पांवटा में भी भटकते रहे लोग, समय पर नहीं मिलीं बसें
पांवटा साहिब (सिरमौर)। निजी बस ऑपरेटरों की हड़ताल के चलते पांवटा क्षेत्र में लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। एचआरटीसी की ओर से 17 रूट कवर करने के बावजूद यात्रियों को समय पर बसें नहीं मिल पाईं। विशेषकर दुर्गम स्थलों से रोज आवागमन वाले विद्यार्थियों, निजी और सरकारी क्षेत्रों में कार्यरत कर्मियों को घंटों बस का इंतजार करना पड़ा।
गिरिपार निवासी प्रदीप चौहान, ललिता तेजवान, रक्षा नेगी, तपेंद्र सिंह, महिमा, राहुल, रीना, दीक्षा, रमन ठाकुर, अजीत चौहान और राधिका ने बताया कि दूरदराज ग्रामीण क्षेत्र कुछ ऐसे हैं, जहां केवल निजी बसें ही चलती हैं। इन स्थलों से सुबह के समय शैक्षणिक संस्थानों में पांवटा देरी से पहुंचे। यात्रियों का कहना है कि केंद्र व प्रदेश सरकार को डीजल-पेट्रोल के दामों पर गंभीरता से विचार करना होगा, जिससे आम जनता और निजी बस ऑपरेटर दोनों को राहत मिल सके। किराया बढ़ोतरी का बोझ भी आम जनता पर ही पड़ेगा। इसलिए बीच का कोई रास्ता सरकार को निकालना चाहिए।
पांवटा बस स्टैंड से निजी बसों के करीब 120 रूट हैं, जबकि, एचआरटीसी बसों के केवल 18 रूट ही हैं। इससे निजी बसों की हड़ताल का असर पड़ना स्वाभाविक है। एचआरटीसी अड्डा प्रभारी पांवटा सुरेश कुमार ने कहा कि जनता को ज्यादा दिक्कतें नहीं आने दी गईं। पांवटा बस अड्डे से सरकारी बसों के रोज 18 रूट हैं। सोमवार को निजी बसों की हड़ताल होने पर डिपों की अतिरिक्त बसें पहुंचीं, जिसके चलते करीब 17 नए रूटों को कवर किया गया। सतौन बस अड्डे पर ओवर लोडिंग दिक्कतों की सूचना मिली थी। इस रूट पर अतिरिक्त बसों को भेज दिया।