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चंडीगढ़। निकाय चुनाव के आए परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी किसानों को साधने में जुट गई है। किसानों का समर्थन जुटाने के लिए आप वाघा पुराना में किसान महासभा का आयोजन करने जा रही है। 21 मार्च को होने वाली किसान महासभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे। महासभा में पंजाब भर के आप कार्यकर्ता और आम लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
किसान महासभा के आयोजन की घोषणा सोमवार को आप प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान, विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह और सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने संयुक्त रूप से की। आप नेताओं ने कहा कि पार्टी चाहती है कि कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए। इस महासभा के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को संदेश भेजा जाएगा कि वह तुरंत किसानों की बात माने और कृषि कानूनों को रद्द करे। उन्होंने कहा कि आप पहली पार्टी है जिसने कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दे को उजागर किया और बताया कि इसके परिणाम राज्य के किसानों के लिए हानिकारक होंगे।
आप नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की रैली को हिंसक प्रदर्शन में बदलकर किसानों को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन पंजाब के कैप्टन अमरिंदर ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। 26 जनवरी के बाद जब राज्य के कई युवा लापता हो गए तो कैप्टन अमरिंदर ने उन्हें वापस लाने या उनकी स्थिति जानने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। अब वे आंदोलन को खत्म करवाने के लिए किसान यूनियनों से अपील कर रहे हैं कि वे केंद्र सरकार के प्रस्तावों को स्वीकार करें। आप नेताओं ने कहा कि रैली की तैयारी शुरू हो चुकी है और मार्च में पंजाब में एक नई जागृति दिखाई देगी।
चंडीगढ़। निकाय चुनाव के आए परिणामों के बाद आम आदमी पार्टी किसानों को साधने में जुट गई है। किसानों का समर्थन जुटाने के लिए आप वाघा पुराना में किसान महासभा का आयोजन करने जा रही है। 21 मार्च को होने वाली किसान महासभा में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी शामिल होंगे। महासभा में पंजाब भर के आप कार्यकर्ता और आम लोगों को भी आमंत्रित किया जाएगा।
किसान महासभा के आयोजन की घोषणा सोमवार को आप प्रदेश अध्यक्ष भगवंत मान, विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा, पंजाब प्रभारी जरनैल सिंह और सह-प्रभारी राघव चड्ढा ने संयुक्त रूप से की। आप नेताओं ने कहा कि पार्टी चाहती है कि कृषि कानूनों को तुरंत रद्द किया जाए। इस महासभा के माध्यम से केंद्र की मोदी सरकार को संदेश भेजा जाएगा कि वह तुरंत किसानों की बात माने और कृषि कानूनों को रद्द करे। उन्होंने कहा कि आप पहली पार्टी है जिसने कृषि कानूनों से संबंधित मुद्दे को उजागर किया और बताया कि इसके परिणाम राज्य के किसानों के लिए हानिकारक होंगे।
आप नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने 26 जनवरी की रैली को हिंसक प्रदर्शन में बदलकर किसानों को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन पंजाब के कैप्टन अमरिंदर ने इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया। 26 जनवरी के बाद जब राज्य के कई युवा लापता हो गए तो कैप्टन अमरिंदर ने उन्हें वापस लाने या उनकी स्थिति जानने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। अब वे आंदोलन को खत्म करवाने के लिए किसान यूनियनों से अपील कर रहे हैं कि वे केंद्र सरकार के प्रस्तावों को स्वीकार करें। आप नेताओं ने कहा कि रैली की तैयारी शुरू हो चुकी है और मार्च में पंजाब में एक नई जागृति दिखाई देगी।