्य वर्ग को नुकसान
बता दें कि मध्यप्रदेश में ओबीसी में 178 जातियां शामिल हैं। अब कई जातियां सरकार की नई आरक्षण नीति लागू होने के बाद ओबीसी को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना चाहती हैं। इसमें सबसे उच्च वर्ग ब्राह्मण वर्ग की भी जाति शामिल हैं। प्रदेश में ओबीसी लिस्ट में शामिल होने के लिए विश्नोई समाज, किराड़ पंजाबी समाज के साथ अन्य सिख समुदाय भी शमिल हैं। करीब तीन दर्जन जातियां और समुदाय खुद को ओबीसी बाताकर राज्य सरकार की सूची में शामिल होना चाहते हैं। इन सब जातियों के दावे पर पिछड़ा वर्ग आयोग की मुहर लगना बाकी है।
वहीं आरक्षण की नई नीति लागू होने के बाद सामान्य का कोटा अब 40 फीसदी से घटकर 27 फीसदी रह गया, क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 10 फीसदी के कोटे में तीनों वर्ग के लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा ओबीसी वर्ग की चार फीसदी महिलाओं को सरकारी सुविधाओं का लाभ बढ़ जाएगा, जबकि सामान्य वर्ग की महिलाओं को नुकसान हो सकता है। बता दें कि प्रदेश में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू है।
हाईकोर्ट ने इन परीक्षाओं पर लगाई है रोक
हाईकोर्ट ने सिर्फ पीजी नीट 2019-20, पीएससी, मेडिकल अधिकारी भर्ती और शिक्षक भर्ती में रोक लगाई है। इसके अलावा, सभी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिया जा सकता है।
विस्तार
हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिवराज सरकार ने मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग को सरकारी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी आरक्षण लागू कर दिया है। जिन परीक्षाओं और भर्ती पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई हैं सिर्फ उनमें रोक रहेगी। इसका मतलब यह है कि छह परीक्षाओं को छोड़ अन्य भर्तियों में ओबीसी के लिए 14 की बजाय अब 27 फीसदी आरक्षण मिलेगा।
ओबीसी को लाभ तो सामान्य वर्ग को नुकसान
बता दें कि मध्यप्रदेश में ओबीसी में 178 जातियां शामिल हैं। अब कई जातियां सरकार की नई आरक्षण नीति लागू होने के बाद ओबीसी को मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाना चाहती हैं। इसमें सबसे उच्च वर्ग ब्राह्मण वर्ग की भी जाति शामिल हैं। प्रदेश में ओबीसी लिस्ट में शामिल होने के लिए विश्नोई समाज, किराड़ पंजाबी समाज के साथ अन्य सिख समुदाय भी शमिल हैं। करीब तीन दर्जन जातियां और समुदाय खुद को ओबीसी बाताकर राज्य सरकार की सूची में शामिल होना चाहते हैं। इन सब जातियों के दावे पर पिछड़ा वर्ग आयोग की मुहर लगना बाकी है।
वहीं आरक्षण की नई नीति लागू होने के बाद सामान्य का कोटा अब 40 फीसदी से घटकर 27 फीसदी रह गया, क्योंकि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के 10 फीसदी के कोटे में तीनों वर्ग के लोग भी शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा ओबीसी वर्ग की चार फीसदी महिलाओं को सरकारी सुविधाओं का लाभ बढ़ जाएगा, जबकि सामान्य वर्ग की महिलाओं को नुकसान हो सकता है। बता दें कि प्रदेश में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण लागू है।
हाईकोर्ट ने इन परीक्षाओं पर लगाई है रोक
हाईकोर्ट ने सिर्फ पीजी नीट 2019-20, पीएससी, मेडिकल अधिकारी भर्ती और शिक्षक भर्ती में रोक लगाई है। इसके अलावा, सभी भर्तियों और परीक्षाओं में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिया जा सकता है।