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देश में लॉकडाउन के दौरान जिले में पहुंचे एक बुजुर्ग की भाषा ही उसके लिए मुसीबत बन गई है। क्वारंटीन सेंटर में 14 दिन बिताने के बाद बुजुर्ग को जिला प्रशासन ने वृद्धा आश्रम पहुंचाकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली। समाजसेवी वृद्धा आश्रम जाकर बुजुर्ग की सेवा में जुटे हैं।
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था। लॉकडाउन के दौरान 28 मार्च को एक बुजुर्ग कोतवाली नगर स्थित बस अड्डा के पास मिला था। स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों ने बुजुर्ग को स्वास्थ्य टीम भेजकर फरीदीपुर स्थित केएनआईएमटी क्वारंटीन सेंटर में पहुंचा दिया था।
कित्सकों ने बुजुर्ग का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उसे फरीदीपुर में 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया था। क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद जब उससे चिकित्सकों ने बात की तो हैरान रह गए। सेंटर में मौजूद लोग और चिकित्सकों को बुजुर्ग की भाषा समझ में ही नहीं आ रही थी। चिकित्सकों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी थी।
जिला प्रशासन ने भी भाषा जानने की कोशिश की, लेकिन हार गए। थक-हारकर जिला प्रशासन ने बुजुर्ग को शहर के मंडी मोड़ गोरा बारिक स्थित वृद्धा आश्रम में पहुंचा दिया। केएनआईएमटी में तैनात सहायक प्रोफेसर डॉ. रिजवान खान ने बताया कि हम लोगों ने काफी कोशिश की कि इनकी पहचान हो जाए लेकिन भाषा के चलते पहचान नहीं हो सकी। वृद्धा आश्रम के व्यवस्थापक श्रीप्रकाश शर्मा ने बताया कि आश्रम में आए वृद्ध की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है। जिला प्रशासन भी इनकी भाषा को नहीं समझ पाया है। वे अपना नाम, एड्रेस भी अब तक नहीं बता पाए हैं।
देश में लॉकडाउन के दौरान जिले में पहुंचे एक बुजुर्ग की भाषा ही उसके लिए मुसीबत बन गई है। क्वारंटीन सेंटर में 14 दिन बिताने के बाद बुजुर्ग को जिला प्रशासन ने वृद्धा आश्रम पहुंचाकर अपने कर्तव्यों से इतिश्री कर ली। समाजसेवी वृद्धा आश्रम जाकर बुजुर्ग की सेवा में जुटे हैं।
कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन किया गया था। लॉकडाउन के दौरान 28 मार्च को एक बुजुर्ग कोतवाली नगर स्थित बस अड्डा के पास मिला था। स्थानीय लोगों की सूचना पर प्रशासनिक अधिकारियों ने बुजुर्ग को स्वास्थ्य टीम भेजकर फरीदीपुर स्थित केएनआईएमटी क्वारंटीन सेंटर में पहुंचा दिया था।
कित्सकों ने बुजुर्ग का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा था। बुजुर्ग की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उसे फरीदीपुर में 14 दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया था। क्वारंटीन अवधि पूरी होने के बाद जब उससे चिकित्सकों ने बात की तो हैरान रह गए। सेंटर में मौजूद लोग और चिकित्सकों को बुजुर्ग की भाषा समझ में ही नहीं आ रही थी। चिकित्सकों ने इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी थी।
जिला प्रशासन ने भी भाषा जानने की कोशिश की, लेकिन हार गए। थक-हारकर जिला प्रशासन ने बुजुर्ग को शहर के मंडी मोड़ गोरा बारिक स्थित वृद्धा आश्रम में पहुंचा दिया। केएनआईएमटी में तैनात सहायक प्रोफेसर डॉ. रिजवान खान ने बताया कि हम लोगों ने काफी कोशिश की कि इनकी पहचान हो जाए लेकिन भाषा के चलते पहचान नहीं हो सकी। वृद्धा आश्रम के व्यवस्थापक श्रीप्रकाश शर्मा ने बताया कि आश्रम में आए वृद्ध की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है। जिला प्रशासन भी इनकी भाषा को नहीं समझ पाया है। वे अपना नाम, एड्रेस भी अब तक नहीं बता पाए हैं।