हरियाणा के रोहतक में सेक्टरों में पाइपलाइन बिछाने में 45.37 लाख रुपये का गबन करने के आरोपी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के पांच एसडीई और दो जेई को गृहमंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। एक जेई तीन मामलों में दोषी पाया गया है। वहीं, उपायुक्त को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट की समीक्षा करके ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल विज जिला विकास भवन के सभागार में जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की मासिक बैठक में पहुंचे। बैठक के एजेंडे में 21 शिकायतें शामिल की गई थीं। एजेंडे के अंदर 9 नंबर की शिकायत शास्त्री नगर निवासी शशि कुमार की थी। उन्होंने बताया सेक्टर-21, सेक्टर-18, सेक्टर-18ए, सेक्टर-पांच, सेक्टर-छह में बिछाई गई पाइपलाइन के कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार किया गया है।
आरोप लगाया कि 45.37 लाख रुपये का गबन करके सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। जवाब देने आए जिला परिषद के सीईओ ने बताया कि इस आरोप की जांच रिपोर्ट 1 अप्रैल 2021 को मिली थी। रिपोर्ट में गबन के दोषी ठहराए गए एचएसवीपी के अधिकारी-कर्मियों के नाम जांच रिपोर्ट के साथ उपायुक्त और विजिलेंस के उच्च अधिकारी को भेजी थी।
गृहमंत्री ने ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बाबत पूछा तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपने की बात सुनकर गृहमंत्री ने उपायुक्त से जवाब मांगा। उपायुक्त ने बताया कि ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की रिपोर्ट सभी विभागों के पास भेजी थी।
तब एसई हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने बताया कि नियमानुसार ठेकेदार से गबन की राशि वसूली करने पर फोकस होता है, इसलिए रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है। ये बात सुनकर गृहमंत्री ने जांच रिपोर्ट में दोषी मिले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उपायुक्त को जांच रिपोर्ट की समीक्षा रिपोर्ट एक सप्ताह में भेजकर ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा।
जांच में दोषी मिले ये कर्मचारी किए गए निलंबित
एसडीई लखविंदर, एसडीई सतीश शर्मा, एसडीई राज सिंह हुड्डा, जेई जनक राज, जेई यशवंत सिंह, एसडीई एंड जेई कमल सूदन, एसडीई बीआर जुनेजा हैं। जेई यशवंत को जांच में तीन जगह दोषी ठहराया गया है।
विस्तार
हरियाणा के रोहतक में सेक्टरों में पाइपलाइन बिछाने में 45.37 लाख रुपये का गबन करने के आरोपी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के पांच एसडीई और दो जेई को गृहमंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। एक जेई तीन मामलों में दोषी पाया गया है। वहीं, उपायुक्त को एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट की समीक्षा करके ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
शुक्रवार को राज्य के गृहमंत्री अनिल विज जिला विकास भवन के सभागार में जिला लोक संपर्क एवं परिवेदना समिति की मासिक बैठक में पहुंचे। बैठक के एजेंडे में 21 शिकायतें शामिल की गई थीं। एजेंडे के अंदर 9 नंबर की शिकायत शास्त्री नगर निवासी शशि कुमार की थी। उन्होंने बताया सेक्टर-21, सेक्टर-18, सेक्टर-18ए, सेक्टर-पांच, सेक्टर-छह में बिछाई गई पाइपलाइन के कार्यों में अनियमितता और भ्रष्टाचार किया गया है।
आरोप लगाया कि 45.37 लाख रुपये का गबन करके सरकार को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। जवाब देने आए जिला परिषद के सीईओ ने बताया कि इस आरोप की जांच रिपोर्ट 1 अप्रैल 2021 को मिली थी। रिपोर्ट में गबन के दोषी ठहराए गए एचएसवीपी के अधिकारी-कर्मियों के नाम जांच रिपोर्ट के साथ उपायुक्त और विजिलेंस के उच्च अधिकारी को भेजी थी।
गृहमंत्री ने ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने के बाबत पूछा तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपने की बात सुनकर गृहमंत्री ने उपायुक्त से जवाब मांगा। उपायुक्त ने बताया कि ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने की रिपोर्ट सभी विभागों के पास भेजी थी।
तब एसई हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने बताया कि नियमानुसार ठेकेदार से गबन की राशि वसूली करने पर फोकस होता है, इसलिए रिपोर्ट दर्ज नहीं करवाई गई है। ये बात सुनकर गृहमंत्री ने जांच रिपोर्ट में दोषी मिले हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का आदेश दिया। इसके साथ ही उपायुक्त को जांच रिपोर्ट की समीक्षा रिपोर्ट एक सप्ताह में भेजकर ठेकेदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा।
जांच में दोषी मिले ये कर्मचारी किए गए निलंबित
एसडीई लखविंदर, एसडीई सतीश शर्मा, एसडीई राज सिंह हुड्डा, जेई जनक राज, जेई यशवंत सिंह, एसडीई एंड जेई कमल सूदन, एसडीई बीआर जुनेजा हैं। जेई यशवंत को जांच में तीन जगह दोषी ठहराया गया है।