हिमाचल सरकार ने नए नियमों के साथ सैलानियों की एंट्री खोल दी है। पर्यटन विभाग ने नये नियमों को जोड़ते हुए एसओपी जारी कर दी है। इसका सबसे ज्यादा फायदा यमुनानगर के लोगों को मिलेगी। क्योंकि जिले की लंबी सीमा सिरमौर जिले से लगी हुई है और दोनों तरफ रिश्तेदारियां हैं। लोगों को अपनी रिश्तेदारियों में जाने के लिए भी क्वारंटीन होना पड़ रहा था। अब केवल नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी होगी और अन्य सख्त नियमों में भी ढील दी गई है। जिसमें सबसे बड़ी पांच दिन के रहने के नियम को कम करके दो दिन किया गया है। पर्यटन निदेशक देवेश कुमार की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट किया है कि अगर कोई होटल आने पर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो जिस कमरे में वो रह रहा था, उसे 24 घंटे के लिए सील कर दिया जाएगा। जिन क्षेत्रों में ऐसा सैलानी 48 घंटे पहले घूमा हैं। वहां भी सैनिटाइजेशन करनी होगी। वहीं नेगेटिव रिपोर्ट भी 72 घंटे की बजाय 96 घंटे की भी मान्य कर दी गई है। वहीं दस साल से छोटे बच्चों की रिपोर्ट भी अनिवार्य नहीं होगी। हालांकि कोविड हाई लोड सिटी से आने वालों को चिह्नित करने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था जारी रखी गई है। पंजीकरण के लिए डीसी के पास किए गए आवेदन को मंजूर होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण आना चाहता है तो उसका पंजीकरण सीमा पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर करेंगे। अब टैक्सी या निजी गाड़ी के चालक भी क्वारंटीन नहीं होंगे।
हालांकि हिमाचल सरकार ने राज्य में प्रवेश प्रक्रिया को कुछ सरल कर दिया है। लेकिन सख्ती अभी भी बरकरार है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही हिमाचल में प्रवेश दिया जा रहा है। बिना पंजीकरण और कोविड रिपोर्ट के आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। कालाअंब और पांवटा साहिब बॉर्डर से वीरवार को दर्जनों वाहन वापस हरियाणा की तरफ भेजे गए। सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक पांवटा के बहराल बैरियरों पर नाममात्र के पर्यटकों ने भी प्रवेश नहीं किया। इनमें से अधिकतर ऐसे वाहन थे, जिनमें केवल गुरुद्वारा साहिब के बाहर शीश नवाने के लिए लोग जा रहे थे। वीरवार को करीब तीन घंटे की अवधि के दौरान गोविंदघाट बैरियर पर एक भी सैलानियों का वाहन नहीं पहुंचा। केवल 2 वाहन ऐसे पहुंचे, जो मुख्य गुरुद्वारा साहिब में शीश नवाना चाहते थे। एक वाहन में 4 व एक में 3 श्रद्धालु सवार थे। इन्होंने ई पास दिखाया। उधर, कालाअंब बैरियर पर भी खास चहल-कदमी देखने को नहीं मिली। बैरियर पर उत्तराखंड की ओर जाने वाले वाहनों को जाने दिया गया। जबकि कई लोग बिना पंजीकरण के पहुंचे। जिन्हें प्रवेश नहीं मिला।
हिमाचल सरकार ने नए नियमों के साथ सैलानियों की एंट्री खोल दी है। पर्यटन विभाग ने नये नियमों को जोड़ते हुए एसओपी जारी कर दी है। इसका सबसे ज्यादा फायदा यमुनानगर के लोगों को मिलेगी। क्योंकि जिले की लंबी सीमा सिरमौर जिले से लगी हुई है और दोनों तरफ रिश्तेदारियां हैं। लोगों को अपनी रिश्तेदारियों में जाने के लिए भी क्वारंटीन होना पड़ रहा था। अब केवल नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी होगी और अन्य सख्त नियमों में भी ढील दी गई है। जिसमें सबसे बड़ी पांच दिन के रहने के नियम को कम करके दो दिन किया गया है। पर्यटन निदेशक देवेश कुमार की ओर से जारी एसओपी में स्पष्ट किया है कि अगर कोई होटल आने पर कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो जिस कमरे में वो रह रहा था, उसे 24 घंटे के लिए सील कर दिया जाएगा। जिन क्षेत्रों में ऐसा सैलानी 48 घंटे पहले घूमा हैं। वहां भी सैनिटाइजेशन करनी होगी। वहीं नेगेटिव रिपोर्ट भी 72 घंटे की बजाय 96 घंटे की भी मान्य कर दी गई है। वहीं दस साल से छोटे बच्चों की रिपोर्ट भी अनिवार्य नहीं होगी। हालांकि कोविड हाई लोड सिटी से आने वालों को चिह्नित करने के लिए पंजीकरण की व्यवस्था जारी रखी गई है। पंजीकरण के लिए डीसी के पास किए गए आवेदन को मंजूर होने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अगर कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण आना चाहता है तो उसका पंजीकरण सीमा पर तैनात जिला प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी मौके पर करेंगे। अब टैक्सी या निजी गाड़ी के चालक भी क्वारंटीन नहीं होंगे।
हालांकि हिमाचल सरकार ने राज्य में प्रवेश प्रक्रिया को कुछ सरल कर दिया है। लेकिन सख्ती अभी भी बरकरार है। पूरी जांच पड़ताल के बाद ही हिमाचल में प्रवेश दिया जा रहा है। बिना पंजीकरण और कोविड रिपोर्ट के आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा। कालाअंब और पांवटा साहिब बॉर्डर से वीरवार को दर्जनों वाहन वापस हरियाणा की तरफ भेजे गए। सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक पांवटा के बहराल बैरियरों पर नाममात्र के पर्यटकों ने भी प्रवेश नहीं किया। इनमें से अधिकतर ऐसे वाहन थे, जिनमें केवल गुरुद्वारा साहिब के बाहर शीश नवाने के लिए लोग जा रहे थे। वीरवार को करीब तीन घंटे की अवधि के दौरान गोविंदघाट बैरियर पर एक भी सैलानियों का वाहन नहीं पहुंचा। केवल 2 वाहन ऐसे पहुंचे, जो मुख्य गुरुद्वारा साहिब में शीश नवाना चाहते थे। एक वाहन में 4 व एक में 3 श्रद्धालु सवार थे। इन्होंने ई पास दिखाया। उधर, कालाअंब बैरियर पर भी खास चहल-कदमी देखने को नहीं मिली। बैरियर पर उत्तराखंड की ओर जाने वाले वाहनों को जाने दिया गया। जबकि कई लोग बिना पंजीकरण के पहुंचे। जिन्हें प्रवेश नहीं मिला।