जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट ने आतंकियों तथा उनके आकाओं की नींद उड़ा दी है। सुरक्षा बलों की सख्ती से एक के बाद एक टॉप कमांडरों तथा आतंकियों की फौज के मार गिराए जाने से अब उनमें अपने अस्तित्व को बचाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
दक्षिणी कश्मीर में लगातार ऑपरेशन से अब उन्होंने पनाह पाने के लिए उत्तरी कश्मीर का रुख किया है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के इनपुट मिले हैं कि आतंकियों ने वहां से भागकर सोपोर को बेस बनाना शुरू कर दिया है। उत्तरी कश्मीर में अचानक आतंकियों की संख्या भी बढ़ी है। इस वजह से उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा बलों ने खास नजर रखना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों को इस बात के इनपुट मिले हैं कि काफी तादाद में आतंकियों ने सोपोर तथा आसपास के इलाकों में शरण ली है। भौगोलिक स्थिति के कारण उत्तरी कश्मीर को छिपने के लिए मुफीद स्थान माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में 350 से 400 आतंकी सक्रिय हैं। दक्षिणी कश्मीर में अब सिर्फ 50 आतंकियों के सक्रिय होने की सूचना है।
दक्षिणी कश्मीर में सख्ती के चलते अचानक उनकी संख्या में कमी आई है। माना जा रहा है कि अब उन्होंने सख्ती से डरकर उत्तरी कश्मीर की ओर रुख किया है। ऑपरेशन ऑल आउट के तहत सबसे ज्यादा ऑपरेशन दक्षिणी कश्मीर में ही हुए हैं। इनमें लश्कर, जैश, हिजबुल, अल-बदर, जेकेआईएस सभी आतंकी संगठनों के आतंकी मारे गए हैं।
सेना की टॉप टेन लिस्ट में शामिल जाकिर मूसा और रियाज नायकू को छोड़कर सभी कमांडर मार दिए गए हैं। अब इनके पास आतंकियों के साथ ही कमांडर की भी कमी हो गई है। लगातार ऑपरेशन से आतंकी संगठनों की ओर से मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की आतंकियों को सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर रहने को कहा गया है।
पिछले साल 191 युवा बने आतंकी
वर्ष 2018 में 191 कश्मीरी युवा आतंकी बने हैं। इस साल भी दो दर्जन युवाओं के आतंकी राह पर जाने की सूचना है। हालांकि, पिछले पांच-छह महीने में युवाओं के आतंक की राह पकड़ने में कमी आई है। लेकिन युवाओं का आतंकी संगठन का दामन थामना चिंता का विषय है।
पांच साल में 836 आतंकी मारे गए
कश्मीर घाटी में पिछले पांच वर्षों में 836 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। इनमें से 490 आतंकवादी पाकिस्तानी व विदेशी थे। पूरी घाटी में आतंकियों के साथ सख्ती के साथ निपटा जा रहा है।
जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ऑल आउट ने आतंकियों तथा उनके आकाओं की नींद उड़ा दी है। सुरक्षा बलों की सख्ती से एक के बाद एक टॉप कमांडरों तथा आतंकियों की फौज के मार गिराए जाने से अब उनमें अपने अस्तित्व को बचाने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
दक्षिणी कश्मीर में लगातार ऑपरेशन से अब उन्होंने पनाह पाने के लिए उत्तरी कश्मीर का रुख किया है। सुरक्षा एजेंसियों को इस बात के इनपुट मिले हैं कि आतंकियों ने वहां से भागकर सोपोर को बेस बनाना शुरू कर दिया है। उत्तरी कश्मीर में अचानक आतंकियों की संख्या भी बढ़ी है। इस वजह से उत्तरी कश्मीर में सुरक्षा बलों ने खास नजर रखना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों को इस बात के इनपुट मिले हैं कि काफी तादाद में आतंकियों ने सोपोर तथा आसपास के इलाकों में शरण ली है। भौगोलिक स्थिति के कारण उत्तरी कश्मीर को छिपने के लिए मुफीद स्थान माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में 350 से 400 आतंकी सक्रिय हैं। दक्षिणी कश्मीर में अब सिर्फ 50 आतंकियों के सक्रिय होने की सूचना है।
दक्षिणी कश्मीर में सख्ती के चलते अचानक उनकी संख्या में कमी आई है। माना जा रहा है कि अब उन्होंने सख्ती से डरकर उत्तरी कश्मीर की ओर रुख किया है। ऑपरेशन ऑल आउट के तहत सबसे ज्यादा ऑपरेशन दक्षिणी कश्मीर में ही हुए हैं। इनमें लश्कर, जैश, हिजबुल, अल-बदर, जेकेआईएस सभी आतंकी संगठनों के आतंकी मारे गए हैं।
सेना की टॉप टेन लिस्ट में शामिल जाकिर मूसा और रियाज नायकू को छोड़कर सभी कमांडर मार दिए गए हैं। अब इनके पास आतंकियों के साथ ही कमांडर की भी कमी हो गई है। लगातार ऑपरेशन से आतंकी संगठनों की ओर से मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करने की आतंकियों को सख्त हिदायत दी गई है। साथ ही उन्हें रिहायशी इलाकों से दूर रहने को कहा गया है।
पिछले साल 191 युवा बने आतंकी
वर्ष 2018 में 191 कश्मीरी युवा आतंकी बने हैं। इस साल भी दो दर्जन युवाओं के आतंकी राह पर जाने की सूचना है। हालांकि, पिछले पांच-छह महीने में युवाओं के आतंक की राह पकड़ने में कमी आई है। लेकिन युवाओं का आतंकी संगठन का दामन थामना चिंता का विषय है।
पांच साल में 836 आतंकी मारे गए
कश्मीर घाटी में पिछले पांच वर्षों में 836 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया है। इनमें से 490 आतंकवादी पाकिस्तानी व विदेशी थे। पूरी घाटी में आतंकियों के साथ सख्ती के साथ निपटा जा रहा है।