प्रदेश सरकार ने विभागीय कामकाज में मनमानी करने और लंबे समय से बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने पर मथुरा के तत्कालीन उपायुक्त (उद्योग) वीरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उसे निलंबित किया गया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वीरेंद्र कुमार का तबादला फरवरी में वाराणसी किया गया था। वे तबसे बिना अनुमति अनुपस्थित चल रहे थे। उनके खिलाफ मनमाने ढंग से कार्य करने और अनुशासनहीनता की भी शिकायत मिली थी। उन्होंने विभाग की ओर से दिए नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने आरोपी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए।
रोडवेज का घूसखोर क्षेत्रीय प्रबंधक निलंबित
परिवहन निगम ने चित्रकूटधाम बांदा के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार अग्रवाल को बुधवार घूसखोरी के आरोप में निलंबित कर दिया है। निगम के प्रवक्ता अनवर अंजार के अनुसार संजीव कुमार अग्रवाल बीते मंगलवार को लिपिक रमेश कुमार वर्मा से वेतन विसंगति को सही करने के लिए ¹10000 की घूस ली थी जिसको एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को संजीव को जेल भेज दिया गया है जिसके बाद शाम को उसके निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
वाहनों की आवक कम दर्ज करने पर इटावा के मंडी सचिव राजेश यादव को निलंबित कर दिया गया है। मंडी में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग से यह सच्चाई सामने आई थी। इसके अलावा मंडी का रिकॉर्ड भी दुरुस्त नहीं मिला। राजेश यादव औरेया के मंडी सचिव थे, जबकि इसके साथ ही उन्हें इटावा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मंडी निदेशक जेपी सिंह ने यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट में मंडी समिति इटावा में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग देखने से पता चला कि सभी वाहनों की तुलाई नहीं हो रही थी। 10 नवंबर को प्रवेश द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे की 24 घंटे की रिकॉर्डिंग से पता चला कि वाहनों की संख्या 819 थी, जबकि प्रवेश पर्ची सिर्फ 589 को ही जारी की गई। इसी तरह से 11 नवंबर को 739 वाहनों को प्रवेश पर्ची नहीं दी गई। जांच टीम को स्टॉक रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं कराया गया। 30 लाइसेंसियों में से 4 लाइसेंसी ही पंजीकृत थे, जबकि नियमानुसार सभी का पंजीकरण जरूरी था।
निर्यात के लिए धान क्रय योजना में भी गबन की आशंका जताई गई। गेट नंबर दो पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब मिले, लेकिन इसकी कोई सूचना मुख्यालय को नहीं दी गई। जबकि, नियमों के तहत ऐसा किया जाना जरूरी है। अवैध रूप से ठेले-गुमटी लगवाने और उनसे अवैध वसूली के मामले भी सामने आए। इन आरोपों में औरेया मंडी के साथ इटावा मंडी का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे सचिव राजेश यादव को निलंबित कर दिया गया है। मामले में आगे की जांच संभागीय उप निदेशक (प्रशासन-विपणन), झांसी को सौंपी गई है।
प्रदेश सरकार ने विभागीय कामकाज में मनमानी करने और लंबे समय से बिना अनुमति के अनुपस्थित रहने पर मथुरा के तत्कालीन उपायुक्त (उद्योग) वीरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उसे निलंबित किया गया है। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि वीरेंद्र कुमार का तबादला फरवरी में वाराणसी किया गया था। वे तबसे बिना अनुमति अनुपस्थित चल रहे थे। उनके खिलाफ मनमाने ढंग से कार्य करने और अनुशासनहीनता की भी शिकायत मिली थी। उन्होंने विभाग की ओर से दिए नोटिस का जवाब भी नहीं दिया। मुख्यमंत्री ने आरोपी अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए।
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रोडवेज का घूसखोर क्षेत्रीय प्रबंधक निलंबित
परिवहन निगम ने चित्रकूटधाम बांदा के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार अग्रवाल को बुधवार घूसखोरी के आरोप में निलंबित कर दिया है। निगम के प्रवक्ता अनवर अंजार के अनुसार संजीव कुमार अग्रवाल बीते मंगलवार को लिपिक रमेश कुमार वर्मा से वेतन विसंगति को सही करने के लिए ¹10000 की घूस ली थी जिसको एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को संजीव को जेल भेज दिया गया है जिसके बाद शाम को उसके निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
तीसरी आंख ने खोली पोल, इटावा का मंडी सचिव सस्पेंड
वाहनों की आवक कम दर्ज करने पर इटावा के मंडी सचिव राजेश यादव को निलंबित कर दिया गया है। मंडी में लगे सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग से यह सच्चाई सामने आई थी। इसके अलावा मंडी का रिकॉर्ड भी दुरुस्त नहीं मिला। राजेश यादव औरेया के मंडी सचिव थे, जबकि इसके साथ ही उन्हें इटावा का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था।
जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर मंडी निदेशक जेपी सिंह ने यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट में मंडी समिति इटावा में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग देखने से पता चला कि सभी वाहनों की तुलाई नहीं हो रही थी। 10 नवंबर को प्रवेश द्वार पर लगे सीसीटीवी कैमरे की 24 घंटे की रिकॉर्डिंग से पता चला कि वाहनों की संख्या 819 थी, जबकि प्रवेश पर्ची सिर्फ 589 को ही जारी की गई। इसी तरह से 11 नवंबर को 739 वाहनों को प्रवेश पर्ची नहीं दी गई। जांच टीम को स्टॉक रजिस्टर भी उपलब्ध नहीं कराया गया। 30 लाइसेंसियों में से 4 लाइसेंसी ही पंजीकृत थे, जबकि नियमानुसार सभी का पंजीकरण जरूरी था।
निर्यात के लिए धान क्रय योजना में भी गबन की आशंका जताई गई। गेट नंबर दो पर लगे सीसीटीवी कैमरे खराब मिले, लेकिन इसकी कोई सूचना मुख्यालय को नहीं दी गई। जबकि, नियमों के तहत ऐसा किया जाना जरूरी है। अवैध रूप से ठेले-गुमटी लगवाने और उनसे अवैध वसूली के मामले भी सामने आए। इन आरोपों में औरेया मंडी के साथ इटावा मंडी का अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे सचिव राजेश यादव को निलंबित कर दिया गया है। मामले में आगे की जांच संभागीय उप निदेशक (प्रशासन-विपणन), झांसी को सौंपी गई है।
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