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Bihar Board 12th Result 2023 CM Nitish Dream Project Simultala Residential School Topper Factory History
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Bihar : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 'ड्रीम स्कूल' सिमुलतला के लिए टॉप 5 में भी आना अब सपने जैसा! क्यों...जानिए
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना/जमुई
Published by: कुमार जितेंद्र ज्योति
Updated Tue, 21 Mar 2023 06:01 PM IST
सार
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Bihar Board Inter Result : बिहार की टॉपर्स फैक्ट्री से उत्पादन ठप है क्या? पिछले साल भी इंटर में एक भी टॉपर नहीं था और इस बार भी टॉप 6 की सूची तक सिमुलतला से एक भी नाम नहीं। क्यों, इसकी वजह बता रहे हैं CM नीतीश कुमार के ड्रीम स्कूल के शिक्षक।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट इस हाल में क्यों?
- फोटो : अमर उजाला
झारखंड बंटवारे में जब नेतरहाट आवासीय विद्यालय झारखंड के हिस्से में चला गया और बिहार में चरवाहा विद्यालय की चर्चा जोरों पर थी तो 2005 में सत्ता संभालने के बाद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार ड्रीम स्कूल को लेकर बात करते थे। वर्ष 2010 में यह स्कूल बना- सिमुलतला आवासीय विद्यालय। छठी से दाखिला लेने वाले इस विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने 2017 से इंटर परीक्षा देनी शुरू की। तब से इसे 'टॉपर फैक्ट्री’ कहा जाने लगा, लेकिन जैसे-जैसे बिहार बोर्ड ने वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की अधिकता की तो यहां की प्रतिभाएं टॉपर की दौड़ से बाहर होती गईं। पिछले साल भी इंटर में एक भी टॉपर नहीं और इस बार भी टॉप 6 की सूची तक सिमुलतला से एक भी नाम नहीं था। 'अमर उजाला’ ने रिजल्ट जारी होने के पहले ही यह आशंका जाहिर की थी।
39 परीक्षार्थियों में 34 साइंस, बाकी कला
जमुई के पहाड़ी क्षेत्र में अवस्थित इस आवासीय विद्यालय से इस बार 39 परीक्षार्थियों ने बिहार बोर्ड की इंटर परीक्षा दी थी। इनमें कला संकाय के पांच थे, जबकि शेष 34 परीक्षार्थियों ने इंटर साइंस की परीक्षा दी थी। वाणिज्य से कोई परीक्षार्थी नहीं था। इनमें से एक भी बिहार बोर्ड की ओर से जारी टॉप 6 की सूची में नहीं है। मुख्यमंत्री के इसी ड्रीम स्कूल ने 2017 के इंटर परिणाम में जबरदस्त एंट्री मारी थी। तब बिहार बोर्ड के टॉप 5 में इस स्कूल से विज्ञान संकाय के चार, वाणिज्य के दो और कला के एक परीक्षार्थी ने जगह बनाई थी। अगले साल, 2018 की इंटर परीक्षा में राज्यस्तरीय टॉप 5 की सूची बनी तो इस स्कूल से विज्ञान संकाय के तीन और कला के चार परीक्षार्थियों ने जगह बनाई। उसके बाद, 2019 की परीक्षा में राज्य स्तरीय टॉप फाइव में कला संकाय के तीन परीक्षार्थियों ने जगह बनाई। कोरोना के ठीक पहले ली गई 2020 की इंटर परीक्षा का परिणाम आया तो राज्य स्तरीय टॉप फाइव में कला संकाय के चार, विज्ञान-वाणिज्य के एक-एक परीक्षार्थियों ने झंडा गाड़ा। सफलता का यह सिलसिला 2021 की इंटर परीक्षा में कमजोर पड़ता दिखा, जब राज्यस्तरीय टॉप फाइव की सूची में इस विद्यालय के सिर्फ कला संकाय के एक छात्र को प्रथम स्थान मिला। उसके बाद से 2022 और इस 2023 की परीक्षा में टॉपर्स सूची से सिमुलतला आवासीय विद्यालय का नाम ही गायब है।
शिक्षक कह रहे- यह टॉपर सूची प्रतिभा की कसौटी नहीं
सिमुलतला आवासीय विद्यालय के प्राचार्य की अनुपलब्धता पर उप-प्राचार्य सुनील कुमार से बात हुई। उन्होंने कहा- “हमारे शिक्षक वही हैं। पढ़ाई का स्तर भी वही है। हमारा कोई भी परीक्षार्थी 80 प्रतिशत से कम अंक नहीं लाता है। हमारी आंतरिक परीक्षाएं विधिवत होती हैं और हमारे छात्रों में प्रतिभा में भी की कोई कमी है। सिर्फ टॉपर की सूची की कसौटी पर प्रतिभा का आकलन नहीं किया जा सकता है।" प्राचार्य तो नहीं ही बात करने को किसी नंबर पर उपलब्ध थे, उप-प्राचार्य के पास भी वास्तविक जवाब नहीं है कि टॉपर्स की फैक्ट्री पर इतराने वाले स्कूल को अब प्रतिभा की कसौटी समझाने की जरूरत क्यों पड़ रही। उलटा वह दावा करते हैं- "न हमारी मेहनत में कोई कमी आयी है, न समर्पण में और न ही कर्तव्यनिष्ठा में फिर भी हम और बेहतर करने की कोशिश करेंगे।"
परीक्षार्थियों की बातों में दम- हम इंग्लिश मीडियम, परीक्षक हिंदी वाले
प्राचार्य और उप-प्राचार्य से बेहतर परीक्षार्थी हैं, जिन्होंने साफ कहा कि हम अंग्रेजी मीडियम से पढ़ते हैं और हमारी लिखी कॉपियां हिंदी मीडियम के शिक्षक जांचते हैं। इसके अलावा, विद्यार्थी कोचिंग से पढ़कर आने वालों की वस्तुनिष्ठ प्रश्नों पर पकड़ बेहतर बताते हैं। वह कहते हैं कि वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की संख्या बढ़ाए जाने के कारण विषयनिष्ठ अच्छी जानकारी रखने वाले बच्चे कंठस्थ कर नहीं जाते हैं और कई बार ऐसे प्रश्नों के साथ तैयारी नहीं करने का असर सीधे अंकों पर पड़ता है।
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