पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आन के लिए हत्या (ऑनर किलिंग) के मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के सभी सेशन जज व डीजीपी को आदेश दिए हैं कि केसों की जांच तीन माह में पूरी हो तथा ट्रायल का निपटारा करने में 6 माह से ज्यादा समय न लगे। हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही गवाहों को बुलाने के लिए सख्ती करनी पड़े या रोज सुनवाई करनी पड़े परंतु ट्रायल को लटकने न दिया जाए।
आन के लिए हत्या के बढ़ते मामलों को लेकर संज्ञान लिया और सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने अधीन आने वाले सभी सेशन जजों को आदेश दिया है कि इन मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए विशेष अदालतों में सुनवाई होनी चाहिए। जिन अदालतों को यह केस सौंपे जाएं, उन्हें हिदायत दी जाए कि इनका ट्रायल 6 माह के भीतर निपटाना है। हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश केवल नए मामलों पर नहीं बल्कि पहले से लंबित मामलों पर भी लागू होंगे।
हाईकोर्ट ने विषय को गंभीर मानते हुए हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के गृह सचिव, वित्त सचिव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिव की कमेटी एक माह के भीतर गठित करने का आदेश दिया है। कमेटी को तीन माह में अपनी सिफारिशें देनी होंगी। कमेटी रिपोर्ट देते हुए इस बात का ध्यान रखेगी कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए इन्हें तैयार करेगी। रिपोर्ट को आधार बनाकर नीतिगत कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आन के लिए हत्या (ऑनर किलिंग) के मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ के सभी सेशन जज व डीजीपी को आदेश दिए हैं कि केसों की जांच तीन माह में पूरी हो तथा ट्रायल का निपटारा करने में 6 माह से ज्यादा समय न लगे। हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही गवाहों को बुलाने के लिए सख्ती करनी पड़े या रोज सुनवाई करनी पड़े परंतु ट्रायल को लटकने न दिया जाए।
आन के लिए हत्या के बढ़ते मामलों को लेकर संज्ञान लिया और सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अपने अधीन आने वाले सभी सेशन जजों को आदेश दिया है कि इन मामलों का जल्द निपटारा करने के लिए विशेष अदालतों में सुनवाई होनी चाहिए। जिन अदालतों को यह केस सौंपे जाएं, उन्हें हिदायत दी जाए कि इनका ट्रायल 6 माह के भीतर निपटाना है। हाईकोर्ट ने कहा कि आदेश केवल नए मामलों पर नहीं बल्कि पहले से लंबित मामलों पर भी लागू होंगे।
हाईकोर्ट ने विषय को गंभीर मानते हुए हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ के गृह सचिव, वित्त सचिव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरणों के सदस्य सचिव की कमेटी एक माह के भीतर गठित करने का आदेश दिया है। कमेटी को तीन माह में अपनी सिफारिशें देनी होंगी। कमेटी रिपोर्ट देते हुए इस बात का ध्यान रखेगी कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए इन्हें तैयार करेगी। रिपोर्ट को आधार बनाकर नीतिगत कार्रवाई की जिम्मेदारी राज्य सरकारों की होगी।