जगनपुर-अफजलपुर के पास इंटरचेंज बनाकर यमुना एक्सप्रेसवे और्र ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से रोजाना करीब 20 हजार वाहन चालकों को लाभ होगा। इससे न सिर्फ समय और ईंधन बचेगा बल्कि ग्रेटर नोएडा में भी वाहनों का दबाव भी कम हो जाएगा।
शुक्रवार को यमुना प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ ने अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा कर जल्द काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। इंटरचेंज बनने से हरियाणा से आगरा आनाजाना आसान हो जाएगा। वाहनों को करीब 20 किमी का चक्कर लगाना नहीं लगाना पड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल मई में निर्माण कार्य शुरू कर करीब चार माह में इसे पूरा करने की संभावना है।
फिलहाल आगरा की ओर से यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को हरियाणा जाने के लिए जीरो प्वाइंट से वापस सिरसा लूप से ईस्टर्न पेरिफेरल पर जाना पड़ता है। इसी तरह हरियाणा से मालवाहक या सामान्य वाहन भी सिरसा उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो प्वाइंट से आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की ओर रवाना होते हैं।
इससे दोनों रूट के वाहनों को करीब 20 किमी का चक्कर काटना पड़ता है। इसमें काफी समय भी लगता है। इंटरचेंज बन जाने से वाहन चालक सीधेयमुना एक्सप्रेसवे से पेरिफेरल पर आ जा सकेंगे। इसके अलावा सेक्टर-17ए, 20, 22डी आदि सेक्टरों के निवासियों के लिए भी यह इंटरचेंज से खासा लाभ होगा। है।
ग्रेटर नोएडा से आगरा जाते समय यमुना एक्सप्रेसवे के दाहिनी ओर 60 मीटर और बायीं ओर 30 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है। इस पर मई से काम शुरू कराने की योजना है और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने इसकी प्रगति रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए जल्द ही काम शुरू करने का दावा किया है।
मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने रोक दिया था कार्य
कुछ समय पहले किसानों को 64.7% मुआवजा नहीं मिलने के कारण यहां काम नहीं होने दिया था। कुछ किसान हाईकोर्ट भी चले गए थे, लेकिन अब प्राधिकरण किसानों से बातचीत करके इस समस्या का समाधान निकालना चाहता है। अधिकारियों को उम्मीद है कि किसान मान जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों एक्सप्रेसवे को जुड़ने से यमुना सिटी का मार्ग बेहद आसान हो जाएगा। प्राधिकरण जो सेक्टर बसा रहा है उनकी भी दूरी काफी कम हो जाएगी।
जगनपुर-अफजलपुर के पास इंटरचेंज बनाकर दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और यमुना प्राधिकरण मिलकर इसका निर्माण कराएंगे। करीब 76 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले इंटरचेंज के लिए यमुना प्राधिकरण 18 करोड़ देगा। बाकी खर्च एनएचआई वहन करेगा।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
आज से 25 चौराहों पर होगा इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का ट्रायल
नोएडा प्राधिकरण शनिवार से इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) का ट्रायल शुरू करेगा। पहले चरण में 25 चौराहों पर इसका ट्रायल होगा। प्राधिकरण की ओर से इन 25 चौराहों पर आईटीएमएस के संसाधन विकसित किए गए हैं। इसके अलावा इसके कमांड कंट्रोल सेंटर को भी तैयार किया गया है। कंट्रोल सेंटर से इन चौराहों पर नजर रखी जा सकेगी। आईटीएमएस के तहत पूरे शहर में एक हजार से भी ज्यादा कैमरे लगाए जाने हैं। फिलहाल अभी यह देखा जाएगा कि यह किस तरह से कारगर साबित हो रहा है। इसके बाद इसे क्रियाशील कर दिया जाएगा।
विस्तार
जगनपुर-अफजलपुर के पास इंटरचेंज बनाकर यमुना एक्सप्रेसवे और्र ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। दोनों एक्सप्रेसवे के जुड़ने से रोजाना करीब 20 हजार वाहन चालकों को लाभ होगा। इससे न सिर्फ समय और ईंधन बचेगा बल्कि ग्रेटर नोएडा में भी वाहनों का दबाव भी कम हो जाएगा।
शुक्रवार को यमुना प्राधिकरण (यीडा) के सीईओ ने अधिकारियों से इस मुद्दे पर चर्चा कर जल्द काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। इंटरचेंज बनने से हरियाणा से आगरा आनाजाना आसान हो जाएगा। वाहनों को करीब 20 किमी का चक्कर लगाना नहीं लगाना पड़ेगा। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल मई में निर्माण कार्य शुरू कर करीब चार माह में इसे पूरा करने की संभावना है।
फिलहाल आगरा की ओर से यमुना एक्सप्रेसवे से आने वाले वाहनों को हरियाणा जाने के लिए जीरो प्वाइंट से वापस सिरसा लूप से ईस्टर्न पेरिफेरल पर जाना पड़ता है। इसी तरह हरियाणा से मालवाहक या सामान्य वाहन भी सिरसा उतरने के बाद परी चौक होते हुए जीरो प्वाइंट से आगरा जाने के लिए यमुना एक्सप्रेसवे की ओर रवाना होते हैं।
इससे दोनों रूट के वाहनों को करीब 20 किमी का चक्कर काटना पड़ता है। इसमें काफी समय भी लगता है। इंटरचेंज बन जाने से वाहन चालक सीधेयमुना एक्सप्रेसवे से पेरिफेरल पर आ जा सकेंगे। इसके अलावा सेक्टर-17ए, 20, 22डी आदि सेक्टरों के निवासियों के लिए भी यह इंटरचेंज से खासा लाभ होगा। है।
ग्रेटर नोएडा से आगरा जाते समय यमुना एक्सप्रेसवे के दाहिनी ओर 60 मीटर और बायीं ओर 30 मीटर चौड़ी सर्विस रोड है। इस पर मई से काम शुरू कराने की योजना है और मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने इसकी प्रगति रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए जल्द ही काम शुरू करने का दावा किया है।
मुआवजा नहीं मिलने पर किसानों ने रोक दिया था कार्य
कुछ समय पहले किसानों को 64.7% मुआवजा नहीं मिलने के कारण यहां काम नहीं होने दिया था। कुछ किसान हाईकोर्ट भी चले गए थे, लेकिन अब प्राधिकरण किसानों से बातचीत करके इस समस्या का समाधान निकालना चाहता है। अधिकारियों को उम्मीद है कि किसान मान जाएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों एक्सप्रेसवे को जुड़ने से यमुना सिटी का मार्ग बेहद आसान हो जाएगा। प्राधिकरण जो सेक्टर बसा रहा है उनकी भी दूरी काफी कम हो जाएगी।
जगनपुर-अफजलपुर के पास इंटरचेंज बनाकर दोनों एक्सप्रेसवे को जोड़ा जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और यमुना प्राधिकरण मिलकर इसका निर्माण कराएंगे। करीब 76 करोड़ की लागत से बनाए जाने वाले इंटरचेंज के लिए यमुना प्राधिकरण 18 करोड़ देगा। बाकी खर्च एनएचआई वहन करेगा।
- डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण
आज से 25 चौराहों पर होगा इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का ट्रायल
नोएडा प्राधिकरण शनिवार से इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) का ट्रायल शुरू करेगा। पहले चरण में 25 चौराहों पर इसका ट्रायल होगा। प्राधिकरण की ओर से इन 25 चौराहों पर आईटीएमएस के संसाधन विकसित किए गए हैं। इसके अलावा इसके कमांड कंट्रोल सेंटर को भी तैयार किया गया है। कंट्रोल सेंटर से इन चौराहों पर नजर रखी जा सकेगी। आईटीएमएस के तहत पूरे शहर में एक हजार से भी ज्यादा कैमरे लगाए जाने हैं। फिलहाल अभी यह देखा जाएगा कि यह किस तरह से कारगर साबित हो रहा है। इसके बाद इसे क्रियाशील कर दिया जाएगा।