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सुप्रीम कोर्ट पहुंचा आद्या केस, फोर्टिस अस्पताल, केंद्र सरकार और अन्य को नोटिस जारी

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, गुरुग्राम Updated Sat, 24 Mar 2018 10:01 AM IST
Adya death case Supreme court issued notice to Fortis Hospital, central government and other
फाइल फोटो
आद्या की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट मेडिकल नेग्लिजेंसी पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर फोर्टिस अस्पताल, केंद्र सरकार अन्य को नोटिस जारी किया है।


डेंगू से सात वर्षीय आद्या की मौत के बाद उसके पिता जयंत द्वारा दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है। यचिका में जयंत ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं के प्राधिकरण और मॉनिटरिंग पर सवाल खड़ा करते हुए एक नई राष्ट्रीय मेडिकल नेग्लिजेंसी बोर्ड बनाने की मांग की है। 


इसके साथ ही उन्होंने आद्या के मौत के मामले में फोर्टिस अस्पताल को जिम्मेवार मानते हुए अस्पताल प्रबंधन व डॉक्टरों पर कार्रवाई के साथ 10 करोड़ रुपये हर्जाना मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए इस मामले में केंद्र सरकार, हरियाणा सरकार, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट गुरुग्राम, फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड गुरुग्राम, मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी, फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के पीडियाट्रिक्स विभाग के डॉक्टर विकास वर्मा को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

वहीं, फोर्टिस अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि इस मामले में अभी तक कोर्ट से कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने के बाद कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। बता दें कि द्वारका दिल्ली निवासी जयंत सिंह ने सात वर्षीय आद्या को डेंगू होने के बाद फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में इलाज के दौरान आद्या की मौत हो गई थी। 

Adya death case Supreme court issued notice to Fortis Hospital, central government and other
इस मामले में जांच के दौरान प्रदेश स्तरीय कमेटी द्वारा जांच में मेडिकल नेग्लिजेंसी का मामला सामने आया था। जयंत सिंह का कहना है कि हरियाणा सरकार की जांच कमेटी में सामने आया है कि अस्पताल और डॉक्टर ने केवल पैसे बनाने के लिए बच्ची का बेजा इलाज किया। 

देश में सही मेडिकल नेग्लिजेंसी पर कार्रवाई नहीं और सही तरीके से निजी अस्पतालों पर निगरानी नहीं होने के कारण अस्पताल, डॉक्टर, लैब, दवाई बनाने वाली कंपनी सब लूटने पर लगे हैं। 

उन्होंने बताया कि याचिका दायर कर मेडिकल नेग्लिजेंसी की शिकायत के राष्ट्रीय स्तर की संस्था, फोर्टिस अस्पताल और गलत इलाज करने वाले डॉक्टर का लाइसेंस रद्द करने, कोर्ट की निगरानी में जांच, मुआवजे के तौर पर 10 करोड़ रुपये, फोर्टिस अस्पताल द्वारा गरीबों के इलाज के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड बनाने की मांग की गई है।
 
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