डा. भीमराव अंबेडकर के महा परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को सरकारी व प्राइवेट बैंक बंद रहेंगे। अब बैंक बुधवार को खुलेंगे। संभावना है कि जिस तरह सोमवार को बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ लगी रही, उसी तरह एक दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को भी भीड़ अधिक होगी। बैंक ही नहीं एटीएम में भी लोगों को पर्याप्त कैश नहीं मिल पा रहा है।
आरबीआई कानपुर से बैंकों में जरूरत के मुताबिक कैश नहीं पहुंच रहा है। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को बैंक खुलने से पहले ही लोगों की लाइन लग गई थी। दोपहर करीब एक बजे तक ज्यादातर बैंकों में कैश खत्म होने पर लाइनें खत्म हुईं।
लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने बीते आठ नवंबर को बड़े नोट बंद किए थे, तब से लेकर अभी तक परेशानी खत्म नहीं हुई। कई कालोनियों में एक भी एटीएम काम नहीं कर रहा है। संजय नगर सेक्टर-23, प्रताप विहार, शास्त्रीनगर, कैला भटठा, पुराना शहर का बाजार समेत अन्य क्षेत्रों में इक्का-दुक्का एटीएम से ही कैश मिल रहा है।
वाणिज्य कर विभाग ने अर्थदंड किया माफ
नोट बंदी के बाद से शुरू हुई परेशानियों को देखते हुए वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों पर लगे अर्थ दंड को माफ कर दिया है। शासन की ओर से शासनादेश जारी हुआ है, जिसमें स्पष्ट निर्देश हैं कि 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद बैंकों के ऊपर काम बढ़ गया है, जिसकी वजह से अन्य कामकाज नहीं हो पा रहा है,
इसलिए लेट टैक्स जमा करने वाले व्यापारियों पर लगाया गया दो हजार रुपये का अर्थ दंड माफ कर दिया गया है।लोकल चेक क्लियर होने में लग रहे पांच से छह दिनइन दिनों बैंक कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी ज्यादा है, जिसके चलते लोकल चेक को भी क्लियर होने में पांच से छह दिन लग रहे हैं।
आउट स्टेशन चेक को क्लियर होने में 9 से 10 दिन लग रहे हैं, जिसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ गई है। बैंकों की मानें तो इस स्थिति के सामान्य होने में समय लगेगा।
- स्कूलों ने स्वाइप मशीन के लिए किया आवेदन
नोट बंदी के बाद दिसंबर माह में अभिभावकों को स्कूलों में फीस जमा करनी है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की सुविधा के लिए स्वाइप मशीन लगा रहे हैं। इसके अलावा चेक और पेटीएम से भी फीस ली जा रही है। इसके साथ ही जिन अभिभावकों के पास चेक नहीं है, उन्हें 30 दिसंबर तक की छूट दी गई है।
ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने बताया बैंक से स्वाइप मशीन की मांग की गई है फिलहाल अभिभावकों से चेक लिए जा रहे हैं। संजय गीता मेमोरियल स्कूल की प्रिंसिपल अलका सिंघल ने बताया कि उनके यहां मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बारे में पता ही नहीं है। ऐसे में समय दिया जा रहा है।
- बोले लोग
- अब दैनिक खर्चें निकालाना मुश्किल हो रहा है। बाजार में अधिकांश दुकानों पर कैश ही मांगा जाता है। - बीएस आहूजा
- छोटे दुकानदार हो या सब्जी वाले सभी को कैश चाहिए। बैंक से रुपये नहीं मिल रहे और बुजुर्ग एटीएम में लंबी लाइन में नहीं लग सकते हैं। - निर्वेश त्यागी
- नोट बंदी से पहले नए नोट का इंतजाम होना चाहिए था। अधिकांश लोग घर खर्च के लिए नकद धनराशि ही चाहते हैं। - पूनम त्यागी
- अब ये हालत हो गए हैं कि उधार मांगना पड़ रहा है। एकाउंट में पैसे हैं पर उसे निकाल नहीं सकते है। घर का खर्च आखिर कैसे करें। -मिथलेश
डा. भीमराव अंबेडकर के महा परिनिर्वाण दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को सरकारी व प्राइवेट बैंक बंद रहेंगे। अब बैंक बुधवार को खुलेंगे। संभावना है कि जिस तरह सोमवार को बैंकों के बाहर लोगों की भीड़ लगी रही, उसी तरह एक दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को भी भीड़ अधिक होगी। बैंक ही नहीं एटीएम में भी लोगों को पर्याप्त कैश नहीं मिल पा रहा है।
आरबीआई कानपुर से बैंकों में जरूरत के मुताबिक कैश नहीं पहुंच रहा है। रविवार की छुट्टी के बाद सोमवार को बैंक खुलने से पहले ही लोगों की लाइन लग गई थी। दोपहर करीब एक बजे तक ज्यादातर बैंकों में कैश खत्म होने पर लाइनें खत्म हुईं।
लोगों का कहना है कि केंद्र सरकार ने बीते आठ नवंबर को बड़े नोट बंद किए थे, तब से लेकर अभी तक परेशानी खत्म नहीं हुई। कई कालोनियों में एक भी एटीएम काम नहीं कर रहा है। संजय नगर सेक्टर-23, प्रताप विहार, शास्त्रीनगर, कैला भटठा, पुराना शहर का बाजार समेत अन्य क्षेत्रों में इक्का-दुक्का एटीएम से ही कैश मिल रहा है।
वाणिज्य कर विभाग ने अर्थदंड किया माफ
नोट बंदी के बाद से शुरू हुई परेशानियों को देखते हुए वाणिज्य कर विभाग ने व्यापारियों पर लगे अर्थ दंड को माफ कर दिया है। शासन की ओर से शासनादेश जारी हुआ है, जिसमें स्पष्ट निर्देश हैं कि 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद बैंकों के ऊपर काम बढ़ गया है, जिसकी वजह से अन्य कामकाज नहीं हो पा रहा है,
इसलिए लेट टैक्स जमा करने वाले व्यापारियों पर लगाया गया दो हजार रुपये का अर्थ दंड माफ कर दिया गया है।लोकल चेक क्लियर होने में लग रहे पांच से छह दिनइन दिनों बैंक कर्मचारियों पर काम का बोझ काफी ज्यादा है, जिसके चलते लोकल चेक को भी क्लियर होने में पांच से छह दिन लग रहे हैं।
आउट स्टेशन चेक को क्लियर होने में 9 से 10 दिन लग रहे हैं, जिसकी वजह से पेंडेंसी बढ़ गई है। बैंकों की मानें तो इस स्थिति के सामान्य होने में समय लगेगा।
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स्कूलों ने स्वाइप मशीन के लिए किया आवेदन
नोट बंदी के बाद दिसंबर माह में अभिभावकों को स्कूलों में फीस जमा करनी है। स्कूल प्रबंधन अभिभावकों की सुविधा के लिए स्वाइप मशीन लगा रहे हैं। इसके अलावा चेक और पेटीएम से भी फीस ली जा रही है। इसके साथ ही जिन अभिभावकों के पास चेक नहीं है, उन्हें 30 दिसंबर तक की छूट दी गई है।
ठाकुरद्वारा बालिका विद्यालय की प्रिंसिपल पूनम शर्मा ने बताया बैंक से स्वाइप मशीन की मांग की गई है फिलहाल अभिभावकों से चेक लिए जा रहे हैं। संजय गीता मेमोरियल स्कूल की प्रिंसिपल अलका सिंघल ने बताया कि उनके यहां मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चे पढ़ते हैं। ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के बारे में पता ही नहीं है। ऐसे में समय दिया जा रहा है।
- बोले लोग
- अब दैनिक खर्चें निकालाना मुश्किल हो रहा है। बाजार में अधिकांश दुकानों पर कैश ही मांगा जाता है। - बीएस आहूजा
- छोटे दुकानदार हो या सब्जी वाले सभी को कैश चाहिए। बैंक से रुपये नहीं मिल रहे और बुजुर्ग एटीएम में लंबी लाइन में नहीं लग सकते हैं। - निर्वेश त्यागी
- नोट बंदी से पहले नए नोट का इंतजाम होना चाहिए था। अधिकांश लोग घर खर्च के लिए नकद धनराशि ही चाहते हैं। - पूनम त्यागी
- अब ये हालत हो गए हैं कि उधार मांगना पड़ रहा है। एकाउंट में पैसे हैं पर उसे निकाल नहीं सकते है। घर का खर्च आखिर कैसे करें। -मिथलेश