विज्ञापन
Hindi News ›   Uttarakhand ›   Dehradun News ›   National Statistics Report 2022: 56 percent Women in Uttarakhand panchayats

National Statistics Report: पंचायतों में उत्तराखंड की महिलाओं का दबदबा, है 56 फीसदी हिस्सेदारी

अमर उजाला ब्यूरो, देहरादून Published by: अलका त्यागी Updated Wed, 22 Mar 2023 07:00 AM IST
सार

अमर उजाला ने पंचायती राज संस्थाओं में राज्य की महिलाओं के प्रतिनिधित्व का विश्लेषण किया। इसमें यह तस्वीर उभर कर सामने आई कि राज्य के 13 जिलों में 7791 ग्राम पंचायतों में 62796 पदों पर 35177 महिलाएं जनप्रतिनिधि हैं।

National Statistics Report 2022: 56 percent Women in Uttarakhand panchayats
पंचायत - फोटो : प्रतीकात्मक तस्वीर

विस्तार
Follow Us

पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में उत्तराखंड देश का सबसे अग्रणी राज्य है। राज्य में कुल चुने गए पंचायत प्रतिनिधियों में महिलाओं की संख्या 56 फीसदी है, जो देश के किसी भी राज्य से ज्यादा है। हालांकि वरिष्ठ और प्रबंधन से जुड़ी नौकरियों में पुरुषों का वर्चस्व बहुत अधिक है। इन पदों पर राज्य की महिलाओं का प्रतिनिधित्व एक साल में और कम हो गया।



यह खुलासा केंद्रीय सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन के राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय की हाल ही जारी भारत में महिलाएं और पुरुष 2022 रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में आंकड़ों के जरिये महिलाओं की स्थिति के बारे में राज्यवार तस्वीर बयान की गई है।


Uttarakhand: कैग की रिपोर्ट में खुलासा, पांच साल में 93% शहरी गरीबों को नहीं मिला सस्ता घर

अमर उजाला ने पंचायती राज संस्थाओं में राज्य की महिलाओं के प्रतिनिधित्व का विश्लेषण किया। इसमें यह तस्वीर उभर कर सामने आई कि राज्य के 13 जिलों में 7791 ग्राम पंचायतों में 62796 पदों पर 35177 महिलाएं जनप्रतिनिधि हैं। यह कुल पदों का 56 फीसदी है। पुरुषों की तुलना में महिला जनप्रतिनिधियों का ऐसा अनुपात किसी भी राज्य में नहीं हैं।

पंचायतों में देश के 10 सर्वाधिक महिला प्रतिनिधित्व वाले राज्य


 राज्य                प्रतिशत
उत्तराखंड           56.0
छत्तीसगढ़           54.8
असम                54.4
महाराष्ट्र             53.5
तमिलनाडु          53
ओडिशा            52.7
केरल                52.4
बिहार                52.0
झारखंड            51.6
पश्चिम बंगाल       51.4

वरिष्ठ और प्रबंधकीय पदों पर उत्तराखंड में पुरुषों की तुलना में महिलाएं सबसे कम

उत्तराखंड में प्रबंधकीय और वरिष्ठ पदों पर पुरुषों की तुलना में महज 3.4 फीसदी महिलाएं हैं। देश के अन्य राज्यों की तुलना में यह सबसे कम संख्या है। भारत में महिलाएं और पुरुष 2022 की रिपोर्ट की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड में 2020 में कोरोनाकाल के दौरान प्रबंधकीय पदों पर कार्यरत कर्मचारियों महिलाएं 11.7 प्रतिशत थीं। 2021 में यह संख्या घटकर 3.3 प्रतिशत हो गई। इसी तरह विधायक, वरिष्ठ अधिकारियों और प्रबंधकों के रूप में काम करने वाली महिलाओं का अनुपात पुरुषों की तुलना में 2020 में 13.3 प्रतिशत था, जो घटकर 3.6 फीसदी रह गया। राज्यों की सूची में उत्तराखंड में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का यह औसत देश में सबसे कम है। रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय औसत के हिसाब से 2020 में 23.2और 2021 में 22.2 प्रतिशत था।

देश के सबसे कम अनुपात वाले पांच राज्य

राज्य /केंद्र शासित                   प्रबंधकीय पद वरिष्ठ      मध्य प्रबंधन
दादरा और नगर हवेली                1.8                        1.8
उत्तराखंड                                  3.3                         3.4
जम्मू और कश्मीर                       4.5                         4.6
अंडमानऔर निकोबार द्वीप समूह  7.2                          7.2
बिहार                                       7.3                           7.3
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें