लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Rajasthan ›   Jaipur News ›   Central Government budget of Rs 1022 crore lapsed due to negligence of Gehlot Government in Rajasthan

Rajasthan: प्रदेश के ढाई लाख घरों में अंधेरा, गहलोत सरकार की लापरवाही से केंद्र का एक हजार करोड़ का बजट लैप्स

Neeraj Sharma नीरज शर्मा
Updated Thu, 29 Dec 2022 11:33 AM IST
सार

गहलोत सरकार की लापरवाही से राजस्थान के 2.5 लाख घरों में बिजली कनेक्शन के लिए आया बजट लैप्स हो गया। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1,022 करोड़ रुपये का बजट दिया था। इससे ढाणियों में बिजली कनेक्शन किए जाने थे, ये खुलासा केंद्र सरकार की जांच में हुआ है।

केंद्र सरकार से मिला 1,022 करोड़ रुपये का बजट लैप्स।
केंद्र सरकार से मिला 1,022 करोड़ रुपये का बजट लैप्स। - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

राजस्थान की गहलोत सरकार के बिजली विभाग और डिस्कॉम प्रबंधन की भारी लापरवाही से प्रदेश के 2.5 लाख से ज्यादा घरों में बिजली कनेक्शन के लिए केंद्र सरकार से मिला 1,022 करोड़ रुपये का बजट लैप्स हो गया। बीकानेर के नोखा से बीजेपी विधायक बिहारीलाल विश्नोई की शिकायत के बाद केंद्र सरकार की जांच में इसका खुलासा हुआ है।



विधायक विश्नोई ने कहा, राजस्थान सरकार ने गांव-ढाणी के किसानों के साथ बड़ा धोखा किया है, जबकि बिजली विभाग के मंत्री भंवर सिंह भाटी का कहना है, केंद्र सरकार से दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सौभाग्य का समय एक साल और बढ़ाने की मांग की गई थी। लेकिन केंद्र ने करीब तीन महीने का ही समय बढ़ाया, जिस कारण काम शुरू नहीं हो सका और योजना का बजट लैप्स हो गया। चुनावी साल से ठीक पहले इस मुद्दे पर सियासत गरमा गई है।




केंद्र सरकार ने 1,022 करोड़ रुपये का बजट दिया...
केंद्र की मोदी सरकार ने गहलोत सरकार को प्रदेश की ढाणियां बिजली कनेक्शन से जोड़ने के लिए पंडित दीनयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना सौभाग्य में 26 जुलाई 2021 को 1,022 करोड़ रुपये का बजट दिया था। साथ ही दिसंबर 2021 तक काम पूरा करने की शर्त रखी गई थी। राजस्थान का बिजली विभाग तय टाइम पीरियड में इस बजट का न तो इस्तेमाल कर पाया और न ही गांव-ढाणियों के घरों को बिजली कनेक्शन से जोड़ पाया।

राजस्थान सरकार की बार-बार मांग पर दो बार समय बढ़ाकर आखिरी बार मार्च महीने तक काम पूरा करने को कहा गया। लेकिन काम शुरू ही नहीं हो सका। इस स्कीम में गांव-ढाणी में किसानों को फ्री बिजली कनेक्शन देने थे। 60 फीसदी पैसा केंद्र सरकार और 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार को खर्च करना था। किसान को खुद के खर्च पर बिजली कनेक्शन कराने पर 70 हजार से एक लाख रुपये तक देने पड़ते हैं।

विधायक बिहारीलाल विश्नोई
विधायक बिहारीलाल विश्नोई - फोटो : अमर उजाला
2.50 लाख घर बिजली कनेक्शन से रह गए...
राजस्थान में साल 2018 तक तो इस योजना के तहत घरेलू कनेक्शन जारी किए गए थे। लेकिन इसके बावजूद प्रदेश की ज्यादातर ढाणियों के करीब 2.50 लाख घर बिजली कनेक्शन से होने से बाकी रह गए। बीकानेर के नोखा से बीजेपी विधायक बिहारीलाल विश्नोई ने यह मामला राजस्थान विधानसभा में भी उठाया था। उन्होंने नोखा में आठ हजार लोग कनेक्शन से वंचित बताते हुए केंद्र में भी शिकायत की। शिकायत पर 2020 में केंद्र सरकार की टीम ने सर्वे कर जांच करवाई तो शिकायत सही पाई गई। सर्वे में पता चला कि प्रदेश भर में करीब 2.50 लाख घरों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंच सका और ये घर आज तक अंधेरे में डूबे हैं।

ये है पूरा मामला...
26 जुलाई 2021 को केंद्र सरकार ने योजना के तहत राजस्थान सरकार को 1,022 करोड़ का बजट अलॉट करके दिया। इस पैसे से बिजली कनेक्शन से बाकी रहीं ढाणियों के वंचित घरों को कनेक्शन देने को कहा। इसमें से 433-433 करोड़ रुपये जोधपुर और अजमेर डिस्कॉम कंपनियों को और बाकी 156 करोड़ रुपये की राशि जयपुर डिस्कॉम को दी गई। पांच महीने तक तत्कालीन ऊर्जा मंत्री रहे डॉ. बीडी कल्ला ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। दिसंबर 2021 में बिजली विभाग के नए मंत्री बनाए गए भंवर सिंह भाटी के पास जब यह डिपार्टमेंट आया तो टेंडर प्रोसेस चल रहा था। भाटी को जनवरी 2020 में इसके बारे में पता चला, तब केंद्र से समय सीमा बढ़ाने की मांग की गई। मार्च तक टाइम पीरियड भी बढ़ा। लेकिन काम शुरू होता, उससे पहले बजट ही लैप्स हो गया।

बाड़मेर में 46 हजार, बीकानेर में 28 हजार और नोखा में 8500 वंचित...
सीमावर्ती रेगिस्तानी जिले बाड़मेर में 46 हजार लोगों के घर बिजली से महरूम हैं। बीकानेर में 28 हजार घरों को बिजली का इंतजार है। खुद ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी के विधानसभा क्षेत्र कोलायत में 14 हजार लोग बिजली कनेक्शन से वंचित हैं। जबकि बीकानेर के नोखा में 8500 घरों में लाइट नहीं पहुंच सकी है। राजस्थान की तीनों बिजली कंपनियों जोधपुर डिस्कॉम, अजमेर डिस्कॉम और जयपुर डिस्कॉम में वंचित कनेक्शन वाले घर हैं।

मंत्री भंवर सिंह भाटी
मंत्री भंवर सिंह भाटी - फोटो : अमर उजाला
गांव-ढाणियों के किसानों के साथ बड़ा धोखा हुआ...
बीकानेर जिले के नोखा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक बिहारीलाल विश्नोई ने कहा, गांव में चौपाल पर हर गांव का आदमी मुझसे ये सवाल पूछता है। पूरा प्रदेश इस बात को जानता है कि दीनदयाल ज्योति ग्राम योजना ने भारत सरकार ने हजारों करोड़ रुपये इस बात के लिए खर्च किए कि प्रत्येक घर तक बिजली का कनेक्शन हो। हर गांव-ढाणी में बिजली का कनेक्शन हो और हर घर में लाइट जले। इसी महत्वपूर्ण योजना में हमारे बीकानेर जिले में सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च हुए और 60 हजार कनेक्शन दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना में सौभाग्य न्यू प्लान में हुए। उन 60 हजार कनेक्शन में 20 हजार कनेक्शन मेरे विधानसभा क्षेत्र नोखा में हुए। बहुत बड़ी संख्या में घरों में लाइट जली। लेकिन किन्ही कारणों से कुछ लोग हर गांव में कनेक्शन से वंचित रह गए। उनकी मांग को हम जनवरी 2019 से ही प्रदेश सरकार के सामने रख रहे हैं। जब भारत सरकार ने इतना महत्वपूर्ण काम किया तो बची हुई ढाणियों में राजस्थान सरकार को विद्युतीकरण की योजना लाए। लेकिन सरकार ने इस बात पर कतई गौर नहीं किया। न राजस्थान सरकार ने पिछले चार साल में योजना दी। इस बात से परेशान होकर जब हमने फिर से केंद्र सरकार के सामने रखा।

केंद्र की जांच और सर्वे में हमारे आंकड़े सही पाए गए...
जब हमने केंद्र सरकार को आंकड़े दिए और केंद्र ने सर्वे टीम भेजकर इस बात की जांच पड़ताल कराई तो हमारे आंकड़े सही पाए गए। उन्हें रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन के जरिए केंद्र सरकार ने राजस्थान सरकार को 1,022 करोड़ रुपये वंचित विद्युत ढाणियों को इलेक्ट्रिफाइड करने के लिए दिए। जोधपुर डिस्कॉम के हिस्से में 433 करोड़ रुपये आए। मेरे विधानसभा क्षेत्र नोखा में 31 करोड़ रुपये आए। कम से कम हमारी 8-9 हजार ढाणियां बिजली कनेक्शन से वंचित रह गई हैं। उनमें से 6000 ढाणियों विद्युतीकृत हो सकती थीं, लेकिन राज्य सरकार को सितंबर 2021 में पैसा मिला और 15 मार्च 2022 तक की डेडलाइन थी। सरकार ने कीमती सात महीने बरबाद कर दिए। डिस्कॉम के अधिकारी टेंडर तक नहीं कर पाए। ठेकेदार को काम नहीं दे पाए। 15 मार्च 2022 को हजारों करोड़ रुपया लैप्स हो गया। बड़ा धोखा राजस्थान के गांव-ढाणियों में रहने वाले किसानों के साथ हुआ। उनके घरों में अंधेरा रह गया, सरकार और बिजली महकमा इसके लिए जिम्मेदार है।

कम टाइम में इतना बड़ा काम नहीं हो सकता था...
बिजली विभाग के मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा, सौभाग्य योजना के तहत ढाणियों के विद्युतिकरण की योजना केंद्र सरकार की थी। उसमें 40 फीसदी पैसा राज्य सरकार का शेयर होता था। केंद्र सरकार ने पहले दिसंबर 2021 तक की छूट दी। दिसंबर में हमारा टेंडर प्रोसेस चल रहा था। हमारे मांग करने के बाद केंद्र ने पहले 15 फरवरी और फिर मार्च 2022 तक का समय दिया। उसके बाद केंद्र सरकार ने योजना का समय नहीं बढ़ाया। इतने कम टाइम में इतना बड़ा काम नहीं हो सकता था। हमने कम से कम एक साल का समय और केंद्र सरकार से मांगा था। लेकिन केंद्र ने 31 मार्च के बाद समय नहीं बढ़ाया, जिस कारण लाखों ढाणियों विद्युतिकृत नहीं हो सकीं।

भाटी ने कहा हाल ही में उदयपुर में देश के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में मैंने मांग रखी थी कि सौभाग्य योजना का समय बढ़ाया जाए। केंद्र ने आरडीएसएस में पैसा देने की बात कही है। लेकिन केंद्र सरकार 25 हजार रुपये हर ढाणी देने की बात कह रही है। लेकिन हर ढाणी या बसावट की कॉस्ट 50 हजार रुपए से एक लाख रुपये तक आती है। हमारी बात केंद्र से चल रही है। हम कह रहे हैं कि पहले सौभाग्य या दीनदयाल योजना में जितना पैसा केंद्र की ओर से दिया जाता था, उतना पैसा केंद्र दे। बाकी पैसा राज्य सरकार दे देगी और ढाणियों को बिजली से जोड़ दिया जाएगा। केंद्र सरकार का जो भी पॉजिटिव फैसला आएगा। उसके अनुसार हम आगे ढाणियों को बिजली कनेक्शन से जोड़ने का काम करवाएंगे।

मंत्री भाटी बोले, बीकानेर, जैसलमेर, जोधपुर और बाड़मेर जैसे सीमावर्ती जिलों में काफी सारी ऐसी ढाणियां हैं, जो विद्युतिकृत नहीं हो सकीं हैं। हमने केंद्र की बीजेपी सरकार और सांसदों को निवेदन दिया था कि राजस्थान में लाखों ऐसे लोग हैं, जिनके घरों तक लाइट नहीं पहुंची है। केंद्र की योजना का दायरा कम से कम एक साल के लिए बढ़ाया जाए। राजस्थान सरकार समय पर कार्य पूरा नहीं कर पाई। उस योजना को केंद्र सरकार ने बंद कर दिया। उस वजह से ये ढाणियां वंचित रह गईं। अभी भी आरडीएसएस योजना में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना जितना पैसा केंद्र सरकार देती है, तो हम राजस्थान की तमाम ढाणियों को विद्युतिकृत करवा देंगे।

आरडीएसएस योजना में घरेलू कनेक्शन देने की मांग...
केंद्र सरकार जल्द ही आरडीएसएस योजना लॉन्च करने की तैयारी में है, जिसमें नए ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) फीडर बनाए जाएंगे। पुराने फीडर सुधारे जाएंगे। ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने केन्द्र सरकार को पत्र लिखकर मांग रखी है कि राजस्थान के वंचित घरेलू कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को भी इस योजना में शामिल किया जाए। इस पर सैद्धांतिक सहमति भी हो चुकी है। लेकिन बजट रेश्यो को लेकर अभी एक राय नहीं बन पाई है।

राजस्थान सरकार सेल्फ फाइनेंस स्कीम में देती है बिजली कनेक्शन...
प्रदेश में बिजली कनेक्शन से वंचित ढाणियों के लोगों को कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार ने 2012 में मुख्यमंत्री घरेलू विद्युतीकरण योजना लागू की थी, जिसमें एक घर के कनेक्शन पर 70 हजार रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक का आर्थिक भार कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ता पर आता है। इसलिए प्रदेश के लोगों के लिए केंद्र सरकार की योजना फायदेमंद थी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार को 60-40 के रेश्यो में पैसा लगाकर कनेक्शन देने थे।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;