अंबाला। छावनी नागरिक अस्पताल के प्रसूति विभाग स्टाफ पर लगे लापरवाही के आरोप में गठित कमेटी ने जांच की। ड्यूटी पर तैनात पांच नर्सिंग ऑफिसर पर लापरवाही के आरोप लगे थे। शिकायतकर्ता ने बताया कि उनमें से दो ने लिखित में माफी मांग ली। जबकि तीन ट्रेनिंग पर हैं।
कमेटी की जांच पूरी हो चुकी है। एसएमओ डॉ. रचना गोयल शुक्रवार को जांच रिपोर्ट पीएमओ को सौंपेगी। तभी निर्णय लेंगे कि स्टाफ के खिलाफ क्या कदम उठाया जाए, जिससे कि भविष्य में यह दोबारा गलती न हो। बता दें कि अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने अपने पहले बच्चे की पत्नी के गर्भ में ही मौत होने पर स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया था। ऐसे में पीएमओ ने शिकायत मिलने के बाद तीन डॉक्टरों की जांच कमेटी का गठन किया था। इसमें एसएमओ डॉ. रचना गोयल, डॉ. सुरेश कंसल और डॉ. गुरमीत शामिल थे।
यह था पूरा मामला
बता दें कि गांव कलरेहड़ी निवासी मुकुल कुमार ने बताया था कि वह अस्पताल में ही चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी है। 17 जनवरी सुबह तीन बजकर 30 मिनट पर पत्नी आरती को प्रसव पीड़ा हुई। वह चार बजे छावनी नागरिक अस्पताल आया। उस समय मौजूद स्टाफ ने न तो खुद ठीक से उपचार किया और न ही महिला डॉक्टर को बुलाया। डॉक्टर आई तो उसने महिला और बच्चे की हालत गंभीर बताई। ऐसे में स्टाफ की लापरवाही के उसके बच्चे की पत्नी के गर्भ में ही मौत हो गई। आरोप था कि समय रहते उपचार मिल जाता तो बच्चा बच सकता था।