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कोर्ट के आदेशों पर घिकाड़ा गांव में मंगलवार को पंचायती जमीन पर बने मकानों को तोड़ा गया। हालांकि अवैध कब्जाधारियों ने कार्रवाई का विरोध भी किया लेकिन मौके पर पहुंचे अफसरों ने कार्रवाई जारी रखी। करीब चार घंटे तक चले अभियान के बाद से ग्राम समाज की भूमि से अतिक्रमण हटवाया गया।
मालूम हो कि घिकाड़ा गांव में पिछले एक सप्ताह से ग्राम समाज की भूमि पर अवैध निर्माण के मामले ने काफी तूल पकड़ा था। बीती 18 नवंबर को यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम व पुलिस के जवानों को गांव में घुसने नहीं दिया गया था। विधायक सोमबीर की मध्यस्थता से हालांकि मामला रफादफा हो गया था। हालांकि डीसी राजेश जोगपाल ने मंगलवार को यहां अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार शाम नायब तहसीलदार अंकित कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया। जिस कड़ी में मंगलवार सुबह ड्यूटी मजिस्ट्रेट, हलका पटवारी, कानूनगो और गिरदावर कब्जा कार्रवाई करने पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस कर्मचारियों के वाहनों को गांव के बाहरी क्षेत्र में ही रुकवा दिया। ग्रामीण करीब 20 मिनट तक वाहनों के आगे अड़े रहे और बाद में प्रशासनिक अमले के बातचीत करने के बाद पुलिस फोर्स और अधिकारियों के वाहनों को गांव में जाने दिया। प्रशासन की तरफ से जब कब्जा कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई तो ग्रामीणों की तरफ से कुछ समय मांगा गया। प्रशासनिक अमले के गांव पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद कार्रवाई शुरू की गई जो शाम पांच बजे तक चली। इस समयावधि में कई बार कब्जाधारियों ने कार्रवाई में खलल डालने का प्रयास किया लेकिन पुलिसकर्मियों ने सख्ती बरतते हुए उन्हें वहां से खदेड़ दिया। शाम पांच बजे कार्रवाई बंद कर प्रशासनिक अमला वापिस लौट आया। राहत की बात यह रही कि कब्जा कार्रवाई के दौरान मारपीट या कानून व्यवस्था बिगड़ने की नौबत नहीं आई।
- पहले किया विरोध, फिर खुद तोड़ने लगे मकान
कब्जाधारियों ने पहले तो कार्रवाई का विरोध किया लेकिन जब पुलिसकर्मियों ने सख्ती बरती तो कब्जाधारी खुद ही अपने मकान तोड़ने को तैयार हो गए। कुछ कब्जाधारियों ने जेसीबी ऑपरेटर को भला-बुरा कहा और इसके बाद उनके द्वारा पंचायती जमीन पर किए गए निर्माण को जेसीबी से ही ढहाया गया। दूसरी ओर ग्राम पंचायत ने दो जेसीबी से अवैध निर्माण ढहाए।
कब्जाधारी बोले: प्रशासन ने पंद्रह दिन का समय देकर अचानक भेज दिया अमला
दूसरी ओर कब्जाधारियों ने प्रशासन द्वारा कब्जा कार्रवाई के अचानक आदेश देने का भी विरोध किया। उन्होंने बताया कि गत 18 नवंबर को विधायक ने पंद्रह दिन का समय स्वेच्छा से कब्जे हटवाने के लिए दिलवाया था लेकिन छह दिन बाद ही फोर्स को कार्रवाई के लिए मौके पर भेज दिया।
मुझे कार्रवाई के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया गया। शांतिपूर्वक माहौल के बीच घिकाड़ा गांव से अवैध कब्जे हटवाए गए है।
अंकित कुमार, नायब तहसीलदार
कब्जा कार्रवाई के दौरान पुलिस पूर्णतया अलर्ट रही और लॉ एंड ऑर्डर भंग नहीं होने दिया गया। कुछ ने कार्रवाई के विरोध का किया प्रयास किया जिसे पुलिस ने विफल कर दिया।
बलवान सिंह, कार्यवाहक सदर थाना प्रभारी
करीब चार साल पहले अवैध कब्जे हटवाने के लिए गांव में पैमाइश की गई थी। कब्जा कार्रवाई एक समान रूप से की जाएगी और मंगलवार को गांव में कई जगहों से कब्जे हटवाए गए।
सोमेश, सरपंच, घिकाड़ा
कोर्ट के आदेशों पर घिकाड़ा गांव में मंगलवार को पंचायती जमीन पर बने मकानों को तोड़ा गया। हालांकि अवैध कब्जाधारियों ने कार्रवाई का विरोध भी किया लेकिन मौके पर पहुंचे अफसरों ने कार्रवाई जारी रखी। करीब चार घंटे तक चले अभियान के बाद से ग्राम समाज की भूमि से अतिक्रमण हटवाया गया।
मालूम हो कि घिकाड़ा गांव में पिछले एक सप्ताह से ग्राम समाज की भूमि पर अवैध निर्माण के मामले ने काफी तूल पकड़ा था। बीती 18 नवंबर को यहां अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम व पुलिस के जवानों को गांव में घुसने नहीं दिया गया था। विधायक सोमबीर की मध्यस्थता से हालांकि मामला रफादफा हो गया था। हालांकि डीसी राजेश जोगपाल ने मंगलवार को यहां अतिक्रमण हटाने के लिए सोमवार शाम नायब तहसीलदार अंकित कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया। जिस कड़ी में मंगलवार सुबह ड्यूटी मजिस्ट्रेट, हलका पटवारी, कानूनगो और गिरदावर कब्जा कार्रवाई करने पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। ग्रामीणों ने पुलिस कर्मचारियों के वाहनों को गांव के बाहरी क्षेत्र में ही रुकवा दिया। ग्रामीण करीब 20 मिनट तक वाहनों के आगे अड़े रहे और बाद में प्रशासनिक अमले के बातचीत करने के बाद पुलिस फोर्स और अधिकारियों के वाहनों को गांव में जाने दिया। प्रशासन की तरफ से जब कब्जा कार्रवाई शुरू करने की बात कही गई तो ग्रामीणों की तरफ से कुछ समय मांगा गया। प्रशासनिक अमले के गांव पहुंचने के करीब डेढ़ घंटे बाद कार्रवाई शुरू की गई जो शाम पांच बजे तक चली। इस समयावधि में कई बार कब्जाधारियों ने कार्रवाई में खलल डालने का प्रयास किया लेकिन पुलिसकर्मियों ने सख्ती बरतते हुए उन्हें वहां से खदेड़ दिया। शाम पांच बजे कार्रवाई बंद कर प्रशासनिक अमला वापिस लौट आया। राहत की बात यह रही कि कब्जा कार्रवाई के दौरान मारपीट या कानून व्यवस्था बिगड़ने की नौबत नहीं आई।
- पहले किया विरोध, फिर खुद तोड़ने लगे मकान
कब्जाधारियों ने पहले तो कार्रवाई का विरोध किया लेकिन जब पुलिसकर्मियों ने सख्ती बरती तो कब्जाधारी खुद ही अपने मकान तोड़ने को तैयार हो गए। कुछ कब्जाधारियों ने जेसीबी ऑपरेटर को भला-बुरा कहा और इसके बाद उनके द्वारा पंचायती जमीन पर किए गए निर्माण को जेसीबी से ही ढहाया गया। दूसरी ओर ग्राम पंचायत ने दो जेसीबी से अवैध निर्माण ढहाए।
कब्जाधारी बोले: प्रशासन ने पंद्रह दिन का समय देकर अचानक भेज दिया अमला
दूसरी ओर कब्जाधारियों ने प्रशासन द्वारा कब्जा कार्रवाई के अचानक आदेश देने का भी विरोध किया। उन्होंने बताया कि गत 18 नवंबर को विधायक ने पंद्रह दिन का समय स्वेच्छा से कब्जे हटवाने के लिए दिलवाया था लेकिन छह दिन बाद ही फोर्स को कार्रवाई के लिए मौके पर भेज दिया।
मुझे कार्रवाई के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात किया गया। शांतिपूर्वक माहौल के बीच घिकाड़ा गांव से अवैध कब्जे हटवाए गए है।
अंकित कुमार, नायब तहसीलदार
कब्जा कार्रवाई के दौरान पुलिस पूर्णतया अलर्ट रही और लॉ एंड ऑर्डर भंग नहीं होने दिया गया। कुछ ने कार्रवाई के विरोध का किया प्रयास किया जिसे पुलिस ने विफल कर दिया।
बलवान सिंह, कार्यवाहक सदर थाना प्रभारी
करीब चार साल पहले अवैध कब्जे हटवाने के लिए गांव में पैमाइश की गई थी। कब्जा कार्रवाई एक समान रूप से की जाएगी और मंगलवार को गांव में कई जगहों से कब्जे हटवाए गए।
सोमेश, सरपंच, घिकाड़ा