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Police solved the matter of demanding extortion from the contractor in Kaithal
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Kaithal: ठेकेदार से रंगदारी मांगने का मामला, पुर्तगाल का मोबाइल नंबर किया गया था प्रयोग, ऐसे सुलझाई गुत्थी
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल (हरियाणा)
Published by: भूपेंद्र सिंह
Updated Wed, 22 Mar 2023 08:58 PM IST
सार
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कैथल में ठेकेदार से रंगदारी मांगने के मामले में पुर्तगाल का मोबाइल नंबर प्रयोग किया गया था। आरोपी ने हत्या के एक मामले में सहयोगी रहे पुर्तगाल निवासी दोस्त राजपाल से मदद ली थी। पुलिस अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजपाल की गिरफ्तारी का प्रयास करेगी।
हरियाणा के कैथल में पिछले सप्ताह 13 व 16 मार्च को कैथल के माल ढुलाई ठेकेदार से 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में पुर्तगाल के मोबाइल नंबर प्रयोग किया। इसी नंबर के आधार पर पुलिस मुख्य आरोपियों तक पहुंचने में कामयाब रही। मामले में पुलिस के साइबर विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और वारदात का खुलासा हो गया।
पुलिस के मुताबिक, चीका निवासी कुलदीप के खिलाफ पटियाला में दिसंबर 2020 में हत्या का एक मामला दर्ज हुआ था। इसी मामले में उसका सहयोगी पंजाब के हसनपुर निवासी राजपाल भी भगोड़ा है। वह जेल से बाहर आकर पुर्तगाल चला गया। जब ठेकेदार चीका के ही प्रगट सिंह से कुलदीप ने पैसे मांगे तो प्रगट सिंह ने जितेंद्र ठेकेदार का नंबर दे दिया।
इसके बाद कुलदीप ने जितेंद्र से पैसे मांगने के लिए पुर्तगाल में बैठे राजपाल की मदद ली। राजपाल ने ही उन्हें वहां का वास्तविक मोबाइल नंबर लेने में मदद की। उसे कोड आदि पूछ कर वर्चुअल तरीके से पुर्तगाल का मोबाइल नंबर उपलब्ध करवा दिया। इसी नंबर से व्हाटस-एप के माध्यम से कॉल करके जितेंद्र से रंगदारी मांगी गई।
पुलिस अब इंटरपोल व दूसरी एजेंसियों की मदद से राजपाल की गिरफ्तारी के लिए प्रयास करेगी। एसपी मकसूद अहमद ने कहा कि साइबर विशेषज्ञ की मदद से यह केस जल्द सुलझाने में मदद मिली। एएसआई रणदीप का इसमें काम सराहनीय रहा। जांच में पता चला कि कुलदीप ने वास्तविक नंबर जेनरेट करवाया था।
इसके बाद कुलदीप व प्रगट सिंह से पूछताछ में पूरे मामले का खुलासा हो गया। आरोपियों के कब्जे से वारदात में प्रयुक्त मोबाइल पुलिस ने जब्त कर लिया। जांच में सामने आया कि आरोपी कुलदीप व जगदीप पर थाना सदर पटियाला में हत्या करने का एक मामला पहले से ही दर्ज है। इसके अलावा जगदीप पर थाना गुहला व थाना चीका में लड़ाई-झगड़े का भी मामला दर्ज है।
दूसरे ठेकेदार ने रची थी साजिश
मामले में पुलिस ने साइबर विशेषज्ञों की मदद से मामले का पटाक्षेप कर दिया। दूसरे ठेकेदार ने ही साथियों को पीड़ित का नंबर देते हुए रंगदारी मांगने के लिए कहा था। शिकायत के बाद पुलिस ने तेजी दिखाते हुए आरोपियों पर शिकंजा कस लिया और उन्हें दबोच लिया।
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एसपी मकसूद अहमद ने बताया कि पुलिस ने गुलमोहर सिटी निवासी सरकारी ठेकेदार जितेंद्र कुमार की शिकायत पर यह केस दर्ज किया था। उसने बताया था कि वह मंडियों से अनाज उठाने का काम करता है। गत 13 मार्च को उसके पास आई व्हाट्सएप कॉल में उससे 10 लाख रुपये रंगदारी मांगी गई थी। इसके बाद 16 मार्च को रात के समय दोबारा फोन आया और कहा कि या तो हमारा काम कर दो नही तो सुबह आप नहीं मिलोगे। पुलिस ने थाना तितरम में यह केस दर्ज किया था। सीआईए-1 सहित साइबर सेल के एएसआई रणदीप ने इसमें अच्छा काम किया।
एएसआई मुकेश कुमार की अगुवाई में आरोपियों ठेकेदार चीका निवासी प्रगट सिंह, कुलदीप व चीका में ही मारपीट के एक मामले में आारोपी जगदीप को पुलिस ने दबोच लिया। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि ठेकेदार प्रगट सिंह ने ही जितेंद्र से रंगदारी मांगने की बात कही थी।
आरोपी जगदीप ने कुलदीप से पैसे मांगे। इसके बाद कुलदीप ने कुलदीप ने प्रगट सिंह से पैसे मांगे। प्रगट सिंह ने कहा कि उसके पास पैसे तो नहीं हैं, लेकिन मंडियों के टेंडर छूटने हैं। ठेकेदार जितेंद्र निवासी गुलमोहर सिटी कैथल को टेंडर न लेने बारे धमकाओ और साथ में रंगदारी मांग लो। वह स्वयं भी टेंडर लगाएगा। यदि टेंडर उसे मिल गया तो वह भी उन्हें पैसे दे देगा।
प्रगट सिंह ने व्हाट्सएप के जरिये शिकायतकर्ता जितेंद्र का नंबर कुलदीप को भेजा। जो कुलदीप ने यही नंबर जगदीप को भेज दिया। जिस बारे जगदीप ने शिकायतकर्ता से दिनांक 13 मार्च को 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगी तथा उसको धमकाया। उसके बाद 16 मार्च को फिर दोबारा उसी नंबर से शिकायतकर्ता को धमकाया तथा फिरौती की मांग की गई।
पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। कुलदीप ने पुर्तगाल में रह रहे अपने दोस्त की मदद से वर्चुअल नंबर लिया था। इसके आधार पर पुलिस ने तीनों को काबू कर लिया। पुलिस ने पुर्तगाल में रह रहे कुलदीप के दोस्त पंजाब के हसनपुर निवासी राजपाल की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।
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