नोएडा। गोल्फ कोर्स के सामने सेक्टर-37 के मकान नंबर 1334 में बुधवार शाम को मायूसी थी। लोगों की आंखें नम थीं और हर कोई चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को याद कर रहा था। सेक्टर के लोग उनकी वीरता और देश के प्रति समर्पण की बात कर रहे थे। साथ ही, सभी एक स्वर से कह रहे थे कि उन्हें घटना पर यकीन ही नहीं हो रहा।
दरअसल, यह मकान बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट लक्ष्मण सिंह रावत ने खरीदा था। बिपिन परिवार के साथ कई साल तक इस घर में रहे थे। अभी यहां कर्नल डॉ. जेपी सिंह (अवकाशप्राप्त) और पत्नी सरोज सिंह रहते हैं। सरोज ने बताया कि चार साल से वे यहां रह रहे हैं। उनके आने से पहले मकान दो वर्ष से खाली था। जनरल रावत के मामा कर्नल परमार से डॉ. जेपी सिंह की अच्छी जान पहचान है। कर्नल परमार के जरिये ही वे लोग यहां रहने लगे थे।
वहीं, वर्ष 1984 से सेक्टर में सुरक्षा का काम देख रहे सुपरवाइजर नवल सिंह का कहना है कि साहब के चले जाने से काफी दुख पहुंचा है। रावत साहब का इस घर से बहुत लगाव था। बच्चे भी कई साल तक यहां रहे हैं और पढ़ाई भी नोएडा से की है। करीब चार साल पहले वह इस घर में आए भी थे। फिलहाल, वह परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे थे।
पत्नी मधुलिका चार माह पहले आई थीं
सरोज ने बताया कि जनरल रावत की पत्नी मधुलिका चार माह पहले यहां आई थीं। उन्होंने इस दौरान घर में एक कमरा भी बनवाया था। वह कमरे के नवनिर्माण के बाद आने की बात कहकर गई थीं, लेकिन अफसोस की वह अब आ नहीं पाएंगी। सरोज सिंह व सेक्टर के कुछ लोग चार साल पहले उनकी बेटी की शादी में दिल्ली भी गए थे। बुधवार को हादसे की सूचना के बाद डॉ. जेपी सिंह समेत सेक्टर के कई अवकाशप्राप्त सैन्य अधिकारी उनके दिल्ली स्थित आवास गए थे।
विनम्र शख्सियत के धनी थे दंपती
अरुण विहार रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन की उपाध्यक्ष कविता जमील ने बताया कि जनरल साहब का असमय जाना बहुत ही दुख की बात है। दंपती बहुत ही विनम्र थे। दो साल पहले दोनों नोएडा के शहीद स्मारक पर एक कार्यक्रम में भी आए थे और इस दौरान उनकी दोनों से बातचीत हुई थी। उन्होंने सेल्फी भी ली थी।
देश को पहुंचा गहरा आघात
एंटी टेररिस्ट फ्रंट के पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष राजेंद्र पंडित का कहना है कि जनरल बिपिन रावत के असमय जाने से देश को गहरा आघात लगा है। उनका नोएडा से काफी जुड़ाव था। हादसे के बाद देशवासी काफी दुखी हैं।
नोएडा। गोल्फ कोर्स के सामने सेक्टर-37 के मकान नंबर 1334 में बुधवार शाम को मायूसी थी। लोगों की आंखें नम थीं और हर कोई चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को याद कर रहा था। सेक्टर के लोग उनकी वीरता और देश के प्रति समर्पण की बात कर रहे थे। साथ ही, सभी एक स्वर से कह रहे थे कि उन्हें घटना पर यकीन ही नहीं हो रहा।
दरअसल, यह मकान बिपिन रावत के पिता लेफ्टिनेंट लक्ष्मण सिंह रावत ने खरीदा था। बिपिन परिवार के साथ कई साल तक इस घर में रहे थे। अभी यहां कर्नल डॉ. जेपी सिंह (अवकाशप्राप्त) और पत्नी सरोज सिंह रहते हैं। सरोज ने बताया कि चार साल से वे यहां रह रहे हैं। उनके आने से पहले मकान दो वर्ष से खाली था। जनरल रावत के मामा कर्नल परमार से डॉ. जेपी सिंह की अच्छी जान पहचान है। कर्नल परमार के जरिये ही वे लोग यहां रहने लगे थे।
वहीं, वर्ष 1984 से सेक्टर में सुरक्षा का काम देख रहे सुपरवाइजर नवल सिंह का कहना है कि साहब के चले जाने से काफी दुख पहुंचा है। रावत साहब का इस घर से बहुत लगाव था। बच्चे भी कई साल तक यहां रहे हैं और पढ़ाई भी नोएडा से की है। करीब चार साल पहले वह इस घर में आए भी थे। फिलहाल, वह परिवार के साथ दिल्ली में रह रहे थे।
पत्नी मधुलिका चार माह पहले आई थीं
सरोज ने बताया कि जनरल रावत की पत्नी मधुलिका चार माह पहले यहां आई थीं। उन्होंने इस दौरान घर में एक कमरा भी बनवाया था। वह कमरे के नवनिर्माण के बाद आने की बात कहकर गई थीं, लेकिन अफसोस की वह अब आ नहीं पाएंगी। सरोज सिंह व सेक्टर के कुछ लोग चार साल पहले उनकी बेटी की शादी में दिल्ली भी गए थे। बुधवार को हादसे की सूचना के बाद डॉ. जेपी सिंह समेत सेक्टर के कई अवकाशप्राप्त सैन्य अधिकारी उनके दिल्ली स्थित आवास गए थे।
विनम्र शख्सियत के धनी थे दंपती
अरुण विहार रेजिडेंशियल वेलफेयर एसोसिएशन की उपाध्यक्ष कविता जमील ने बताया कि जनरल साहब का असमय जाना बहुत ही दुख की बात है। दंपती बहुत ही विनम्र थे। दो साल पहले दोनों नोएडा के शहीद स्मारक पर एक कार्यक्रम में भी आए थे और इस दौरान उनकी दोनों से बातचीत हुई थी। उन्होंने सेल्फी भी ली थी।
देश को पहुंचा गहरा आघात
एंटी टेररिस्ट फ्रंट के पश्चिमी यूपी के अध्यक्ष राजेंद्र पंडित का कहना है कि जनरल बिपिन रावत के असमय जाने से देश को गहरा आघात लगा है। उनका नोएडा से काफी जुड़ाव था। हादसे के बाद देशवासी काफी दुखी हैं।