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पुरुषों के मन में यौन क्षमता की कमी और नसबंदी फेल होने का डर इस कदर हावी हो गया है कि वे आसान और सुरक्षित नसबंदी कराने से हिचक रहे हैं। जागरुकता के अभाव में उनके कदम नसबंदी कराने के लिए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। जबकि, महिलाएं पुरुषों से 90 कदम आगे हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि आधी आबादी जटिल ऑपरेशन के बाद भी नसबंदी कराने में अव्वल है।
जानकारी के मुताबिक, पुरुषों को नसबंदी के लिए महिलाओं से ज्यादा प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। पुरुषों की नसबंदी के लिए स्वास्थ्य विभाग इस वक्त अभियान भी चला रहा है। इसके बाद भी विभाग इन्हें जागरूक नहीं कर पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग के 2017-18 और 2018-19 के आंकड़े पुरुषों की मानसिकता को दर्शाने के लिए काफी हैं।
आंकड़ों की बात करें तो 90 प्रतिशत महिलाएं नसबंदी कराने में पुरुषों से आगे हैं। स्थिति यह है कि पुरुष दहाई का आंकड़ा तक पार नहीं कर पा रहे हैं। जबकि, सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे लगातार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते रहे हैं कि परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाई जाए और उन्हें जागरूक किया जाए।