तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बैठक कर प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र लिखने का निर्णय लिया है। किसानों की अहम बैठक में एमएसपी गारंटी का कानून समेत अन्य मांगों को भी पूरा कराने की बात कही गई। किसानों ने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री ने बढ़िया कदम उठाया है लेकिन उसमें अभी स्वागत वाली कोई बात नहीं है। साथ ही 29 नवंबर तक तय सभी कार्यक्रम पहले ही तरह चलाने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस बीच 27 नवंबर को फिर मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें तब तक के हालातों को देखकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले 26 नवंबर तक सभी मोर्चों पर भीड़ जुटाने के साथ 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत भी आयोजित की जाएगी।
मोर्चा नेताओं ने सरकार को किसानों से बातचीत शुरू करने की बात कही है। रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुंडली बॉर्डर पर सभी सदस्यों की एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद संयुक्त मोर्चा के रुख को स्पष्ट किया गया। बैठक की अध्यक्षता जितेंद्र सिंह विर्क व मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने संयुक्त रूप से की।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने साफ किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही तीन कृषि कानून वापस लेने का एलान किया है लेकिन किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून भी बड़ी मांग में शामिल है। वह इस मांग को छोड़ नहीं सकते। सरकार ने एमएसपी के मामले में कमेटी गठित करने की बात कही है लेकिन उसमें कुछ स्पष्ट नहीं है। उसकी समय सीमा तक के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है।
पीएम को पत्र में उठाएंगे यह मुद्दे
पीएम को जो पत्र लिखा जाएगा उसमें एमएसपी गारंटी कानून बनाने, पराली कानून, बिजली बिल, लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री की बर्खास्तगी, डीजल की कीमत कम करने की मांग की जाएगी।
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तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बैठक कर प्रधानमंत्री के नाम खुला पत्र लिखने का निर्णय लिया है। किसानों की अहम बैठक में एमएसपी गारंटी का कानून समेत अन्य मांगों को भी पूरा कराने की बात कही गई। किसानों ने स्पष्ट कहा कि प्रधानमंत्री ने बढ़िया कदम उठाया है लेकिन उसमें अभी स्वागत वाली कोई बात नहीं है। साथ ही 29 नवंबर तक तय सभी कार्यक्रम पहले ही तरह चलाने का निर्णय लिया गया। हालांकि इस बीच 27 नवंबर को फिर मोर्चा की बैठक होगी, जिसमें तब तक के हालातों को देखकर आगे का निर्णय लिया जाएगा। इससे पहले 26 नवंबर तक सभी मोर्चों पर भीड़ जुटाने के साथ 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत भी आयोजित की जाएगी।
मोर्चा नेताओं ने सरकार को किसानों से बातचीत शुरू करने की बात कही है। रविवार को संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने कुंडली बॉर्डर पर सभी सदस्यों की एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के एलान के बाद संयुक्त मोर्चा के रुख को स्पष्ट किया गया। बैठक की अध्यक्षता जितेंद्र सिंह विर्क व मोर्चा के नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने संयुक्त रूप से की।
बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए बलबीर सिंह राजेवाल ने साफ किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने भले ही तीन कृषि कानून वापस लेने का एलान किया है लेकिन किसानों के लिए एमएसपी गारंटी कानून भी बड़ी मांग में शामिल है। वह इस मांग को छोड़ नहीं सकते। सरकार ने एमएसपी के मामले में कमेटी गठित करने की बात कही है लेकिन उसमें कुछ स्पष्ट नहीं है। उसकी समय सीमा तक के बारे में भी कुछ नहीं बताया गया है।
पीएम को पत्र में उठाएंगे यह मुद्दे
पीएम को जो पत्र लिखा जाएगा उसमें एमएसपी गारंटी कानून बनाने, पराली कानून, बिजली बिल, लखीमपुर खीरी मामले में मंत्री की बर्खास्तगी, डीजल की कीमत कम करने की मांग की जाएगी।