सोमवार की रात अर्द्धकुंवारी से भवन जाने वाले नये मार्ग पर हिमकोटि से करीब आधा किलोमीटर पहले भूस्खलन होने के कारण मार्ग को बंद करना पड़ा। आगामी दो दिनों तक इस मार्ग के बंद रहने की संभावना जताई जा रही है।
मार्ग के बंद होने से अर्द्धकुंवारी और भवन के बीच चलने वाली बैटरी कार सेवा भी प्रभावित रही। जबकि मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण हेलीकाप्टर सेवा दिनभर ठप रही।
जानकारी के अनुसार, सोमवार की देर रात अर्द्धकुंवारी से भवन जाने वाले नए मार्ग पर हिमकोटि से पहले और निर्माणाधीन हैलीपैड के पास अचानक भूस्खलन हो गया।
जानकारी मिलते ही श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने इस मार्ग से यात्रा को बंद कर दिया और आपातकालीन टीम मार्ग दुरुस्त करने में जुट गई। इसके बाद भक्तों की आवाजाही प्राचीन मार्ग से जारी रही है। मंगलवार की सुबह तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण मार्ग पर कुछ देर लिए यात्रा थमी सी रही।
देर शाम तक 20 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन के लिए पंजीकरण कराया था। हेलीकाप्टर से यात्रा करने के लिए पहले से टिकट बुक करवाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
सोमवार की रात अर्द्धकुंवारी से भवन जाने वाले नये मार्ग पर हिमकोटि से करीब आधा किलोमीटर पहले भूस्खलन होने के कारण मार्ग को बंद करना पड़ा। आगामी दो दिनों तक इस मार्ग के बंद रहने की संभावना जताई जा रही है।
मार्ग के बंद होने से अर्द्धकुंवारी और भवन के बीच चलने वाली बैटरी कार सेवा भी प्रभावित रही। जबकि मंगलवार की सुबह मूसलाधार बारिश के कारण हेलीकाप्टर सेवा दिनभर ठप रही।
जानकारी के अनुसार, सोमवार की देर रात अर्द्धकुंवारी से भवन जाने वाले नए मार्ग पर हिमकोटि से पहले और निर्माणाधीन हैलीपैड के पास अचानक भूस्खलन हो गया।
जानकारी मिलते ही श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने इस मार्ग से यात्रा को बंद कर दिया और आपातकालीन टीम मार्ग दुरुस्त करने में जुट गई। इसके बाद भक्तों की आवाजाही प्राचीन मार्ग से जारी रही है। मंगलवार की सुबह तीन घंटे तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण मार्ग पर कुछ देर लिए यात्रा थमी सी रही।
देर शाम तक 20 हजार श्रद्धालुओं ने माता के दर्शन के लिए पंजीकरण कराया था। हेलीकाप्टर से यात्रा करने के लिए पहले से टिकट बुक करवाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ा।