दिल्ली में 49 दिनों तक सरकार चलाने के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने लगभग चार महीने बाद अब इस मुद्दे पर सफाई दी है।
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके इस्तीफे के बाद दिल्ली विधानसभा भंग हो जाएगी और लोकसभा चुनावों के साथ दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।
हालांकि केजरीवाल का ये सपना अधूरा रह गया जिससे आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।
दिल्ली के काली बाड़ी इलाके में मोहल्ला सभा के दौरान केजरीवाल ने कहा था कि हमने यह सोच कर इस्तीफा दिया था कि दिल्ली में जल्द विधानसभा चुनाव होंगे और हम अच्छी खासी सीटें जीत कर दिल्ली में पूर्ण बहुमत की सरकार बना लेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि चार महीने बीतने के बावजूद चुनाव की आहट भी नहीं है। इस मुद्दे पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि हमने इस्तीफा देते समय इस बात की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं की थी।
बता दें कि केजरीवाल का ये बयान उस वक्त आया जब सभा में यह सवाल उठा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस्तीफा क्यों दिया?
केजरीवाल ने कहा कि मीडिया और आम जनता बार-बार ये सवाल उठाती है कि केजरीवाल सरकार ने इस्तीफा क्यों दिया? साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली में उनके पास सिर्फ 27 विधायक हैं, जिनके दम पर चाहकर भी सरकार नहीं बन सकती।
यही नहीं, केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद उन्होंने इस बात का निश्चय किया है कि वे अब कांग्रेस के समर्थन लेकर सरकार नहीं बनांएगे।
सूत्रों के अनुसार, आप ये मान कर चल रही है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी को जो नुकसान हुआ है वह कहीं न कहीं कांग्रेस के गठजोड़ से सरकार बनाने के कारण ही हुआ है।
हालांकि थोड़ी ही देर में केजरीवाल ने फिर पलटी मारी और कहा कि यदि दिल्ली की जनता कहेगी तो वे सरकार बनाने के लिए तैयार हैं। इस मामले में केजरीवाल ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं।
पहला तो ये कि सरकार बनाने के मुद्दे पर फैसले का जिम्मा दिल्ली की जनता पर छोड़ दिया है और दूसरा ये कि वो अभी भी कांग्रेस से समर्थन लेने के लिए तैयार हैं।
केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा कि पिछली बार कांग्रेस के के साथ मिलकर उन्होंने इसलिए सरकार बनाई थी क्योंकि वो उन्हें कई मुद्दों पर समर्थन दे रहे रहे थे। लेकिन लोकपाल के मुद्दे पर कांग्रेस के असहयोग की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ा।
इस्तीफे के मुद्दे पर जनता के गुस्से पर केजरीवाल ने कहा कि उन्हें पता है दिल्ली की जनता क्यों नाराज है उनसे। केजरी ने बताया कि उन्हें अब तक मुख्य तौर पर दो कारण पता चले हैं। पहला- आम आदमी पार्टी की सरकार के इस्तीफा देने के बाद से राजधानी में भ्रष्टाचार बढ़ गया है।
दूसरा कारण यह है कि लोगों की उम्मीदें भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। केजरीवाल ने लोगों को मोहल्ला सभा और स्वराज बिल के बारे में भी जागरूक किया।
बता दें कि लोकसभा चुनाव में जबरदस्त हार मिलने के बाद अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से इस्तीफा देने के मुद्दे पर माफी मांगी थी।
दिल्ली में 49 दिनों तक सरकार चलाने के बाद इस्तीफा देने वाले पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल ने लगभग चार महीने बाद अब इस मुद्दे पर सफाई दी है।
केजरीवाल ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके इस्तीफे के बाद दिल्ली विधानसभा भंग हो जाएगी और लोकसभा चुनावों के साथ दिल्ली में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं।
हालांकि केजरीवाल का ये सपना अधूरा रह गया जिससे आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है।