विभूतिखंड के कठौता चौराहे पर गैंगवार में मऊ के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के पीछे बाहुबली पूर्व सांसद का हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि अजीत पर गोलीबारी के दौरान घायल एक शूटर का पूर्व सांसद के कृष्णानगर के मानसनगर निवासी गुर्गे विपुल ने इलाज कराया था। वह उसे पूर्व सांसद के करीबी सुल्तानपुर निवासी डॉक्टर की क्लीनिक पर भी ले गया था।
इस बीच तीन अन्य शूटरों को पूर्व सांसद ने उज्जैन के रास्ते मुंबई भेजा। पुलिस ने विपुल की तलाश में दबिश दी, पर वह भाग निकला। उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। फोन से उसकी व पूर्व सांसद की व्हाट्सएप चैट व कॉल के रिकॉर्ड मिले हैं।
अजीत सिंह और उसकी हत्या करने आए शूटरों के बीच गोलीबारी में एक शूटर के पेट में बायीं ओर गोली लगी थी। पुलिस अफसरों का कहना है कि घायल शूटर कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर नहीं है। उसकी मदद पूर्व सांसद के गुर्गे विपुल ने की। वह उसे विभूतिखंड स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट में ले गया। शूटर के घायल होने की जानकारी पाकर पूर्व सांसद ने अपने परिचित डॉक्टर को फ्लैट पर बुलवाकर इलाज कराया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शूटर की हालत बिगड़ने लगी तो गुरुवार सुबह करीब सवा पांच बजे उसे कार से सुल्तानपुर ले जाया गया। यहां पूर्व सांसद के करीबी डॉ. एके सिंह तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती शूटर का इलाज करते रहे। इस बीच पुलिस को भनक लग गई। हालांकि, उसके अस्पताल पहुंचने से पहले ही शनिवार दोपहर करीब 12 बजे शूटर को गायब कर दिया गया।
पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि शूटर को फर्जी नाम-पते से भर्ती कराया गया था। उसके तीमारदार के रूप में विपुल का मोबाइल नंबर था। पुलिस ने नंबर का ब्यौरा खंगाला तो पूर्व सांसद का नाम सामने आया। विपुल के मानसनगर स्थित घर पर दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस को उसका मोबाइल फोन मिल गया है। सूत्रों का कहना है कि विपुल के मोबाइल फोन पर पूर्व सांसद से व्हाट्सएप चैट और कॉल का रिकॉर्ड मिला है। हत्याकांड में शामिल बाकी तीन शूटर को पूर्व सांसद के गुर्गे उज्जैन तक छोड़ आए, जहां से उन्हें दूसरी टीम मुंबई ले गई।
पूर्व सांसद को दी पल-पल की जानकारी
विपुल ने पूर्व सांसद को व्हाट्सएप कॉल से पल-पल की जानकारी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात हत्याकांड के बाद से गुरुवार सुबह घायल शूटर के अस्पताल पहुंचने तक विपुल की पूर्व सांसद से करीब 70 बार व्हाट्सएप कॉल पर बात हुई। विपुल ने पूर्व सांसद को मेसेज भी किए। अफसरों ने विपुल के मोबाइल फोन का रिकॉर्ड निकाला तो अजीत सिंह की हत्या से पहले भी पूर्व सांसद और उसके बीच कई व्हाट्सएप कॉल की जानकारी मिली।
कठौता में गैंगवार में अजीत सिंह की गोली से घायल शूटर का इलाज केजीएमयू के एक डॉक्टर ने किया था। डॉक्टर को बाहुबली पूर्व सांसद ने फ्लैट में बुलवाया जहां घायल शूटर मौजूद था। गोली उसके पेट के आरपार हो गई थी और काफी तेजी से खून बह रहा था। डॉक्टर ने दो घंटे तक फ्लैट में रहकर शूटर का उपचार किया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा जिसके बाद पूर्व सांसद ने सुल्तानपुर निवासी अपने परिचित डॉ. एके सिंह से संपर्क किया।
शूटरों के मददगारों के रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस
बाहुबली पूर्व सांसद के इशारे पर शूटरों की मदद करने वाले केजीएमयू और सुल्तानपुर के डॉक्टरों के रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस हैं। केजीएमयू के चिकित्सक का साला पंजाब में एडीजी के पद पर तैनात है तो सुल्तानपुर के डॉक्टर एके सिंह की बेटी व दामाद आईएएस अधिकारी बताए जा रहे हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस अजीत सिंह की सनसनीखेज हत्या के मामले में दोनों डॉक्टर के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं। हत्यारों की मदद करने के तमाम साक्ष्य मिलने के बाद भी दोनों डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें हत्याकांड की साजिश में शामिल तक नहीं बताया गया।
विभूतिखंड के कठौता चौराहे पर गैंगवार में मऊ के पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के पीछे बाहुबली पूर्व सांसद का हाथ होने के साक्ष्य मिले हैं। पुलिस अफसरों ने बताया कि अजीत पर गोलीबारी के दौरान घायल एक शूटर का पूर्व सांसद के कृष्णानगर के मानसनगर निवासी गुर्गे विपुल ने इलाज कराया था। वह उसे पूर्व सांसद के करीबी सुल्तानपुर निवासी डॉक्टर की क्लीनिक पर भी ले गया था।
विज्ञापन
इस बीच तीन अन्य शूटरों को पूर्व सांसद ने उज्जैन के रास्ते मुंबई भेजा। पुलिस ने विपुल की तलाश में दबिश दी, पर वह भाग निकला। उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। फोन से उसकी व पूर्व सांसद की व्हाट्सएप चैट व कॉल के रिकॉर्ड मिले हैं।
अजीत सिंह और उसकी हत्या करने आए शूटरों के बीच गोलीबारी में एक शूटर के पेट में बायीं ओर गोली लगी थी। पुलिस अफसरों का कहना है कि घायल शूटर कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर नहीं है। उसकी मदद पूर्व सांसद के गुर्गे विपुल ने की। वह उसे विभूतिखंड स्थित अपार्टमेंट के फ्लैट में ले गया। शूटर के घायल होने की जानकारी पाकर पूर्व सांसद ने अपने परिचित डॉक्टर को फ्लैट पर बुलवाकर इलाज कराया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि शूटर की हालत बिगड़ने लगी तो गुरुवार सुबह करीब सवा पांच बजे उसे कार से सुल्तानपुर ले जाया गया। यहां पूर्व सांसद के करीबी डॉ. एके सिंह तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती शूटर का इलाज करते रहे। इस बीच पुलिस को भनक लग गई। हालांकि, उसके अस्पताल पहुंचने से पहले ही शनिवार दोपहर करीब 12 बजे शूटर को गायब कर दिया गया।
पुलिस ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि शूटर को फर्जी नाम-पते से भर्ती कराया गया था। उसके तीमारदार के रूप में विपुल का मोबाइल नंबर था। पुलिस ने नंबर का ब्यौरा खंगाला तो पूर्व सांसद का नाम सामने आया। विपुल के मानसनगर स्थित घर पर दबिश दी गई, लेकिन वह नहीं मिला। पुलिस को उसका मोबाइल फोन मिल गया है। सूत्रों का कहना है कि विपुल के मोबाइल फोन पर पूर्व सांसद से व्हाट्सएप चैट और कॉल का रिकॉर्ड मिला है। हत्याकांड में शामिल बाकी तीन शूटर को पूर्व सांसद के गुर्गे उज्जैन तक छोड़ आए, जहां से उन्हें दूसरी टीम मुंबई ले गई।
पूर्व सांसद को दी पल-पल की जानकारी
विपुल ने पूर्व सांसद को व्हाट्सएप कॉल से पल-पल की जानकारी दी थी। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात हत्याकांड के बाद से गुरुवार सुबह घायल शूटर के अस्पताल पहुंचने तक विपुल की पूर्व सांसद से करीब 70 बार व्हाट्सएप कॉल पर बात हुई। विपुल ने पूर्व सांसद को मेसेज भी किए। अफसरों ने विपुल के मोबाइल फोन का रिकॉर्ड निकाला तो अजीत सिंह की हत्या से पहले भी पूर्व सांसद और उसके बीच कई व्हाट्सएप कॉल की जानकारी मिली।
केजीएमयू के डॉक्टर ने फ्लैट में दो घंटे तक किया था घायल शूटर का इलाज
कठौता में गैंगवार में अजीत सिंह की गोली से घायल शूटर का इलाज केजीएमयू के एक डॉक्टर ने किया था। डॉक्टर को बाहुबली पूर्व सांसद ने फ्लैट में बुलवाया जहां घायल शूटर मौजूद था। गोली उसके पेट के आरपार हो गई थी और काफी तेजी से खून बह रहा था। डॉक्टर ने दो घंटे तक फ्लैट में रहकर शूटर का उपचार किया। प्राथमिक उपचार के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा जिसके बाद पूर्व सांसद ने सुल्तानपुर निवासी अपने परिचित डॉ. एके सिंह से संपर्क किया।
शूटरों के मददगारों के रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस
बाहुबली पूर्व सांसद के इशारे पर शूटरों की मदद करने वाले केजीएमयू और सुल्तानपुर के डॉक्टरों के रिश्तेदार आईएएस-आईपीएस हैं। केजीएमयू के चिकित्सक का साला पंजाब में एडीजी के पद पर तैनात है तो सुल्तानपुर के डॉक्टर एके सिंह की बेटी व दामाद आईएएस अधिकारी बताए जा रहे हैं। शायद यही वजह है कि पुलिस अजीत सिंह की सनसनीखेज हत्या के मामले में दोनों डॉक्टर के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं। हत्यारों की मदद करने के तमाम साक्ष्य मिलने के बाद भी दोनों डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उन्हें हत्याकांड की साजिश में शामिल तक नहीं बताया गया।
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।