न्यूज डेस्क, अमर उजाला, हरिद्वार
Published by: Nirmala Suyal Nirmala Suyal
Updated Fri, 24 Sep 2021 01:02 PM IST
बलबीर गिरि अखाड़े की पुरी मणी के संत हैं और पुरी मणी के अधीन संचालित बिल्केश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक हैं। जबकि बाघंबरी पीठ गिरि मणी के अधीन है। ऐसे में अब अखाड़े के संत और महंतों के सामूहिक फैसले पर बाघंबरी की गद्दी और बलबीर के भविष्य का फैसला होगा।
बलबीर पुरी, पुरी मणी के संत
श्री निरंजनी अखाड़े की 18 मणियां हैं। सभी मणियों को अखाड़े की व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी है। बलबीर पुरी, पुरी मणी के संत हैं। हरिद्वार बिल्केश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक के रूप में बीते कई सालों से सेवा कर रहे हैं।
करीब दो दशकों से अखाड़े से जुड़े बलबीर ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के करीबी आनंद गिरि के बाद दूसरे नंबर के शिष्य रहे। आनंद गिरि से श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की दूरियों के बाद बलबीर पुरी ही उनके सबसे नजदीक आ गए और पिछले लंबे समय से प्रयागराज में ही नरेंद्र गिरि के साथ रह रहे थे।
नरेंद्र गिरि मौत मामला: अखाड़े ने नकारा श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का कथित सुसाइड नोट, कही ये बात
विस्तार
बलबीर गिरि अखाड़े की पुरी मणी के संत हैं और पुरी मणी के अधीन संचालित बिल्केश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक हैं। जबकि बाघंबरी पीठ गिरि मणी के अधीन है। ऐसे में अब अखाड़े के संत और महंतों के सामूहिक फैसले पर बाघंबरी की गद्दी और बलबीर के भविष्य का फैसला होगा।
बलबीर पुरी, पुरी मणी के संत
श्री निरंजनी अखाड़े की 18 मणियां हैं। सभी मणियों को अखाड़े की व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी है। बलबीर पुरी, पुरी मणी के संत हैं। हरिद्वार बिल्केश्वर महादेव मंदिर के व्यवस्थापक के रूप में बीते कई सालों से सेवा कर रहे हैं।
करीब दो दशकों से अखाड़े से जुड़े बलबीर ब्रह्मलीन श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के करीबी आनंद गिरि के बाद दूसरे नंबर के शिष्य रहे। आनंद गिरि से श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की दूरियों के बाद बलबीर पुरी ही उनके सबसे नजदीक आ गए और पिछले लंबे समय से प्रयागराज में ही नरेंद्र गिरि के साथ रह रहे थे।
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