डकैत समझ ग्रामीणों ने वनकर्मियों पर किया पथराव
कतर्निया सेंक्चुरी के गांवों में छापेमारी करने गई थी वन टास्कफोर्स टीम, समझाने पर माने ग्रामीण
सेंक्चुरी के साथ लखीमपुर के धौरहरा रेंज से कटान कर एकत्रित की गई लकड़ी बरामद
चार लोगों के खिलाफ रेंज केस दर्ज, बरामद लकड़ी सीज, 24 घंटे चला जंगल विभाग का ऑपरेशन
फोटो है। -25
अमर उजाला ब्यूरो
बहराइच/बिछिया। कतर्निया घाट सेंक्चुरी में धड़ल्ले से हो रही अवैध कटान के चलते इसे विश्व मानचित्र पर लाने का शासन-प्रशासन का सपना साकार नहीं हो पा रहा। सेंक्चुरी को माफिया की नजर लगी हुई है। बीते दो माह में कई स्थानों पर जमकर पेड़ कटे। इसकी सूचना पर वन विभाग की टास्कफोर्स ने जंगल से सटे गांवों में छापेमारी की। इस दौरान रमपुरवा गांव में ग्रामीणों ने डकैत समझकर टीम पर पथराव कर दिया। किसी तरह वनकर्मियों ने ग्रामीणों को समझाकर जान बचाई। भारी मात्रा में अवैध कटान की लकड़ी बरामद हुई। लकड़ी को जब्त कर जांच शुरू की गई है। चार लोगों के खिलाफ रेंज केस दर्ज हुआ है।
कतर्नियाघाट सेंक्चुरी प्राकृतिक संपदा से धनी परिक्षेत्र है। यहां पर साल, सागौन के साथ ही कई दुर्लभ प्रजातियों के पेड़-पौधे हैं। जिसके चलते वन माफिया को जंगल रास आ रहा है। आए दिन माफिया जंगल में धावा बोलते हैं। बरसात शुरू होने के बाद जंगल क्षेत्र में वनकर्मियों का दायरा सिमट गया। इसका नतीजा यह हुआ कि माफियाओं की चांदी हो गई। कतर्नियाघाट सेंक्चुरी के साथ ही लखीमपुर जिले से सटे धौरहरा रेंज के जंगलों में जमकर कटान की गई। हालांकि लखीमपुर की लकड़ी को चोरी-छिपे कतर्नियाघाट से सटे गांव में पहुंचाकर डंप किया गया। इसकी भनक वन मंत्रालय को लगी। इस पर वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने टॉस्क फोर्स गठित कर छापेमारी के निर्देश दिए। उसी के तहत चीफ वाइल्ड लाइफ कुर्विली थामस, प्रमुख संरक्षक वन्यजीव श्रीकांत उपाध्याय की अगुवाई में टॉस्क फोर्स कतर्नियाघाट पहुंची। इस टॉस्कफोर्स में बहराइच डीएफओ जीपी सिंह के अलावा खीरी और बलरामपुर के डीएफओ भी शामिल रहे। 24 घंटे ऑपरेशन चला। टीम ने रात में निशानगाड़ा रेंज के रमपुरवा में छोटेलाल के घर दबिश दी। यहां से बड़े पैमाने पर साखू और सागौन की चिरान बरामद हुई। हालांकि यह क्षेत्र थारू बाहुल्य है। यहां पर ग्रामीणों ने वनकर्मियों को डकैत समझकर घेर लिया। पथराव शुरू कर दिया। किसी तरह वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों को समझाया बुझाया। तब लोग शांत हुए। इसके बाद टीम ने धनियाबेली के पारसपुरवा में कटान कर खेत में छोड़े गए खैर के बोटे वन विभाग ने कब्जे में लिए। चार अन्य स्थानों पर भी दबिश दी गई। लगभग 20 लाख से अधिक की वन संपदा बरामद हुई है। उसे कतर्नियाघाट रेंज कार्यालय पहुंचाकर सीज किया गया। डीएफओ जीपी सिंह ने बताया कि कटान पर अंकुश लगाने के लिए ऑपरेशन चला। जिसमें सफलता मिली। इस मामले में रमपुरवा निवासी छोटेलाल और धर्मेद्र के साथ ही दो अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोपी फरार हैं। उनकी तलाश में दबिश दी जा रही है।
कहीं इसलिए तो नहीं सक्रिय हैं वन माफिया
कतर्नियाघाट सेंक्चुरी में सात रेंज हैं। इन रेंजों में 13 से अधिक वन रक्षक 14 साल से अधिक समय से एक ही रेंज में तैनात हैं। कुछ वन रक्षकों को हाल ही में दूसरे रेंज में स्थानांतरित कर पुन: पुराने रेंज में पदस्थापित कर दिया गया है। इसके बाद कटान बढ़ी है। कतर्नियाघाट रेंज में वन रक्षक कबीरुल हसन समेत चार कर्मचारी अरसे से ड्यूटी कर रहे हैं।
सभी रेंजों में निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित
बरसात में जंगल में लोगों का आवागमन कम होता है। ऐसे में वन माफिया के सक्रिय होने की संभावना होती है। माफिया पर अंकुश लगाने के लिए सभी रेंजों में स्पेशल टीम गठित हुई है। वनकर्मी निगरानी कर रहे हैं। काफी समय से जमे वनकर्मियों पर कार्रवाई होगी।
-जीपी सिंह, डीएफओ