Hindi News
›
Uttarakhand
›
Dehradun News
›
Dronacharya-Abhimanyu government not getting promising players and the trainers who prepare them Uttarakhand
{"_id":"63d73fc3548f4718977f9fb8","slug":"dronacharya-abhimanyu-government-not-getting-promising-players-and-the-trainers-who-prepare-them-uttarakhand-2023-01-30","type":"feature-story","status":"publish","title_hn":"Uttarakhand: प्रदेश में ‘द्रोणाचार्य’ मिल रहे न ‘अभिमन्यु’, चार साल से नहीं हो पाई इन अवार्ड की घोषणा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Uttarakhand: प्रदेश में ‘द्रोणाचार्य’ मिल रहे न ‘अभिमन्यु’, चार साल से नहीं हो पाई इन अवार्ड की घोषणा
बिशन सिंह बोरा, अमर उजाला, देहरादून
Published by: रेनू सकलानी
Updated Mon, 30 Jan 2023 09:32 AM IST
सार
लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें
वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए विभाग की ओर से अवार्ड के लिए खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों से आवेदन मांगे गए। आवेदनपत्रों की जांच भी की गई, लेकिन इन तीनों पुरस्कारों की घोषणा नहीं हो पाई।
हॉकी, क्रिकेट के मैदान से लेकर बैडमिंटन कोर्ट तक उत्तराखंड के खिलाड़ियों की प्रतिभा का लोहा पूरी दुनिया मान चुकी है लेकिन अब ऐसे होनहार खिलाड़ी और उन्हें तैयार करने वाले प्रशिक्षक सरकार को ढूंढ़े नहीं मिल रहे हैं। शायद यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने आवेदन मांगने के बावजूद चार साल से देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार और तीन साल से उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न व लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड की घोषणा नहीं की है।
2018-19 में उत्तराखंड देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए आवेदन मांगे गए थे लेकिन इसकी घोषणा नहीं की गई थी। वहीं, रुद्रपुर के बंगाली कॉलोनी निवासी बैडमिंटन खिलाड़ी मनोज सरकार को उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न पुरस्कार और देहरादून निवासी अरुण कुमार सूद को वॉलीबॉल के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था।
इसके बाद वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 के लिए विभाग की ओर से अवार्ड के लिए खेल प्रशिक्षकों और खिलाड़ियों से आवेदन मांगे गए। आवेदनपत्रों की जांच भी की गई, लेकिन इन तीनों पुरस्कारों की घोषणा नहीं हो पाई।
तीनों पुरस्कारों के लिए खेल प्रशिक्षक और खिलाड़ियों का चयन कर लिया गया है, जल्द ही पिछले तीनों वर्षों के पुरस्कारों की घोषणा कर दी जाएगी। प्रदेश में पहले कोविड और फिर विधान सभा चुनाव की आंचार संहिता की वजह से पुरस्कारों की घोषणा में देरी हुई है। -रेखा आर्य, खेल मंत्री।
तीन से पांच लाख रुपये का पुरस्कार
उत्तराखंड देवभूमि द्रोणाचार्य पुरस्कार खेल प्रशिक्षक को दिया जाता है। पुरस्कार के रूप में प्रशिक्षक को तीन लाख रुपये और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है, जबकि उत्तराखंड देवभूमि खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए चयनित खिलाड़ी को पुरस्कार के रूप में पांच-पांच लाख की धनराशि एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।
इन पुरस्कारों के लिए खेल मंत्री की अध्यक्षता में गठित हाईपावर कमेटी खिलाड़ी और प्रशिक्षक का चयन करती है। कमेटी में खेल सचिव, निदेशक, विभाग का वरिष्ठ अधिकारी एवं एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी शामिल होता है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।