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आईआईटी रुड़की और एम्स ऋषिकेष के वैज्ञानिकों ने तीन दिन मेंं महज 25 हजार रुपये की लागत से स्पेशल कोरोना वेंटिलेटर तैयार किया है। प्राण वायु नाम से तैयार पोर्टेबल वेंटिलेटर रिमोट से काम करेगा। वेंटिलेटर से जुड़े मरीज की सारी जानकारी डॉक्टर की मोबाइल स्क्रीन पर होगी। इससे बार-बार मरीज को जांचने के लिए डॉक्टर या नर्स को उसके पास नहीं जाना पड़ेगा।
आईआईटी रुड़की के टिकरिंग लैब के कॉर्डिनेटर प्रो. अक्षय द्विवेदी के मुताबिक, लॉकडाउन अवधि में कैंपस लैब में उपलब्ध प्रोडेक्ट से थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक से यह वेंटिलेटर तैयार किया गया है। इसमें एम्स ऋषिकेष के डॉ. दीबेंद्र त्रिपाठी ने सहयोग किया है।
प्रो. द्विवेदी और डॉ. त्रिपाठी के मुताबिक, कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले मरीज के फेफड़ों में ही वायरस हमला करता है। वायरस केचलते फेफड़ों के टिशू खराब हो जाते हैं। इसके चलते शरीर को आक्सिजन नहीं मिलती है।
इस वेंटिलेटर में हमने ऐसी तकनीक का प्रयोग किया है, जिसमें मरीज के फेफड़ों को उसकी आयु और जरूरत के आधार पर हवा पहुंचती है। हवा पहुंचने के चलते शरीर को आक्सीजन भी मिलता रहता है। क्योंकि कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
मरीज का इम्यून सिस्टम ही उस वायरस से लड़ते हुए जीतता है। इसीलिए फेफड़ों को पूरी हवा मिलनी जरूरी होती है। यही काम वेंटिलेटर करेगा। इसमें वेंटिलेटर मरीज की जरूरत के आधार पर हवा पहुंचाने का काम ही करेगा। एम्स ऋषिकेष में इसी हफ्ते मशीन पर ट्रायल होगा। फिलहाल कैंपस की लैब में यह फिट रहा है।
आईसीयू से बाहर बैठकर मोबाइल पर मिलेगा अपडेट:
कोरोना योद्धाओं को बार-बार मरीज को जांचने की जरूरत नहीं होगी। एक बार वेंटिलेटर से जोडऩे के बाद डॉक्टर और नर्स दूसरे कमरे में बैठकर पूरी मॉनेटरिंग कर सकते हैं। इसके लिए आईआईटी वैज्ञानिकों ने सॉफ्टवेयर इजाद किया है। यह मोबाइल पर एक ऐप केमाध्यम से चलेगा। स्क्रीन पर मरीज के फेफड़ों की सारी डिटेल मिलती रहेगी।
-कोरोना मरीजों के लिए वरदान:
कम कीमत, संसाधन में तैयार यह वेंटिलेटर कोरोना मरीजों के लिए वरदान होगा। सीआईआई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्राण-वायु वेंटिलेटर का बृहस्पतिवार को 450 इंडस्ट्री के समक्ष डेमो दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने में यह सक्षम होगा।-प्रो. अजीत के चुर्तवेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रुड़की।
आईआईटी रुड़की और एम्स ऋषिकेष के वैज्ञानिकों ने तीन दिन मेंं महज 25 हजार रुपये की लागत से स्पेशल कोरोना वेंटिलेटर तैयार किया है। प्राण वायु नाम से तैयार पोर्टेबल वेंटिलेटर रिमोट से काम करेगा। वेंटिलेटर से जुड़े मरीज की सारी जानकारी डॉक्टर की मोबाइल स्क्रीन पर होगी। इससे बार-बार मरीज को जांचने के लिए डॉक्टर या नर्स को उसके पास नहीं जाना पड़ेगा।
आईआईटी रुड़की के टिकरिंग लैब के कॉर्डिनेटर प्रो. अक्षय द्विवेदी के मुताबिक, लॉकडाउन अवधि में कैंपस लैब में उपलब्ध प्रोडेक्ट से थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक से यह वेंटिलेटर तैयार किया गया है। इसमें एम्स ऋषिकेष के डॉ. दीबेंद्र त्रिपाठी ने सहयोग किया है।
प्रो. द्विवेदी और डॉ. त्रिपाठी के मुताबिक, कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले मरीज के फेफड़ों में ही वायरस हमला करता है। वायरस केचलते फेफड़ों के टिशू खराब हो जाते हैं। इसके चलते शरीर को आक्सिजन नहीं मिलती है।
इस वेंटिलेटर में हमने ऐसी तकनीक का प्रयोग किया है, जिसमें मरीज के फेफड़ों को उसकी आयु और जरूरत के आधार पर हवा पहुंचती है। हवा पहुंचने के चलते शरीर को आक्सीजन भी मिलता रहता है। क्योंकि कोरोना वायरस के इलाज के लिए कोई दवा उपलब्ध नहीं है।
मरीज का इम्यून सिस्टम ही उस वायरस से लड़ते हुए जीतता है। इसीलिए फेफड़ों को पूरी हवा मिलनी जरूरी होती है। यही काम वेंटिलेटर करेगा। इसमें वेंटिलेटर मरीज की जरूरत के आधार पर हवा पहुंचाने का काम ही करेगा। एम्स ऋषिकेष में इसी हफ्ते मशीन पर ट्रायल होगा। फिलहाल कैंपस की लैब में यह फिट रहा है।
आईसीयू से बाहर बैठकर मोबाइल पर मिलेगा अपडेट:
कोरोना योद्धाओं को बार-बार मरीज को जांचने की जरूरत नहीं होगी। एक बार वेंटिलेटर से जोडऩे के बाद डॉक्टर और नर्स दूसरे कमरे में बैठकर पूरी मॉनेटरिंग कर सकते हैं। इसके लिए आईआईटी वैज्ञानिकों ने सॉफ्टवेयर इजाद किया है। यह मोबाइल पर एक ऐप केमाध्यम से चलेगा। स्क्रीन पर मरीज के फेफड़ों की सारी डिटेल मिलती रहेगी।
-कोरोना मरीजों के लिए वरदान:
कम कीमत, संसाधन में तैयार यह वेंटिलेटर कोरोना मरीजों के लिए वरदान होगा। सीआईआई की ओर से आयोजित कार्यक्रम में प्राण-वायु वेंटिलेटर का बृहस्पतिवार को 450 इंडस्ट्री के समक्ष डेमो दिया गया है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने में यह सक्षम होगा।-प्रो. अजीत के चुर्तवेदी, डायरेक्टर, आईआईटी रुड़की।
आईआईटी के वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस से लड़ने के लिए लॉकडाउन के बीच तीन दिन में कोरोना वेंटिलेटर बनाया है। कम लागत और सीमित संसाधन में बनाया गया है। कोरोना योद्धाओं को मेरा और देश का सलाम। हम सब मिलकर यह जंग जरूर जीतेंगे।
-रमेश पोखरियाल निशंक, मानव संसाधन विकास मंत्री।