Hindi News
›
Uttar Pradesh
›
Lucknow
›
kisan mahapanchayat lucknow today live updates to set tone for msp guarantee by law and other demands
{"_id":"619b1f8361aa2045160383ae","slug":"kisan-mahapanchayat-lucknow-today-live-updates-to-set-tone-for-msp-guarantee-by-law-and-other-demands","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"टिकैत की दो टूक: जारी रहेगा आंदोलन, ये भारत है उत्तर कोरिया नहीं कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
टिकैत की दो टूक: जारी रहेगा आंदोलन, ये भारत है उत्तर कोरिया नहीं कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया
अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ
Published by: पूजा त्रिपाठी
Updated Mon, 22 Nov 2021 02:49 PM IST
सार
कृषि कानून वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री ने एलान भले ही कर दिया हो लेकिन किसानों का आंदोलन इसके संसद से रद्द होने तक चलेगा। लखनऊ के इको गार्डन में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एलान किया कि अभी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि संग्राम विश्राम की घोषणा भारत सरकार ने की है किसानों ने नहीं। मसले अभी बहुत हैं जिनका हल निकलने के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा।
लखनऊ में किसान महापंचायत का दृष्य
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा की जिस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने एक रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी थी जिसमें एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की सिफारिश की थी। आखिर अब उसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि स्पष्ट जवाब देना होगा। घुमा-फिरा कर काम नहीं चलेगा। सरकार को अपनी बात समझाने में किसानों को एक साल का समय लगा। मसला एक नहीं है, कई हैं। सीड बिल, एमएसपी गारंटी, दूध पॉलिसी, बिजली बिल जैसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर किसानों का संघर्ष अभी चलेगा।
उन्होंने कहा कि जो 17 कानून संसद में लाए जा रहे हैं उन्हें भी मंजूर नहीं होने दिया जाएगा, देश भर में उनका विरोध होगा। जब तक बातचीत के जरिए बैठकर सरकार हर मसले पर बात नहीं करेगी तब तक किसान वापस अपने घरों को नहीं जाएंगे।
तो डीएम के घर जाएगा गन्ना
उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर भी निशाना साधा और कहा कि वह एक चीनी मिल का लखीमपुर खीरी में उद्घाटन करने जा रहे हैं। यदि टेनी ने चीनी मिल का उद्घाटन किया तो किसान सारा गन्ना वहां के डीएम के घर पर डालकर आएंगे। उन्होंने अपनी मांगे दोहराई कि जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनता, फसलों का उचित दाम नहीं मिलता ऐसे तमाम मुद्दों पर बात नहीं होती तब तक कोई समझौता नहीं होगा। कहा कि गन्ने का रेट घोषित करने में यूपी सरकार थर्ड नंबर पर आई। ऊपर से अभी तक किसानों को बकाया नहीं दिया गया है। उनके बकाया का भुगतान तत्काल किया जाए।
इस बार एयरपोर्ट की जमीन में होगी बुवाई
राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में एयरपोर्ट के लिए 11 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण तो किया गया लेकिन किसानों को उसके बदले एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई । कह दिया गया कि सन 1942 में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था, यह मजाक है। उन्होंने कहा कि इसका हिसाब होगा और इस बार बरसात के बाद लखनऊ एयरपोर्ट की जमीन पर किसान बुवाई करेंगे। इन पीड़ित किसानों का संघर्ष अवश्य होगा। किसानों से आह्वान किया गया कि 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें। ट्रैक्टर संसद की ओर रवाना होंगे। साथ ही 29 तारीख से प्रतिदिन 1000 लोग 60 ट्रैक्टर लेकर उधर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि 29 से 3 तारीख तक संसद में कानून वापस लेकर बरगलाने की कोशिश की जाएगी कि अब उनकी मांगे पूरी हो गईं, लेकिन इस बहकावे में नहीं आना है क्योंकि आगे की जंग अभी जारी रहेगी।
राकेश टिकैत ने कहा कि ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा है। ओवैसी को सीएए और एनआरसी कानून रद्द करने के लिए टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए बल्कि भाजपा से सीधे बात करनी चाहिए। टिकैत ने यह बयान ओवैसी के सीएए-एनआरसी कानून रद्द करने की मांग को लेकर दिया है। टिकैत ने कहा कि यह उत्तर कोरिया नहीं है कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया। न लागू करने से पहले बात की और न वापस लेने से पहले किसानों से मशविरा किया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एकतरफा बात नहीं चलेगी। बिना किसानों से बातचीत के काम नहीं चलेगा।
विस्तार
संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा की जिस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने एक रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी थी जिसमें एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की सिफारिश की थी। आखिर अब उसे क्यों लागू नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि स्पष्ट जवाब देना होगा। घुमा-फिरा कर काम नहीं चलेगा। सरकार को अपनी बात समझाने में किसानों को एक साल का समय लगा। मसला एक नहीं है, कई हैं। सीड बिल, एमएसपी गारंटी, दूध पॉलिसी, बिजली बिल जैसे तमाम मुद्दे हैं जिन पर किसानों का संघर्ष अभी चलेगा।
विज्ञापन
उन्होंने कहा कि जो 17 कानून संसद में लाए जा रहे हैं उन्हें भी मंजूर नहीं होने दिया जाएगा, देश भर में उनका विरोध होगा। जब तक बातचीत के जरिए बैठकर सरकार हर मसले पर बात नहीं करेगी तब तक किसान वापस अपने घरों को नहीं जाएंगे।
तो डीएम के घर जाएगा गन्ना
उन्होंने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर भी निशाना साधा और कहा कि वह एक चीनी मिल का लखीमपुर खीरी में उद्घाटन करने जा रहे हैं। यदि टेनी ने चीनी मिल का उद्घाटन किया तो किसान सारा गन्ना वहां के डीएम के घर पर डालकर आएंगे। उन्होंने अपनी मांगे दोहराई कि जब तक किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस नहीं होते एमएसपी पर गारंटी कानून नहीं बनता, फसलों का उचित दाम नहीं मिलता ऐसे तमाम मुद्दों पर बात नहीं होती तब तक कोई समझौता नहीं होगा। कहा कि गन्ने का रेट घोषित करने में यूपी सरकार थर्ड नंबर पर आई। ऊपर से अभी तक किसानों को बकाया नहीं दिया गया है। उनके बकाया का भुगतान तत्काल किया जाए।
इस बार एयरपोर्ट की जमीन में होगी बुवाई
राकेश टिकैत ने कहा कि लखनऊ में एयरपोर्ट के लिए 11 सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण तो किया गया लेकिन किसानों को उसके बदले एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई । कह दिया गया कि सन 1942 में जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया था, यह मजाक है। उन्होंने कहा कि इसका हिसाब होगा और इस बार बरसात के बाद लखनऊ एयरपोर्ट की जमीन पर किसान बुवाई करेंगे। इन पीड़ित किसानों का संघर्ष अवश्य होगा। किसानों से आह्वान किया गया कि 26 नवंबर को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचें। ट्रैक्टर संसद की ओर रवाना होंगे। साथ ही 29 तारीख से प्रतिदिन 1000 लोग 60 ट्रैक्टर लेकर उधर निकलेंगे। उन्होंने कहा कि 29 से 3 तारीख तक संसद में कानून वापस लेकर बरगलाने की कोशिश की जाएगी कि अब उनकी मांगे पूरी हो गईं, लेकिन इस बहकावे में नहीं आना है क्योंकि आगे की जंग अभी जारी रहेगी।
राकेश टिकैत का भाजपा-ओवैसी पर तंज
राकेश टिकैत ने कहा कि ओवैसी और भाजपा का रिश्ता चाचा-भतीजे जैसा है। ओवैसी को सीएए और एनआरसी कानून रद्द करने के लिए टीवी पर बात नहीं करनी चाहिए बल्कि भाजपा से सीधे बात करनी चाहिए। टिकैत ने यह बयान ओवैसी के सीएए-एनआरसी कानून रद्द करने की मांग को लेकर दिया है। टिकैत ने कहा कि यह उत्तर कोरिया नहीं है कि साहब ने एकतरफा निर्णय सुना दिया। न लागू करने से पहले बात की और न वापस लेने से पहले किसानों से मशविरा किया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां एकतरफा बात नहीं चलेगी। बिना किसानों से बातचीत के काम नहीं चलेगा।
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।