कोरोना काल में विस्तार की तरफ पहले कदम बढ़ाते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बढ़ाया है। त्रिलोकपुरी (संजय लेक)-मयूर विहार(पॉकेट-1) के बीच पिंक लाइन के बचे हुए सेक्शन पर मेट्रो सेवा की शुरुआत हुई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस सेक्शन पर मेट्रो सेवा का शुभारंभ किया।
पिंक लाइन के 58.6 किलोमीटर के दायरे में 38 स्टेशनों के साथ यह दिल्ली का सबसे लंबा कॉरिडोर बन गया। अब मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच निर्बाध रूप से मेट्रो में सफर कर सकेंगे। तमाम बाधाओं को दूर करते हुए डीएमआरसी ने आखिरकार कोरोना काल में इस सेक्शन के 289 मीटर पर निर्माण पूरा किया।
पिंक लाइन की 2018 में अलग अलग चरणों में शुरुआत की गई थी। बावजूद इसके पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी के रिहायशी क्षेत्र होने की वजह से निर्माण में देरी हुई। इस मिसिंग लिंक पर मेट्रो सेवा की शुरुआत से न केवल पूर्वी दिल्ली बल्कि दिल्ली और एनसीआर के तमाम शहरों से मेट्रो की कनेक्टिविटी और सुलभ हो गई है।
बस अड्डा और मार्केट तक पहुंच हुई आसान
इस सेक्शन पर मेट्रो परिचालन के शुरू होने से यात्रियों को आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, साउथ एक्सटेंशन, आईएनए और लाजपत नगर सहित प्रमुख वाणिज्यिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
दो अलग कॉरिडोर में मिल रही थी सेवा
पिंक लाइन के लिंक होने से पूर्वी दिल्ली के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।त्रिलोकपुरी, संजय लेक-मयूर विहार(1)के बीच मेट्रो का निर्माण पूरा न होने की वजह से अब तक दो अलग अलग कॉरिडोर पर सेवाएं उपलब्ध थी। त्रिलोकपुरी-शिव विहार और मयूर विहार, पॉकेट-1 और मजलिस पार्क के बीच यात्रियों को मेट्रो में सफर का मौका मिल रहा था।
कोरोना के कारण कई बार मेट्रो सेवाएं की गईं स्थगित
पिछले साल अक्टूबर में इस सेक्शन पर मेट्रो सेवाएं शुरू होने की उम्मीद थी। कोविड-19 महामारी के कारण के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद मार्च में सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया, फिर महामारी काल की बंदिशों के जून, जुलाई तक स्थगित करने के बाद आखिरकार शुक्रवार 3 बजे के बाद यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा की शुरुआत कर दी गई।
मेट्रो की राह की दूर हुई अड़चनें
मेट्रो के इस सेक्शन के निर्माण में 108 मकानों में रहने वालों को विस्थापित किया गया। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी के कारण इस सेक्शन पर निर्माण की राह में अड़चने महसूस की जा रही थी। विवाद खत्म होने के बाद मेट्रो सेक्शन का निर्माण पूरा करने के बाद त्रिलोकपुरी संजय झील स्टेशन एक टर्मिनल बन गया। इससे वक्त और परिवहन के मद में कम खर्च होगा।
विस्तार
कोरोना काल में विस्तार की तरफ पहले कदम बढ़ाते हुए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने बढ़ाया है। त्रिलोकपुरी (संजय लेक)-मयूर विहार(पॉकेट-1) के बीच पिंक लाइन के बचे हुए सेक्शन पर मेट्रो सेवा की शुरुआत हुई। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस सेक्शन पर मेट्रो सेवा का शुभारंभ किया।
पिंक लाइन के 58.6 किलोमीटर के दायरे में 38 स्टेशनों के साथ यह दिल्ली का सबसे लंबा कॉरिडोर बन गया। अब मजलिस पार्क से शिव विहार के बीच निर्बाध रूप से मेट्रो में सफर कर सकेंगे। तमाम बाधाओं को दूर करते हुए डीएमआरसी ने आखिरकार कोरोना काल में इस सेक्शन के 289 मीटर पर निर्माण पूरा किया।
पिंक लाइन की 2018 में अलग अलग चरणों में शुरुआत की गई थी। बावजूद इसके पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी के रिहायशी क्षेत्र होने की वजह से निर्माण में देरी हुई। इस मिसिंग लिंक पर मेट्रो सेवा की शुरुआत से न केवल पूर्वी दिल्ली बल्कि दिल्ली और एनसीआर के तमाम शहरों से मेट्रो की कनेक्टिविटी और सुलभ हो गई है।
बस अड्डा और मार्केट तक पहुंच हुई आसान
इस सेक्शन पर मेट्रो परिचालन के शुरू होने से यात्रियों को आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, साउथ एक्सटेंशन, आईएनए और लाजपत नगर सहित प्रमुख वाणिज्यिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना आसान हो जाएगा।
दो अलग कॉरिडोर में मिल रही थी सेवा
पिंक लाइन के लिंक होने से पूर्वी दिल्ली के निवासियों को बड़ी राहत मिलेगी।त्रिलोकपुरी, संजय लेक-मयूर विहार(1)के बीच मेट्रो का निर्माण पूरा न होने की वजह से अब तक दो अलग अलग कॉरिडोर पर सेवाएं उपलब्ध थी। त्रिलोकपुरी-शिव विहार और मयूर विहार, पॉकेट-1 और मजलिस पार्क के बीच यात्रियों को मेट्रो में सफर का मौका मिल रहा था।
कोरोना के कारण कई बार मेट्रो सेवाएं की गईं स्थगित
पिछले साल अक्टूबर में इस सेक्शन पर मेट्रो सेवाएं शुरू होने की उम्मीद थी। कोविड-19 महामारी के कारण के कारण इसमें देरी हुई। इसके बाद मार्च में सेवाएं शुरू करने का लक्ष्य रखा गया, फिर महामारी काल की बंदिशों के जून, जुलाई तक स्थगित करने के बाद आखिरकार शुक्रवार 3 बजे के बाद यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा की शुरुआत कर दी गई।
मेट्रो की राह की दूर हुई अड़चनें
मेट्रो के इस सेक्शन के निर्माण में 108 मकानों में रहने वालों को विस्थापित किया गया। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में देरी के कारण इस सेक्शन पर निर्माण की राह में अड़चने महसूस की जा रही थी। विवाद खत्म होने के बाद मेट्रो सेक्शन का निर्माण पूरा करने के बाद त्रिलोकपुरी संजय झील स्टेशन एक टर्मिनल बन गया। इससे वक्त और परिवहन के मद में कम खर्च होगा।